Bhopal Jail Petrol Pump : जेल…ये लफ्ज जहन में आते ही सलाखों के पीछे कैद खूंखार अपराधी और निर्दयी जेलर का खाका उभर जाता है।
लेकिन हकीकत ये है कि जेल बंदियों को उनके अपराध की सजा देने के लिए नहीं बल्कि उनके जीवन को नई दिशा देने का काम भी करते हैं।
नवाचार के जरिए ऐसे बहुत से सुधार किए जा चुके हैं, जो ऐसे कैदियों की दिशा को बदलने में बड़ी भूमिका अदा कर देते हैं।
कुछ ऐसा ही एक नवाचार मध्य प्रदेश की जेलों में किया जा रहा है ।
भोपाल जेल विभाग द्वारा जो पहल की गई है उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है।
बंदियों के हाथ में पेट्रोल पंप का नोजल
भोपाल की सेंट्रल जेल में पेट्रोल पंप शुरू होने जा रहा है। जो जेल के मुख्य द्वार के ठीक सामने स्थापित किया गया है।
वैसे तो बंदियों को क्रियाशील बनाए रखने के लिए कई सारे काम उन्हें सिखाए और कराए जाते हैं।
लेकिन, जिन हाथों में कभी हथियार हुआ करते थे अब उन हाथों में अब पेट्रोल पंप का नोजल दिखेगा।
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इस पेट्रोल पंप का शिलान्यास कर जेल प्रबंधन को इस नवाचार के लिए शुभकामनाएं दी।
इस पेट्रोल पंप में 9 ओपन जेल के बंदी रिफिलिंग और अन्य कार्य संभालेंगे, जबकि प्रबंधन की जिम्मेदारी दो प्रहरियों के हाथ में होगी।
पेट्रोल पंप का संचालन करेंगे बंदी
इस पेट्रोल पंप का पूरा संचालन यहां के बंदी करेंगे। वाहनों में पेट्रोल डीजल भरने से लेकर हिसाब किताब पूरा काम बंदियों के हाथ में होगा। जिसके लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी गई है।
इस पेट्रोल पंप का निर्माण 9687 स्क्वायर फीट हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने कराया है, जबकि जमीन जेल विभाग ने उपलब्ध कराई गई थी।
बता दें, ये प्रयोग सबसे पहले इंदौर जिले में किया गया था। 2020 में इंडियन ऑयल के सहयोग से जेल विभाग का पहला पेट्रोल पंप खुला था।
कुलजमा भोपाल सेंट्रल जेल में की जा रही ये अभिनव पहल गंभीर अपराधों में कैद बंदियों के जीवन में गुणात्मक सुधार लाने का काम करेगी और सूबे की अन्य जेलों में भी इस तरह के नवाचारों को प्रेरित करेगी।
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