Protests Against Bangladesh: बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने इंदौर में प्रदर्शन किया।
कांग्रेस नेताओं ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला गाड़ी से बांधा और शहर की सड़कों पर घसीटा।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।
साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की।
चिन्मय प्रभु की रिहाई के लिए कांग्रेस का प्रदर्शन
इंदौर में कांग्रेस ने बांग्लादेश में हिंदू धर्म गुरु चिन्मयानंद जी की गिरफ्तारी का विरोध जताया।
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला गाड़ी पर बांधकर शहर की सड़कों पर घुमाया।
ये प्रदर्शन जिला कांग्रेस सेवा दल के कार्यकारी अध्यक्ष विवेक खंडेलवाल और गिरीश जोशी के नेतृत्व में हुआ।
इस प्रदर्शन में जीतू दीवान, अशरफ खान सहित कई कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदू समाज पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी चिन्मयानंद जी को चटगांव में गिरफ्तार किया गया।
उन पर झूठे आरोप लगाए गए और उनकी जमानत खारिज कर उन्हें जेल भेजा दिया गया।
वहीं शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हिंदू समुदाय के लोगों पर कट्टरपंथियों ने हमले कर उन्हें प्रताड़ित किया।
शेख हसीना को शरण देने पर सरकार की आलोचना
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी केवल हिंदू हितैषी होने का दावा करती है।
लेकिन, जब बांग्लादेश या अन्य देशों में हिंदुओं पर अत्याचार होते हैं, तो चुप्पी साध लेती है।
भाजपा सरकार बांग्लादेश की निर्वासित प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में शरण देकर उन्हें संरक्षण दे रही है।
वहीं हिंदू समाज पर हो रहे हमलों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही है।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की कि जल्द ही चिन्मय प्रभु की रिहाई सुनिश्चित की जाए।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाते हुए बांग्लादेश सरकार को कड़ा संदेश देने को कहा।
कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ और शेख हसीना को तत्काल भारत छोड़ने के लिए नहीं कहा गया तो बड़े स्तर पर आंदोलन होगा।
वहीं प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने घोषणा की कि भाजपा सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए विशेष यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
ये है पूरा मामला
बांग्लादेश सनातन जागरण मंच ने 25 अक्टूबर को चटगांव में एक रैली की थी, जिसे चिन्मय कृष्ण दास ने संबोधित किया था।
रैली के तुरंत बाद बीएनपी नेता फिरोज खान ने चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ चटगांव में राजद्रोह का केस दर्ज कराया था।
दावा है कि न्यू मार्केट चौक पर कुछ लोगों ने आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराया था, इस ध्वज पर आमी सनातनी लिखा हुआ था।
इसे लेकर चिन्मय कृष्ण दास पर राष्ट्रीय झंडे की अवमानना और अपमान करने का आरोप लगा है।
इसके बाद 25 नवंबर को बांग्लादेश इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन पर देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का केस दर्ज किया गया है।
चिन्मय प्रभु की रिहाई के लिए ढाका में प्रदर्शन के साथ दिनाजपुर और चटगांव में सड़कें जाम कर नारेबाजी की गई।
चिन्मय प्रभु को चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले हमलों के विरोध में बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
बांग्लादेश में सत्ता संग्राम के दौरान 6 अगस्त को खुलना जिले में एक इस्कॉन मंदिर को निशाना बनाया गया था।
इसमें भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों को जला दिया गया था।
इस हमले के बाद चिन्मय दास ने कहा था कि चटगांव में तीन अन्य मंदिरों पर भी खतरा है।
बांग्लादेश में इस्कॉन के 77 से ज्यादा मंदिर हैं, देश के लगभग हर जिले में एक इस्कॉन मंदिर है।
अनुमान के मुताबिक, लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग इससे जुड़े हुए हैं।