Mass Cheating: भिंड। कई दशकों तक नकल के लिए बदनाम रहा चंबल अंचल का भिंड जिला एक बार फिर सुर्खियों में है।
महाविद्यालयीन परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल का सीसीटीवी लहार एसडीएम विजय यादव द्वारा परीक्षा केंद्र में जांच के दौरान सामने आया है।
एसडीएम विजय यादव ने तीन छत्रों के नकल प्रकरण भी बनाये हैं, साथ ही इस सामूहिक नक़ल के मामले को संगठित अपराध मानते हुए कलेक्टर को परीक्षाएं रद्द करवाने के लिए पत्र लिखा है।
वहीं लीड कॉलेज एमजेएस के प्राचार्य ने भी सामूहिक नकल (Mass Cheating) का मामला संज्ञान में आने की बात स्वीकार करते हुए आलमपुर कॉलेज के प्राचार्य को शोकॉज नोटिस देने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार जीवाजी विश्वविद्यालय की बीएससी की परीक्षाएं चल रही हैं जिनमें दबोह के निजी दुर्गा प्रसाद सराफ कॉलेज, सिद्धपुर के बी.आर. आंबेडकर कॉलेज और स्वयंप्रभा कॉलेज के छात्रों का एग्जाम सेंटर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दबोह में बनाया गया था।
यहां पर इन्हीं तीनों निजी कॉलेज के शिक्षक और शासकीय महाविद्यालय दबोह के अतिथि शिक्षक ड्यूटी दे रहे थे जिन पर सामूहिक नकल करवाने की आरोप लगे हैं।
दरअसल, 2016 से पहले तक भिंड चंबल अंचल का भिंड जिला बोर्ड परीक्षाओं में नकल के लिए बदनाम था और यहां पर एमपी, यूपी, राजस्थान और महाराष्ट्र तक के छात्र नकल से पास होने के लिए प्रवेश लेते थे।
लेकिन, बोर्ड परीक्षाओं में नकल (Mass Cheating) को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए 2016 में पदस्थ तत्कालीन कलेक्टर ईलैया राजा टी, पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन, जिला पंचायत सीईओ प्रवीण कुमार की तिकड़ी ने जो प्रयास किया था उसके चलते आज तक बोर्ड परीक्षाएं नकल रहित संपन्न हो रही हैं।
अब एक बार फिर महाविद्यालय ने परीक्षाओं में सामूहिक नकल के वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर भिंड जिला कलंक की कालिख से काला हो गया है।