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गले में छुरा घोंपने जैसा दर्द! क्या है कोरोना का नया वैरिएंट NB.1.8.1, कितना खतरनाक है ये

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

COVID New Variant NB.1.8.1: दुनिया भर में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स के मामले सामने आ रहे हैं।

हाल ही में “निम्बज” (NB.1.8.1) नामक एक नए वैरिएंट ने अमेरिका, चीन और भारत में स्वास्थ्य विभागों को चिंता में डाल दिया है।

इस वैरिएंट की सबसे खतरनाक पहचान “रेजर ब्लेड थ्रोट” नाम का लक्षण है, जिसमें मरीजों को गले में चाकू या ब्लेड से कटने जैसा तेज दर्द होता है।

निम्बज वैरिएंट क्या है?

  • NB.1.8.1 जिसे “निम्बस” भी कहा जा रहा है, ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट है।

  • यह JN.1 वैरिएंट का म्यूटेड रूप है, जो तेजी से फैलता है।

  • WHO ने इसे “वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” (VUM) की श्रेणी में रखा है।

कहां-कहां फैला है?

  • अमेरिका: 13 राज्यों (वाशिंगटन, न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया) में पाया गया।

  • भारत: दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल में केस बढ़े।

  • अन्य देश: चीन, यूके, सिंगापुर में भी मामले सामने आए।

निम्बज वैरिएंट का खतरनाक लक्षण: “रेजर ब्लेड थ्रोट”

इस वेरिएंट का सबसे चौंकाने वाला लक्षण है गले में तेज दर्द, जिसे मरीज “छुरा घोंपने” या “ब्लेड से कटने” जैसा महसूस करते हैं।

WHO ने इसे “Razor Blade Throat” नाम दिया है।

अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • “रेजर ब्लेड थ्रोट” – गले में तेज दर्द (जैसे ब्लेड से कट गया हो)
  • बुखार और तेज सिरदर्द।
  • नाक बहना या बंद होना।
  • सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ।
  • कुछ मरीजों को उल्टी-दस्त भी हो सकते हैं।
  • मांसपेशियों में दर्द व थकान
  • मतली या भूख न लगना

कितना खतरनाक है?

  • तेजी से फैलता है: पिछले वैरिएंट्स की तुलना में तेजी से फैलता है। ACE2 रिसेप्टर्स से मजबूती से जुड़कर शरीर में प्रवेश करता है।

  • गंभीरता: WHO के अनुसार, यह ज्यादातर मामलों में हल्का है, लेकिन बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए खतरनाक हो सकता है।

  • वैक्सीन: मौजूदा वैक्सीन गंभीर लक्षणों से बचा सकती हैं, लेकिन संक्रमण को पूरी तरह नहीं रोकतीं।

  • इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है: वैक्सीन या पहले के संक्रमण से बनी एंटीबॉडीज़ पर इसका असर कम हो सकता है।

  • WHO की राय: अभी इसे “Variant Under Monitoring” श्रेणी में रखा गया है, लेकिन गंभीरता कम है।

भारत में स्थिति

  • अब तक 120 मौतें और 5600+ एक्टिव केस दर्ज किए गए।

  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने सतर्कता बढ़ाई है, लेकिन पेनिक की जरूरत नहीं है।

  • 4 नए वेरिएंट्स: LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 की पुष्टि हुई है।

  • सावधानी जरूरी: केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब में मामले बढ़े हैं।

बचाव के उपाय

  1. मास्क पहनें (खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर)।
  2. हाथों को बार-बार धोएं या सैनिटाइज करें।
  3. गले में खराश या दर्द होने पर तुरंत टेस्ट करवाएं।
  4. ठंडा पानी और आइसक्रीम से परहेज करें।

क्या वैक्सीन कारगर है?

विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा वैक्सीन गंभीर लक्षणों से सुरक्षा दे सकती हैं, लेकिन नए फॉर्मूलेशन की आवश्यकता हो सकती है।

निम्बज वैरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन सतर्कता बरतें। गले में तेज दर्द या कोविड जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें।

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