Sitaram Yechury Death: CPI(M) के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया।
72 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से सांस की बीमारी से जूझ रहे थे।
23 दिन से दिल्ली AIIMS में थे भर्ती
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया।
तेज बुखार आने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद उन्हें ICU में एडमिट किया गया था। जहां उनका इलाज चल रहा था।
वह लंबे समय से सांस की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्हें सांस की नली में गंभीर संक्रमण हुआ था।
सीताराम येचुरी ने हाल ही में मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी कराया था।
सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से हुए सम्मानित
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उ
नके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी और मां कल्पकम येचुरी आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के मूल निवासी हैं।
सीताराम येचुरी के पिता आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे और मां एक सरकारी अधिकारी थीं।
सीताराम येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे थे।
साल 2016 में उन्हें राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
वामपंथी नेताओं के तौर पर उनकी अलग पहचान है। वह हमेशा वामपंथी विचारधारा को लेकर आवाज उठाते रहते थे।
इमरजेंसी के विरोध में गए जेल तो PHD रह गई अधूरी
हैदराबाद में पले बढ़ें सीताराम येचुरी की दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई ऑल सेंट्स हाई स्कूल से हुई। फिर 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान वे दिल्ली आ गए।
उन्होंने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर पहले स्थान पर रहे।
सीताराम येचुरी नेसेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बी.ए. (ऑनर्स) की पढ़ाई की, साथ ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया और दोनों में प्रथम श्रेणी हासिल की।
साल 1975 में बतौर छात्र नेता उन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
इस दौरान उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी करने के लिए जेएनयू में दाखिला लिया था, जिसे उनकी गिरफ्तारी के साथ रद्द कर दिया गया।
तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए सीताराम येचुरी को 1984 में CPI(M) की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था।
वह 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे। फिर 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए
एक साल बाद सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए थे और 2015 में उनको पार्टी का महासचिव चुना गया था।
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