आलीराजपुर/जबलपुर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आलीराजपुर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
इस मौके पर सीएम ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला।
बिहार में हाल में घोषित चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जोरदार झाड़ू लग गई है और अब ‘पप्पू की चप्पू-टप्पू’ बंद होने वाली है।
बिहार नतीजों पर सीएम का कांग्रेस पर हमला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा,
“कांग्रेस और उनके राजकुमार ने वोट के अधिकार को लेकर बिहार को कितना बदनाम कर दिया था। कल वहां जोरदार झाड़ू लगी है कांग्रेस की। जनता चाहती है कि इस राजकुमार को घर भेजना पड़ेगा। पप्पू की चप्पू-टप्पू सब बंद होने वाली है।”
उनकी यह टिप्पणी बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर केंद्रित थी।
सीएम ने कहा कि देश की जनता अब परिवारवाद की राजनीति से ऊब चुकी है और विकास के मुद्दों को तरजीह दे रही है।
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की विरासत को हर नीति, हर निर्णय और हर कदम में आत्मसात करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार संकल्पित है।
पिछले दो वर्षों में जनजातीय समुदाय के कल्याण के नए आयाम गढ़ते हुए, हमने विकास को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। pic.twitter.com/dYVbZ5EIHG
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 15, 2025
बिरसा मुंडा व छीतू सिंह किराड़ की प्रतिमा का लोकार्पण
इससे पहले, सुबह 11.25 बजे आलीराजपुर पहुंचने पर सीएम यादव ने सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा और एक अन्य आदिवासी नेता छीतू सिंह किराड़ की प्रतिमाओं का लोकार्पण किया।
इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने छीतू सिंह किराड़ जैसे वीरों को कभी याद नहीं किया, जिन्होंने 1882 में ही अंग्रेजों के खिलाफ 7 हजार आदिवासियों की फौज खड़ी कर दी थी।
जनजातीय नायकों के अदम्य साहस और पराक्रम को नमन : CM@DrMohanYadav51 @TribalAffairsIn @WelfareTribal#जनजातीय_गौरव_दिवस_mp #BhagwanBirsaMunda150 pic.twitter.com/wOO9MXMbZG
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 15, 2025
244 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने आलीराजपुर जिले में कुल 244.51 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया।
इन कार्यों में सड़क निर्माण, जल आपूर्ति योजनाएं और शैक्षणिक Infrastructure शामिल हैं, जिनका सीधा लाभ स्थानीय जनजातीय समुदाय को मिलेगा।
“जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर विकास की सौगात”
भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज आलीराजपुर जिले में आयोजित राज्य स्तरीय ‘जनजातीय गौरव दिवस’ समारोह में सहभागिता कर ₹49.73 करोड़ लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन और 194.78 करोड़ लागत के… pic.twitter.com/hapFJ3Ey1C
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 15, 2025
कौन थे भगवान बिरसा मुंडा?
15 नवंबर, 1875 को झारखंड (तत्कालीन बिहार) में जन्मे बिरसा मुंडा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख जनजातीय नेता और लोकनायक थे।
उन्हें ‘धरती आबा’ (पृथ्वी का पिता) के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने अंग्रेजी शासन और जमींदारी व्यवस्था के खिलाफ ‘उलगुलान’ (महान विद्रोह) नामक एक शक्तिशाली आंदोलन की शुरुआत की।

समाज सुधार और ‘बिरसैत’ धर्म
बिरसा मुंडा ने केवल एक क्रांतिकारी ही नहीं, बल्कि एक समाज सुधारक के रूप में भी काम किया।
उन्होंने ‘बिरसैत’ नामक एक नए धर्म का प्रचार किया, जिसमें एक ईश्वर की उपासना, साफ-सफाई और अंधविश्वासों को छोड़ने पर बल दिया गया।
इसके जरिए उन्होंने आदिवासी समाज को संगठित और जागरूक किया।
जनजातीय अस्मिता व भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक तथा महान स्वाधीनता सेनानी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी को उनकी जयंती पर नमन।
मोदी जी ने उनकी जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत कर उनका सम्मान किया है।धरती आबा ने एक ओर आदिवासी समाज को अपनी संस्कृति और अधिकारों… pic.twitter.com/46Nqd9fUMH
— Amit Shah (@AmitShah) November 15, 2025
उलगुलान आंदोलन: जल, जंगल, जमीन के अधिकार की लड़ाई
बिरसा मुंडा का उलगुलान आंदोलन मुख्य रूप से आदिवासियों के ‘जल, जंगल और जमीन’ पर उनके पारंपरिक अधिकारों की रक्षा के लिए था।
अंग्रेजों की लागन व्यवस्था और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ इस आंदोलन ने एक बड़ा जनाधार बनाया।
बिरसा ने गुरिल्ला युद्ध तकनीक अपनाकर अंग्रेजी सेना को कड़ी टक्कर दी।
महान स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी जननायक धरती आबा भगवान “बिरसा मुंडा जी” की 150वीं जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन !!
उनकी विचारधारा हम सभी को हमेशा मार्गदर्शित करता रहेगा !
#बिरसा_मुंडा_जयंती #JanjatiyaGauravDiwas#BhagwanBirsaMunda150 pic.twitter.com/H7Y20KsXKX
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) November 15, 2025
मध्य प्रदेश के जनजातीय समुदायों पर प्रभाव
हालांकि बिरसा मुंडा का कार्यक्षेत्र झारखंड था, लेकिन उनकी प्रेरणा मध्य प्रदेश के गोंड, भील सहित अन्य जनजातीय समुदायों तक पहुंची।
उनके संघर्ष ने पूरे मध्य भारत के आदिवासियों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।

बलिदान और विरासत
अंग्रेजों ने 1900 में बिरसा मुंडा को गिरफ्तार कर लिया और 9 जून, 1900 को मात्र 25 वर्ष की आयु में रांची जेल में उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई।
उनका संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक स्वर्णिम अध्याय बन गया।
उनके सम्मान में भारत सरकार ने उनके जन्मदिन 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में घोषित किया है।


