भोपाल। मध्य प्रदेश में पहले चरण के लिए 6 सीटों पर मतदान का काउंटडाउन शुरू हो गया है। 19 अप्रैल को छिंदवाड़ा, बालाघाट, सीधी, शहडोल, जबलपुर और मंडला संसदीय क्षेत्र में वोटिंग होगी जिसके लिए 17 मई को चुनाव प्रचार थम गया है।
पहले चरण की इन छह सीटों के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल पूरा दमखम लगा रहे हैं। बीजेपी ने 29 का टारगेट अचीव करने अपने स्टार प्रचारकों की फौज झोंक रखा था।
प्राइम मिनिस्टर मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सूबे के चीफ मिनिस्टर मोहन यादव रणभूमि में थे तो दूसरी तरफ कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और कमलनाथ ने मैदान संभाला रखा था।
राहुल ने शहडोल और मंडला में जनसभा की, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस उन 5 से छह सीटों पर है, जहां उसे गेम पलटने की उम्मीद दिखती है। उनमें छिंदवाड़ा सीट सबसे हॉट सीट है। ये सीट पिछले 40 साल से कमलनाथ परिवार के पास है इसलिए यहां कमलनाथ की साख दांव पर लगी है।
5 सीटों पर चौंका सकती है कांग्रेस –
- महाकौशल की 2 सीट बीजेपी के लिए टफ
- चंबल-ग्वालियर की तीन सीटों पर कांटे की टक्कर
- 5 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी बदल सकते हैं परिणाम
- बीजेपी का 29-0 का ख्वाव कहीं रह ना जाए अधूरा?
- अपने-अपने गढ़ में सिमटे कांग्रेस के दिग्गज
- छिंदवाड़ा में कमलनाथ कर रहे जी-तोड़ मेहनत
- राजगढ़ में पैदल मार्च कर रहे दिग्विजय सिंह
छिंदवाड़ा सीट से इस बार भी कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ चुनाव लड़ रहे हैं। उनका सामना बीजेपी के विवेक बंटी साहू से है। नाथ परिवार के लिए छिंदवाड़ा इस बार इसलिए चुनौतीपूर्ण है क्योंकि टीम कमलनाथ में टूट हो गई है और एक के बाद एक कई साथी बीजेपी में चले गए हैं। यही वजह है कि अब कमलनाथ छिंदवाड़ा पर ही पूरा जोर लगा रहे हैं।
बात करें मंडला संसदीय क्षेत्र की तो कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को परास्त किया था। लोकसभा में भी यही जोड़ी चुनावी मैदान में है। कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम भी बीजेपी प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते पर मनोवैज्ञानिक दवाब बना रहे हैं। इस सीट पर 57% आदिवासी निर्णायक वोटर हैं।
सीधी सीट पर कांग्रेस ने अपने पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को मैदान में उतारा है। उधर बीजेपी से डॉ. राजेश मिश्रा रणभूमि में टक्कर दे रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कमलेश्वर बीजेपी प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इस पर चौंकाने वाले नतीजे आ सकते हैं।
ग्वालियर की राजशाही सीट पर गुरिल्ला युद्ध होता है। विधानसभा में यहां कांग्रेस ने 23 हजार से ज्यादा मतों की बढ़त बनाई थी। लोकसभा में बीजेपी प्रत्याशी भारत सिंह कुशवाह और कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक अपनी सेनाओं के साथ रणभूमि में हैं। तमाम-किंतु परंतु के बीच दोनों ही प्रत्याशियों के सामाजिक, राजनीतिक, जातिगत समीकरणों के चलते चुनाव कांटे का हो गया है। बीजेपी के पास जातिगत वोटबैंक एवं मोदी मैजिक है। कांग्रेस को युवा एवं तेजतर्रार प्रत्याशी से उम्मीद है।
राजगढ़ सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और राघोगढ़ के राजा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनावी मैदान में हैं और उनके सामने हैं बीजेपी के दो बार के सांसद रोडमल नागर। हालांकि दिग्विजय सिंह ने इस बार चुनाव लड़ने को लेकर अनिच्छा जताई थी, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने दवाब बनाया तो उन्हें अपना किला बचाने रणभूमि उतरना ही पड़ा। वे पिछले तीन महीने से क्षेत्र में पैदल यात्रा कर जनता से भावुक अपील कर रहे हैं। ये उनकी जिंदगी का आखिरी चुनाव है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक कांग्रेस इन पांच सीटों पर बीजेपी को कांटे की टक्कर दे रही है। इन सीटों पर कांग्रेस सभी को चौंका भी सकती है। बीजेपी का 29-0 का ख्वाब अधूरा भी रह सकता है, लेकिन ये सिर्फ राजनीतिक पंडितों का अनुमान भर है। असली रिजल्ट तो 4 जून को ही सामने आएगा।