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बलौदा बाजार हिंसा: अब तक 120 प्रदर्शनकारी हिरासत में, धारा 144 लागू

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Manish Kumar
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Baloda Bazar Violence Case: रायपुर/बलौदा बाजार। छत्‍तीसगढ़ के बलौदा बाजार में कलेक्टर-एसपी दफ्तर में सोमवार को हुई तोड़फोड़ व आगजनी के मामले में 120 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है जबकि अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की छापेमारी लगातार जारी है।

बलौदा बाजार जिले में सतनामी समाज के उग्र प्रदर्शन के बाद राज्य सरकार एक्‍शन में आई और जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं और ड्रोन कैमरों से मिले फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। साथ ही साथ प्रदर्शन के आयोजकों से भी पूछताछ की जा रही है।

पुलिस की शुरुआती जांच में यह जानकारी निकल कर सामने आ रही है कि हिंसा की योजना पूर्व सुनियोजित थी। तकरीबन 8 हजार की भीड़ में शामिल उपद्रवी पेट्रोल-डीजल लेकर आए थे।

दूसरी तरफ विपक्ष ने इस हिंसा के मामले में सरकार की लापरवाही पर ठीकरा फोड़ा है जबकि राज्य सरकार ने घटनाक्रम की जांच के आदेश दिए हैं। सतनामी समाज ने भी घटना के दूसरे दिन सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की है।

सूत्रों की मानें तो हिंसा की गाज बलौदा बाजार एसपी और कलेक्टर पर गिर सकती है। सीएम विष्णुदेव साय ने लोगों से शांति और सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की है और सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि बलौदा बाजार में सतनामी समाज का 17 मई से चल रहा प्रदर्शन सीबीआई जांच की मांग को लेकर सोमवार शाम को उग्र हो गया और प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की शाम कलेक्टर और एसपी ऑफिस में आग लगा दी। इस दौरान जमकर पथराव किया गया, 200 से अधिक दोपहिया और तकरीबन 50 चारपहिया वाहनों को फूंक दिया गया।

भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन तथा पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा से वहां के हालात की जानकारी ली।

जानकारी के मुताबिक, 15 मई की देर रात सतनामी समाज के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब पांच किलोमीटर दूर मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिह्न जैतखाम को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था और पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया था।

प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस असली दोषियों को बचाने का काम कर रही है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने रविवार को ही इस मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की थी, लेकिन समाज के लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे।

वे सोमवार दोपहर लगभग ढाई बजे ज्ञापन देने के लिए कलेक्टर परिसर पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
प्रदर्शनकारी और पुलिस बल के बीच झड़प शुरू हो गई। बैरिकेड को तोड़कर भीड़ कलेक्टर परिसर में पहुंच गई।

लोगों ने पथराव के साथ गाड़ियों में तोड़फोड़ और आग लगाना शुरू कर दिया। इससे कलेक्टर परिसर के कई विभागों के दस्तावेज जलकर राख हो गए।

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