Cough Syrup Case ED Raid: मध्य प्रदेश में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण हुई नाबालिग बच्चों की दर्दनाक मौतों के मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं।
इस घटना ने न केवल दवा उद्योग में गंभीर लापरवाही और अनियमितताओं को उजागर किया है, बल्कि एक बड़े फार्मास्यूटिकल स्कैंडल का रूप भी ले लिया है।
ताजा कार्रवाई में जबलपुर स्थित कटारिया फार्मास्यूटिकल्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मा के 7 ठिकानों पर छापेमारी की है।
मासूम बच्चों की जान लेने वाला सिरप कहां से आया?
तमिलनाडु स्थित कंपनी श्रीसन फार्मा ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाया था।
यह सिरप मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में बच्चों को दिया गया।
इसके सेवन के बाद कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
दुर्भाग्य से, अब तक 25 मासूम बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
मेडिकल जांच में पता चला कि इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लायकॉल (DEG) नामक एक जहरीला केमिकल मौजूद था, जिसके कारण बच्चों की किडनी फेल हो गई।
इस सिरप की सप्लाई चेन में जबलपुर का नाम सामने आया।
जबलपुर स्थित कटारिया फार्मास्यूटिकल्स एक डीलर था, जिसने श्रीसन फार्मा से यह सिरप खरीदा और फिर उसे छिंदवाड़ा भेज दिया।
यही वह कड़ी साबित हुई, जिसने इस पूरे कांड में कटारिया फार्मास्यूटिकल्स पर सवाल खड़े कर दिए।
#WATCH | Jabalpur, Madhya Pradesh: The godown of Kataria Pharmaceuticals distributor, the distributor of now-banned Coldrif Cough syrup, sealed by District Administration and Health Department amid deaths of children. pic.twitter.com/bu2e7kVkjv
— ANI (@ANI) October 5, 2025
20 साल से थी कंपनी की डीलरशिप
दरअसल, कटारिया फार्मास्युटिकल के पास चेन्नई की श्री सन फार्मा कंपनी की डीलरशिप 20 साल से थी।
चेन्नई की कंपनी से 660 कोल्ड्रिफ कफ सीरप मंगाई थी। जिसमें 594 बॉटल कफ सीरप को न्यू अपना एजेंसी, आयुष फार्मा और जैन मेडिकल एवं जनरल स्टोर्स में सप्लाई किया था।
3 अक्टूबर को छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला और बालाघाट के ड्रग और औषधि विभाग के अधिकारियों की टीम ने छापा मारा था।
बची हुई 66 बॉटल को फ्रीज करते हुए 16 बॉटल सैंपल भोपाल लैब जांच के लिए गए भेजे गए थे।
कटारिया फार्मास्यूटिकल्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई?
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच में कटारिया फार्मास्यूटिकल्स से जुड़ी कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं, जिनके आधार पर उसका लाइसेंस निरस्त किया गया:
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अनधिकृत गोदाम: जांच में पाया गया कि कंपनी का नोदरा ब्रिज स्थित ऑफिस और गोदाम, जहां दवाओं का स्टॉक रखा जाता था, उसके पास उस स्थान को दवा भंडारण के लिए इस्तेमाल करने की कोई अनुमति नहीं थी। कंपनी संचालक के पास गोदाम से जुड़ा कोई कानूनी दस्तावेज नहीं था।
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रेफ्रिजरेटर का अभाव: दवाओं को सही तापमान पर रखना जरूरी होता है, खासकर सिरप जैसे उत्पादों को। लेकिन जांचकर्ताओं ने पाया कि स्टॉक रूम में कोई रेफ्रिजरेटर नहीं था, जो कि एक बड़ा नियम उल्लंघन है। इससे दवा की गुणवत्ता खराब होने का खतरा बना रहता है।
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अधूरे रिकॉर्ड: कंपनी दवाओं की खरीद (पर्चेज) और बिक्री (सेल) का पूरा रिकॉर्ड प्रशासन के सामने पेश नहीं कर पाई। यह गंभीर लापरवाही मानी जाती है क्योंकि इससे यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि दवा कहां से आई और कहां गई।
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नोटिस का जवाब न देना: विभाग ने कंपनी को एक नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा था। लेकिन कटारिया फार्मास्यूटिकल्स ने तय समय सीमा के भीतर कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद ही लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई अंतिम रूप से की गई।
इन सभी कारणों से विभाग ने कंपनी के ऑफिस और गोदाम को सील कर दिया है और दवाओं पर कब्जा कर लिया है।
VIDEO | Jabalpur, Madhya Pradesh: Drug and Pharmaceuticals Department raids Kataria Pharmaceuticals distributor in Jabalpur after reports of death of six children in 15 days allegedly due to contaminated cough syrup.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/uATrZKbBgA
— Press Trust of India (@PTI_News) October 3, 2025
ED का बड़ा एक्शन: श्रीसन फार्मा के ठिकानों पर छापे और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जांच शुरू की है।
ED की टीम ने सोमवार को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में श्रीसन फार्मा के 7 ठिकानों पर छापेमारी की।
इस कार्रवाई की खास बात यह है कि ED का निशाना सिर्फ कंपनी तक सीमित नहीं रहा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED की टीम ने तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल ऑफिस के कुछ शीर्ष अधिकारियों के आवासों पर भी तलाशी अभियान चलाया।
#WATCH | Tamil Nadu: ED is conducting searches at seven premises in Chennai linked to Sreesan Pharma under the Prevention of Money Laundering Act (PMLA) in the case of Coldrif cough syrup, which caused the death of several children.
Visuals from Chennai. pic.twitter.com/GN4aFuWtJE
— ANI (@ANI) October 13, 2025
दरअसल जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस जानलेवा सिरप के निर्माण और बिक्री को मंजूरी देने में नियामक अधिकारियों की मिलीभगत थी।
क्या इस पूरे प्रकरण में अवैध धन का लेन-देन हुआ और क्या मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए काले धन को सफेद किया गया।
पुलिस की गिरफ्त में हैं कंपनी का मालिक
श्रीसन फार्मा के मालिक जी. रंगनाथन को पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश पुलिस ने चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया था और वर्तमान में वह 10 दिन की पुलिस हिरासत में हैं।
ED की जांच इस गिरफ्तारी के बाद और तेज हो गई है।
#WATCH | Tamil Nadu: ED raid underway at Sreesan Pharma in Sunguvarchatram, Kancheepuram district, in connection with the case of Coldrif cough syrup, which caused the death of several children. pic.twitter.com/8s24FgOcSA
— ANI (@ANI) October 13, 2025
भविष्य की चुनौती
कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि हमारी दवा निगरानी प्रणाली में गहरे पैठे सिस्टमिक फेलियर का संकेत है। यह मामला कई सवाल खड़े करता है:
- कैसे एक ऐसी कंपनी जिसके गोदाम के पास कोई अनुमति नहीं थी, वह इतनी बड़ी मात्रा में दवाओं का व्यापार कर रही थी?
- ड्रग कंट्रोल विभाग की नियमित जांचें क्यों इन अनियमितताओं को पकड़ने में विफल रहीं?
- क्या दवा कंपनियों और नियामक अधिकारियों के बीच अवैध तालमेल की कोई श्रृंखला है?
उम्मीद है कि जांच के नतीजे जल्द ही सामने आएंगे और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी, ताकि भविष्य में ऐसी कोई और त्रासदी न हो और किसी मासूम की जान न जाए।
जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।