Cough Syrup Child Death: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 9 बच्चों की मौत के मामले मे लगातार नए खुलासे हो रहे हैं।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने जब इसकी जांच शुरू की, तो पता चला कि सभी बच्चों ने एक खास ब्रांड का कफ सिरप पिया था।
इस सिरप का नाम ‘कोल्ड्रिफ’ था, जिसे तमिलनाडु स्थित ‘श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स’ कंपनी द्वारा बनाया गया था।
संदिग्ध सिरप के बैच (SR-13) के नमूने तुरंत जांच के लिए भेजे गए।
तमिलनाडु सरकार द्वारा की गई जांच में इस सिरप में 48.6% तक जहरीले केमिकल की मिलावट पाई गई है।
तमिलनाडु सरकार की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
राज्य के ड्रग्स कंट्रोल विभाग की टीम ने कांचीपुरम जिले की श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की यूनिट का दौरा किया और सैंपल जब्त किए। इन सैंपल्स की जांच चेन्नई की सरकारी लैब में की गई।
जांच रिपोर्ट ने एक भयावह तस्वीर पेश की। रिपोर्ट के मुताबिक, संदिग्ध बैच SR-13 के कोल्ड्रिफ सिरप में 48.6% w/v डाईथाइलीन ग्लॉयकाल (Diethylene Glycol) नामक जहरीला केमिकल पाया गया।
यह केमिकल इंसानों के लिए अत्यंत विषैला होता है और यह किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, जिससे मौत भी हो सकती है।
जांच में यह भी पाया गया कि कंपनी ने सस्ता और नॉन-मेडिकल ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकॉल इस्तेमाल किया था, जो डाईथाइलीन ग्लॉयकाल और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे जहरीले पदार्थों से दूषित था।
इस प्रकार सिरप ‘मानक गुणवत्ता’ का नहीं पाया गया।

छुट्टी के दिन भी चली कार्रवाई, तमिलनाडु सरकार ने लिए कड़े कदम
तमिलनाडु सरकार ने इस मामले में बेहद तेजी और गंभीरता दिखाई। 1 और 2 अक्टूबर को राज्य में सरकारी छुट्टी होने के बावजूद, मध्य प्रदेश सरकार की सूचना मिलते ही महज 27 मिनट के भीतर जांच के आदेश जारी कर दिए गए।
जांच रिपोर्ट आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने तुरंत ये कड़े कदम उठाए:
- पूरे तमिलनाडु राज्य में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया।
- सभी ड्रग इंस्पेक्टर्स को थोक और रिटेल दुकानों से इस सिरप का स्टॉक जब्त करने के आदेश दिए गए।
- कंपनी को ‘उत्पादन रोक’ का आदेश जारी किया गया।
- कंपनी का विनिर्माण लाइसेंस रद्द करने के लिए ‘शो-कॉज नोटिस’ भेजा गया।
- ओडिशा और पुडुचेरी जैसे अन्य राज्यों के अधिकारियों को भी इस संबंध में अलर्ट किया गया।
#WATCH | Tamil Nadu: Following the deaths of children in Chhindwara district of Madhya Pradesh after consuming a cough syrup prescribed by doctors, Madhya Pradesh State Food and Drug Controller Dinesh Kumar Maurya requested the Tamil Nadu State Drug Control Department to inspect… pic.twitter.com/Em6yEGNUMM
— ANI (@ANI) October 3, 2025
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बड़ा एक्शन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक बड़ा फैसला लिया।
उन्होंने पूरे मध्य प्रदेश राज्य में कोल्ड्रिफ सिरप पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
सिर्फ इतना ही नहीं, इस सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य सभी उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।
मुख्यमंत्री ने इस घटना को “अत्यंत दुखद” बताते हुए कहा कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।
सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 4, 2025
उन्होंने प्रभावित परिवारों से गहरी संवेदना व्यक्त की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
जांच के लिए बनाई टीम
राज्य सरकार ने इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच टीम भी गठित की है, जो दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी।
साथ ही, कंपनी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
MP BREAKING: मध्य प्रदेश में भी बैन हुआ Coldrif कफ सिरप, छिंदवाड़ा में इसी से हुई थी 9 बच्चों की मौत!#Coldrif #ColdrifBan #TamilNadu #Chhindwara #MadhyaPradesh #mohanyadav #CoughSyrupDeaths #CoughSyrup #BreakingNews
मोहन यादव | @DrMohanYadav51 | pic.twitter.com/A7lY1nPCZ4— Chautha Khambha (@chauthakhamba) October 4, 2025
केंद्र सरकार की सलाह: दो साल से छोटे बच्चों को न दें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के माता-पिता और डॉक्टरों के लिए एक अहम स्वास्थ्य सलाह जारी की है।
इसके तहत दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल नहीं दिए जाने की सिफारिश की गई है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसकी जांच में कफ सिरप के नमूनों में किडनी को नुकसान पहुंचाने वाला जहरीला रसायन नहीं पाया गया,
लेकिन तमिलनाडु सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में इन मौतों के लिए सिरप में मिले जहरीले पदार्थ को जिम्मेदार ठहराया है।
#WATCH | Bhopal, MP | Chhindwara cough syrup scare | Joint Director of Drugs Control, Tina Yadav says, “All the samples related to it have arrived and their testing is underway. After the testing is complete, we will be able to come to a conclusion. Before that, we are discussing… pic.twitter.com/alHf6wHFpB
— ANI (@ANI) October 3, 2025
बच्चों की दवा देते समय बरतें यह सावधानियां
स्वास्थ्य मंत्रालय के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज़ (DGHS) ने अपनी एडवाइजरी में न केवल छोटे बच्चों के लिए चेतावनी दी है, बल्कि बड़े बच्चों के लिए भी कुछ जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
DGHS की विशेषज्ञ डॉ. सुनीता शर्मा के मुताबिक, दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देना पूरी तरह से टालना चाहिए।
अगर बड़े बच्चों (2 साल से अधिक उम्र) को सिरप देना ही पड़े, तो उसकी मात्रा और समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सिरप देने से पहले डॉक्टर से सही खुराक और सेवन का तरीका अवश्य पूछ लेना चाहिए।
किसी भी सूरत में एक से ज्यादा दवाओं को एक साथ मिलाकर नहीं देना चाहिए और दवा देते समय बच्चे पर पूरी निगरानी रखनी चाहिए।
स्वास्थ्य प्रणाली पर सवाल
छिंदवाड़ा की यह त्रासदी न सिर्फ एक दुखद घटना है, बल्कि यह देश की दवा निगरानी प्रणाली में मौजूद चिंताजनक खामियों की ओर भी इशारा करती है।
यह घटना उस जानलेवा लापरवाही को उजागर करती है, जब निर्माता कंपनियां मुनाफे के चक्कर में लोगों की जान से खिलवाड़ करती हैं।
आम जनता के लिए यह जरूरी है कि वे किसी भी बिना डॉक्टर की सलाह वाली दवा का इस्तेमाल न करें और संदिग्ध उत्पादों की सूचना तुरंत स्वास्थ्य अधिकारियों को दें।
उम्मीद है कि इस घटना के बाद देश भर में दवा सुरक्षा को लेकर और सख्त नियम लागू होंगे ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके।