Homeन्यूजछात्रा को थप्पड़ मारने वाली तहसीलदार के खिलाफ नोटिस जारी, कांग्रेस बोली-...

छात्रा को थप्पड़ मारने वाली तहसीलदार के खिलाफ नोटिस जारी, कांग्रेस बोली- “प्रदेश में खाद मांगना गुनाह”

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Chhatarpur Tehsildar slap case: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के सौंरा मंडल में खाद वितरण के दौरान नायब तहसीलदार ऋतु सिंघई द्वारा एक छात्रा को थप्पड़ मारने की घटना ने बवाल खड़ा कर दिया है।

इस मामले में कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने संज्ञान लेते हुए नायब तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और तत्काल जवाब मांगा है।

नोटिस में कहा गया है कि उनका यह कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के विपरीत है।

नायब तहसीलदार ने मारा था छात्रा को थप्पड़ 

बुधवार को सौंरा मंडी परिसर में खाद वितरण का कार्यक्रम चल रहा था।

परा गांव की एमए तीसरे सेमेस्टर की छात्रा गुड़िया पटेल खाद लेने पहुंची थीं।

गुड़िया ने बताया कि वह दो महीने से खाद लेने आ रही हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रही थी।

आज जब उन्होंने नायब तहसीलदार ऋतु सिंघई से टोकन मांगा तो उन्होंने कहा कि महिलाओं को टोकन नहीं मिलेंगे, केवल पुरुषों को मिलेंगे।

जब गुड़िया ने दोबारा टोकन मांगा तो नायब तहसीलदार ने उन्हें थप्पड़ मार दिया।

गुड़िया के अनुसार, नायब तहसीलदार ने कहा कि टोकन देने का समय सुबह 9 बजे तक था और अब 11 बज रहे हैं।

भीड़ बढ़ने के कारण टोकन बांटना बंद कर दिया गया है और अब 6 दिसंबर से टोकन दिए जाएंगे।

छात्रा ने लगाए कालाबाजारी के आरोप

गुड़िया पटेल ने आरोप लगाया कि मंडी में 15 ट्रक खाद रखी हुई है, लेकिन उसे कालेधन में बेचा जा रहा है।

उन्होंने नायब तहसीलदार पर मिलीभगत और कमीशन लेकर खाद की कालाबाजारी करवाने का आरोप लगाया।

उन्होंने बताया कि लगभग 250 महिलाएं रात 2 बजे से ही खाद के लिए लाइन में खड़ी थीं, लेकिन किसी को खाद नहीं मिल रही थी।

गुड़िया ने कहा, “मेरी 5 दिसंबर को परीक्षा है। मैं पढ़ाई छोड़कर खाद लेने के लिए लाइन में लगी हूं। एक महीने से मुझे खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। टोकन चार-चार दिन तक बांटे जा रहे हैं, लेकिन पैसे देने के बाद भी खाद नहीं मिल रही है। यह कैसा नियम है?”

Chhatarpur,fertilizer controversy, Naib Tehsildar, Tehsildar slap case, Chhatarpur fertilizer controversy, Naib Tehsildar slap case, Gudiya Patel, Ritu Singhai, Collector Parth Jaiswal, show cause notice, fertilizer black marketing, Madhya Pradesh,farmers problems, women farmers, mp news

नायब तहसीलदार का बयान

नायब तहसीलदार ऋतु सिंघई ने मीडिया से कहा कि कुछ महिलाएं पुरुषों की लाइन में घुसकर व्यवस्था फैला रही थीं, इसलिए उन्हें रोका गया।

हालांकि, इस बयान से स्थिति शांत नहीं हुई।

Chhatarpur,fertilizer controversy, Naib Tehsildar, Tehsildar slap case, Chhatarpur fertilizer controversy, Naib Tehsildar slap case, Gudiya Patel, Ritu Singhai, Collector Parth Jaiswal, show cause notice, fertilizer black marketing, Madhya Pradesh,farmers problems, women farmers, mp news

कलेक्टर की कार्रवाई

कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की।

उन्होंने नायब तहसीलदार को जारी नोटिस में कहा है, “आपका कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के विपरीत है। अतएव उक्त संबंध में आप अपना स्पष्टीकरण आज ही प्रस्तुत करें कि क्यों न उक्त लापरवाही के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। जवाब समय सीमा में एवं संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर आपके विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।”

कांग्रेस बोली- यह सुशासन नहीं, कुशासन की पराकाष्ठा  

कांग्रेस नेता उमंघ सिंघार ने लिखा- यह सुशासन नहीं, कुशासन की पराकाष्ठा है। मध्यप्रदेश में किसान अगर खाद मांगे, तो प्रशासन थप्पड़ बरसाता है! क्या प्रदेश में अब खाद मांगना गुनाह हो गया है?

रातों रात लाइन में लगने वाली गरीब महिलाएं, छात्राएं, जिनके सपने किताबों में थे अब सरकारी थप्पड़ों में बदल दिए गए। और भाजपा सरकार कहती है—“सबका साथ, सबका विकास” कितना बड़ा मज़ाक है!

मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि इस घटना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए ऐसे अधिकारी के खिलाफ तुरंत और सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाए।

यह घटना प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये और किसानों के साथ हो रहे व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

एक तरफ जहां किसान समय पर खाद न मिलने से परेशान हैं, वहीं दूसरी तरफ एक छात्रा के साथ हिंसक व्यवहार ने पूरे प्रशासन की छवि को धूमिल किया है।

कलेक्टर द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई से यह उम्मीद जगी है कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और किसानों को न्याय मिलेगा।

- Advertisement -spot_img