कमलनाथ का आखिरी रण! छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
बीजीपी ने कांग्रेस छोड़कर आए कमलेश शाह को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस अभी तक इस सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए अपना कैंडिडेट तय नहीं कर पाई है।
हालांकि उम्मीदवार कोई भी हो, साख दांव पर कमलनाथ की ही होगी।
इसकी वजह भी है, छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस की हार के बाद कमलनाथ की सियासत पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि यहां पर विवेक बंटी साहू की जीत से ज्यादा नकुलनाथ की हार की चर्चा है।
मध्यप्रदेश की सियासत को समझने वाले ये जानते हैं कि ये कमलनाथ की सियासत का आखिरी मौका है। इसके पीछे वो बड़ी वजह भी बताते हैं।
कमलनाथ के लिए आखिरी रण क्यों?
- छिंदवाड़ा से कांग्रेस नहीं कमलनाथ जीतते थे, इसलिए नकुलनाथ की हार भी कमलनाथ की हार
- कमलनाथ के ज्यादातर करीबी नेता बीजेपी में शामिल
- बीजेपी में गए जबलपुर, छिंदवाड़ा, मुरैना महापौर कमलनाथ गुट के
- कमलनाथ के करीबी थे अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह
- बीजेपी में जाने की अटकलों से कमलनाथ की छवि को नुकसान हुआ
- अमरवाड़ा में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत कमलनाथ की सियासत के लिए ऑक्सीजन होगी
कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा ढहने के बाद अब सबकी नजर अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव पर हैं, अगर वहां से कांग्रेस जीतती है तो कमलनाथ के जख्मों को कुछ राहत मिलेगी और कांग्रेस ये सीट गंवाती है तो पार्टी में कमलनाथ का रसूख और कम हो जाएगा।