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‘MP की महिलाएं पीती हैं सबसे ज्यादा शराब’: जीतू के बयान पर भड़के CM मोहन, बोले- माफी मांगो

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Cm Mohan on jitu patwari: मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के एक बयान ने राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने की कोशिश की, लेकिन अब भाजपा नेता उनके खिलाफ पूरी ताकत से हमलावर हो गए हैं।

यह विवाद प्रदेश में महिलाओं द्वारा शराब की खपत को लेकर है।

दिलचस्प बात ये है कि जीतू ने ये बयान उस दिन दिया है जब पूरे प्रदेश की महिलाएं हरतालिका तीज का त्यौहार मना रही हैं।

क्या कहा था जीतू पटवारी ने?

सोमवार को भोपाल में अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जीतू पटवारी ने प्रदेश में बढ़ती नशाखोरी, बेरोजगारी और कुपोषण जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार पर सवाल उठाए। इसी कड़ी में उन्होंने कहा,

मध्य प्रदेश को एक तमगा मिला है कि महिलाएं सबसे ज्यादा शराब पीती हैं। अगर पूरे देश में कहीं पीती हैं तो मप्र की पीती हैं। यह समृद्ध मप्र का सपना देखने वाली भाजपा ने मप्र के हालात कर दिए हैं। देश में शराब का सबसे ज्यादा खपत कहीं है तो मप्र में है।”

पटवारी ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नशे की गंभीर समस्या को नजरअंदाज किया है।

उनका कहना था कि भाजपा के लंबे कुशासन के कारण ही प्रदेश की यह दशा हुई है कि यहां की बहनें सबसे ज्यादा नशा कर रही हैं।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- माफी मांगे कांग्रेस

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जीतू पटवारी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे प्रदेश की महिलाओं का अपमान करार दिया।

सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार ‘लाड़ली बहनों’ के लिए लगातार काम कर रही है, जबकि कांग्रेस ने कभी भी महिलाओं को तवज्जो नहीं दी और न ही लाड़ली लक्ष्मी या लाड़ली बहना जैसी योजनाएं चलाईं।

सीएम यादव ने आगे कहा, “कांग्रेस के लोग कभी लाड़ली बहनों को बोरे में भरकर पटकने की बात करते हैं, तो कभी उन्हें शराबी कहते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। तीज जैसे पावन पर्व पर यह बयान और भी शर्मनाक है। जीतू पटवारी को तत्काल माफी मांगनी चाहिए।”

भाजपा नेताओं ने किया विरोध

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पटवारी की कड़ी निंदा करते हुए लिखा कि जब देशभर की करोड़ों महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं, ऐसे पवित्र दिन पर यह बयान भारतीय संस्कृति और महिलाओं की आस्था का घोर अपमान है। उन्होंने जीतू पटवारी से महिलाओं से माफी मांगने की demand की।

भाजपा की प्रवक्ता नेहा बग्गा ने पटवारी पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, “जब किसी नेता की सोच खोखली हो तो वह महिलाओं को बदनाम करने के लिए झूठे आंकड़ों का सहारा लेता है। जीतू पटवारी का बयान सिर्फ आंकड़ों की नहीं, महिलाओं के सम्मान की हत्या है। ये महिला नहीं, आपकी मानसिकता नशे में डूबी है।”

भाजपा की महिला मोर्चा ने भी इस बयान के खिलाफ पुतला दहन करने का ऐलान किया है।

सुधांशु त्रिवेदी ने भी किया पोस्ट

“कांग्रेस का चेहरा कितना महिला विरोधी है, इसका एक अत्यंत निंदनीय उदाहरण मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान से सामने आया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अधिकांश महिलाएं शराब पीती हैं, और सर्वाधिक शराब पीती हैं। यह बयान न केवल मध्य प्रदेश की महिलाओं का अपमान है, बल्कि कांग्रेस की महिला विरोधी कुत्सित मानसिकता का एक अशोभनीय उदाहरण है।”

विपक्ष के निशाने पर है पटवारी का बयान

इस बयान ने जीतू पटवारी को उनके अपने ही विरोधियों के निशाने पर ला खड़ा किया है।

भाजपा नेता और विधायक रामेश्वर शर्मा ने इसे प्रदेश की आधी आबादी का अपमान बताया है।

भाजपा ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से भी पटवारी को ‘समझाने’ की अपील की है।

हालांकि, पटवारी ने अपने बयान के पीछे के इरादे को स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य महिलाओं का अपमान करना नहीं, बल्कि भाजपा सरकार द्वारा नशे की समस्या को नजरअंदाज करने की ओर ध्यान दिलाना था।

उन्होंने कहा कि जब तक इस गंभीर मुद्दे का हल नहीं निकाला जाता, प्रदेश का विकास संभव नहीं है।

यह विवाद राज्य में सियासी गर्मी को और बढ़ा सकता है, जहां दोनों प्रमुख दल पहले से ही एक-दूसरे पर निशाना साधते रहते हैं।

#महिला_विरोधी_कांग्रेस

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