Bhopal Chhath Puja Temple: सूर्य उपासना के महापर्व छठ का आज सबसे महत्वपूर्ण दिन है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व पर आज संध्या के समय अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
भोपाल की राजधानी में इस पावन अवसर पर 52 घाटों पर लाखों श्रद्धालु जमा होंगे।
घाटों पर छठ मैया के भजन और पारंपरिक लोकगीतों की मधुर ध्वनि गूंज उठेगी।
इसके साथ ही, भोपाल में मध्य प्रदेश के पहला छठ मैया मंदिर का लोकार्पण समारोह भी आयोजित किया जाएगा।
भगवान सूर्य की उपासना एवं लोक आस्था के पावन पर्व ‘छठ पूजा’ पर बिहार सहित सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!
यह दिव्य पर्व मानव और प्रकृति के बीच आस्था, कृतज्ञता तथा संतुलन का प्रतीक है। इस महापर्व के अवसर पर मैं छठी मईया से प्रार्थना करता हूं कि यह दिव्य पर्व सभी… pic.twitter.com/9sMWMpF9L1
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 27, 2025
घाटों पर रौनक
भोपाल में छठ पर्व के लिए उत्साह और आस्था का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है।
शहर के सभी 52 घाटों को नगर निगम और प्रशासन द्वारा चमक-दमक के साथ सजाया गया है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
घाटों की साफ-सफाई, रंग-रोगन, बिजली की रोशनी, चलित शौचालय, चेंजिंग रूम और पीने के पानी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
शीतलदास की बगिया, कमला पार्क, सनसेट पाइंट के नाम से मशहूर वर्धमान पार्क, खटलापुरा घाट और प्रेमपुरा घाट जैसे प्रमुख स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
प्रशासन ने की पूरी तैयारी
इसी के साथ सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
पुलिस बल, गोताखोरों की टीम और मेडिकल सहायता केंद्र घाटों पर तैनात किए गए हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने भी प्रमुख घाटों के आसपास यातायात व्यवस्था और पार्किंग का विशेष प्रबंध किया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
Bhopal, Madhya Pradesh: Minister Vishwas Sarang inspects Chhath ghat ahead of Chhath Puja pic.twitter.com/a50iyVoMh7
— IANS (@ians_india) October 22, 2025
संध्या अर्घ्य: अस्त होते सूर्य को दूध और जल से देंगे अर्घ्य
छठ पूजा का यह तीसरा दिन ‘संध्या अर्घ्य’ के नाम से जाना जाता है।
आज पूरा दिन व्रती महिलाएं और परिवार के सदस्य पूजा की तैयारियों में जुटे रहेंगे।
प्रसाद के रूप में मुख्य रूप से ठेकुआ (या टिकरी), चावल के लड्डू, सांचा (चावल का पकवान) और तरह-तरह के मौसमी फल तैयार किए जाएंगे।
शाम को पूजा का समय होने पर व्रती बांस की बनी टोकरी (दउरा) और सूप में फल, ठेकुआ और दीपक सजाएंगे।

संध्या के समय, जब सूर्य देव पश्चिम दिशा में अस्त होने लगेंगे, तब सभी श्रद्धालु घाटों पर पहुंचकर नदी या तालाब के जल में खड़े होकर अस्त होते सूर्य को दूध और जल से अर्घ्य अर्पित करेंगे।
इस दौरान व्रती अपने हाथों में सजे हुए सूप को लेकर सूर्य देव और छठी मैया की आराधना करेंगे।
मान्यता है कि संध्या के समय सूर्य को अर्घ्य देने से नेत्र ज्योति बढ़ती है और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अर्घ्य देने के बाद पूरी रात घाटों पर भजन-कीर्तन और जागरण का दौर चलेगा।
#WATCH | Bhopal is all set for Chhath Puja 2025. Devotees throng markets to buy fruits, diyas, and other essentials, while ghats and homes prepare for the sacred rituals.#Bhopal #ChhathPuja #Devotees #Diyas #Ghats #MadhyaPradesh pic.twitter.com/7sF2z4cw1G
— The Federal (@TheFederal_News) October 26, 2025
मध्य प्रदेश का पहला छठ मैया मंदिर
इस साल का छठ पर्व भोपाल के लिए एक विशेष उपलब्धि लेकर आया है।
लिंक रोड नंबर 3 स्थित 5 नंबर छठ घाट पार्क में मध्य प्रदेश का पहला छठ मैया मंदिर बनकर तैयार हो गया है।
यह स्थान पहले से ही श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है, लेकिन अब यहां एक भव्य मंदिर की स्थापना ने इसे ऐतिहासिक बना दिया है।
इस मंदिर की सबसे रोचक और चमत्कारिक कहानी छठ मैया की प्रतिमा के निर्माण की है।
इस प्रतिमा को बनाने में कुल तीन बार प्रयास किए गए।
जयपुर के राज्य सम्मानित कलाकार महावीर भारती और निर्मला ने मकराना संगमरमर से इस मूर्ति को तराशा।
लेकिन इस दौरान दो बार 16 टन वजनी पत्थर बीच में ही टूट गया।
तीसरे प्रयास में 8-8 टन के दो ब्लॉक्स पर बारीक नक्काशी करके यह प्रतिमा पूर्ण रूप में तैयार हो सकी।
करीब दस कलाकारों ने तीन महीने तक लगातार मेहनत करके इस स्वरूप को आकार दिया।

सूर्य देव के सात घोड़ों वाले रथ पर विराजमान हैं छठ मैया
यह प्रतिमा अपने आप में अद्वितीय है। यह 6 फीट लंबी, 4 फीट चौड़ी और 5 फीट ऊंची है।
इसमें छठ मैया को सूर्य देव के सात घोड़ों वाले रथ पर बैठा दिखाया गया है।
पारंपरिक रूप से छठ मैया की पूजा निराकार रूप में होती आई है, लेकिन भोपाल के इस मंदिर में पहली बार उन्हें सूर्य भगवान के स्वरूप में एक साकार आकार दिया गया है।

आज होगा मंदिर का भव्य लोकार्पण
भोजपुरी भाषी विकास संघ के अध्यक्ष प्रेम नारायण उर्फ लक्ष्मण गिरी के अनुसार, यह मंदिर न केवल भोपाल बल्कि पूरे प्रदेश के लिए आस्था और गर्व का केंद्र बनेगा। यह देश का चौथा छठ मैया मंदिर है।
इस ऐतिहासिक मंदिर का लोकार्पण आज, 27 अक्टूबर को एक भव्य समारोह में किया जाएगा।
यह मंदिर उत्तर प्रदेश और बिहार से शुरू हुई छठ परंपरा का एक प्रतीक है, जो अब पूरे देश और विदेशों में फैल चुकी है।


