Mohan Yadav On wedding spend: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार, 13 दिसंबर को भोपाल-इंदौर राजमार्ग पर बनने वाले भव्य ‘विक्रमादित्य द्वार’ का भूमिपूजन किया।
इस अवसर पर उन्होंने जहां एक ओर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के प्रयासों पर प्रकाश डाला, वहीं दूसरी ओर जनता को सादगी और जिम्मेदारी का महत्वपूर्ण संदेश भी दिया।
इस कार्यक्रम को प्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भी आयोजित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने इस मंच से लोगों को सीधा संबोधित करते हुए सादगी अपनाने की सलाह दी।

“दिखावे से बचें, शिक्षा पर खर्च करें”: सीएम का संदेश
उनका कहना था कि शादी और मृत्यु भोज जैसे अवसरों पर फिजूलखर्ची और दिखावा नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “अगर परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए तो बड़ा खर्च न करें। इससे अनावश्यक कर्ज लेना पड़ता है। गरीब व्यक्ति तो जमीन गिरवी रख देता है। हमें अपनी जमीन, अपनी विरासत बचाकर रखनी है।”
उन्होंने शादी-समारोहों में भी सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने का आग्रह किया और कहा कि पैसे बचाकर बच्चों की शिक्षा पर खर्च करना चाहिए।

“मैंने खुद सामूहिक विवाह में करवाई बेटे की शादी”
अपनी बात पर जोर देते हुए सीएम डॉ. यादव ने खुलासा किया कि उन्होंने भी अपने बेटे डॉ. अभिमन्यु यादव की शादी 30 नवंबर को उज्जैन में एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में ही संपन्न करवाई थी।
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में गरीब और हर वर्ग के बच्चे शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ‘सबका साथ, सबका विकास’ कहते हैं। यह बोलने से नहीं, करके दिखाने से होता है।”
उन्होंने प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप का उदाहरण भी दिया, जो एक धनाढ्य व्यक्ति होते हुए भी सादगी से परिवार के सीमित लोगों के बीच ही शादी समारोह करते हैं।
मध्यप्रदेश के सभी नागरिकों के आशीर्वाद और सहयोग से “विकास और सेवा” के सफलतम दो वर्ष पूर्ण हुए हैं। आगामी वर्षों में भी हम ‘विकसित मध्यप्रदेश’ के संकल्प की सिद्धि हेतु सतत् समर्पित रहेंगे।
आत्मीयता व स्नेह के लिए आप सभी का ह्रदय से धन्यवाद और आभार व्यक्त करता हूं।… pic.twitter.com/Mwl1o9PGgY
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 13, 2025
भोपाल की नई पहचान: विक्रमादित्य द्वार
मुख्यमंत्री ने भोपाल के फंदा क्षेत्र (जिसका नाम अब हरिहर नगर रखे जाने की घोषणा की गई) में इस ऐतिहासिक द्वार का शिलान्यास किया।
यह द्वार उज्जैन स्थित विक्रमादित्य द्वार के समान ही भव्य होगा। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:
- ऊंचाई: लगभग 24.4 फीट (ढाई मंजिल के बराबर)।
- संरचना: सिक्सलेन सड़क पर तीन पिलरों पर बनेगा। मध्य पिलर पर सम्राट विक्रमादित्य की प्रतिमा स्थापित होगी।
- लागत: करीब 5 करोड़ रुपए।
- उद्देश्य: यह द्वार प्रदेश की सांस्कृतिक गरिमा और विकास के प्रतीक के रूप में बनेगा।
सम्राट विक्रमादित्य, राजाभोज सहित अन्य महापुरुषों के नाम पर स्थापित होंगे द्वार…
आज भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में ‘सम्राट विक्रमादित्य प्रवेश द्वार’ और पीएम ई-बस सेवा योजनांतर्गत अत्याधुनिक ‘ई-बस डिपो’ का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर तुमड़ा गांव में सरदार पटेल स्कूल के निर्माण… pic.twitter.com/alE2LvPIy2
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 13, 2025
कांग्रेस पर निशाना, महिला सम्मान पर जोर
मुख्यमंत्री ने इस दौरान विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हर चीज में राजनीति देखते हैं।
उन्होंने प्रदेश की लाड़ली बहना योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि जब सरकार महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता देती है, तो कांग्रेस नेता उसकी भी आलोचना करते हैं, जो शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि महिलाएं गंगाजल की तरह पवित्र होती हैं और उनका सम्मान करना हमारी संस्कृति है।
इस अवसर पर सीएम ने सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज, श्रीराम और श्रीकृष्ण के योगदान को भी याद किया।
13 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को विकसित प्रदेश बनाने की शपथ ली।
आज उसी संकल्प के साथ विकास, सेवा और सुशासन के दो वर्ष पूर्ण हो रहे हैं।
जहां हर निर्णय में जनकल्याण, हर योजना में प्रगति और हर कदम में भविष्य की झलक है।@DrMohanYadav51… pic.twitter.com/bL4oJLAbIZ
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 13, 2025
अन्य घोषणाएं:
- भोपाल और इंदौर के आसपास के जिलों को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन शहर विकसित करने की योजना।
- भोपाल में पीएम ई-बस सेवा के लिए डिपो के निर्माण का भूमिपूजन।
इस प्रकार, इस कार्यक्रम में सीएम ने एक ओर विकास और संस्कृति के प्रतीकों को आगे बढ़ाया, तो दूसरी ओर समाज में सादगी और जिम्मेदारी का महत्वपूर्ण सार्वजनिक संदेश दिया।


