Rekha Gupta Z Plus Security: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए सीधे हमले ने न केवल राजनीतिक हलचल पैदा की है, बल्कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ा और अहम बदलाव भी कर दिया है।
हमले के ठीक एक दिन बाद, केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीएम की सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस से लेकर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को सौंप दिया है।
अब मुख्यमंत्री को CRPF के जवानों द्वारा ‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
क्या हुआ था हमले में?
इस पूरे मामले की शुरुआत बुधवार, 20 अगस्त को हुई थी, जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने आवास पर जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित कर रही थीं।
इसी दौरान एक शख्स ने अचानक उन पर हमला कर दिया।
यह घटना सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी चूक को उजागर करती नजर आई। हालांकि सीएम सुरक्षित रहीं, लेकिन इस हादसे ने प्रशासन की नींद उड़ा दी और सुरक्षा एजेंसियों के बीच हड़कंप मच गया।
Delhi Chief Minister Rekha Gupta is attacked at ‘Jan Sunvai’, and #CRPF officers show up at her home the day after. Here, further security is being implemented.
#RekhaGuptaattacked Ambani #TVKVettriMaanadu Summer 2026 #UjjwalBhavishya #Coolie Boycott #War2 #TejRan #JrNTR pic.twitter.com/oWx6FDZ1B6— JAWAN 24×7 (@Jawan24x7) August 21, 2025
सुरक्षा में क्या हुए बदलाव?
हमले के बाद गृह मंत्रालय ने तुरंत एक्शन लिया। सुरक्षा व्यवस्था में किए गए प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
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सुरक्षा एजेंसी में बदलाव: सीएम की सुरक्षा की कमान अब दिल्ली पुलिस के हाथों में नहीं रहेगी। इसकी जगह अब CRPF के विशेष रूप से प्रशिक्षित जवान उनकी सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। खबरों के मुताबिक, आदेश मिलते ही गुरुवार की सुबह CRPF की टीम उनके आवास पर पहुंच गई थी।
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सुरक्षा श्रेणी: इससे पहले, सीएम रेखा गुप्ता को दिल्ली पुलिस की ओर से ‘Z+’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी, जबकि केंद्र की ओर से उन्हें ‘Z’ श्रेणी का दर्जा दिया गया था। अब केंद्र सरकार ने उन्हें आधिकारिक तौर पर CRPF की ‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है।
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आवास और कार्यक्रमों में सख्ती: मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। अब बिना पूरी जांच-पड़ताल और वैरिफिकेशन के किसी को भी अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यहां तक कि आवास पर काम करने वाले मजदूरों तक की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।

आखिर क्या होती है ‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा?
‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली उच्च-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्थाओं में से एक है।
यह सुरक्षा उन व्यक्तियों को दी जाती है जिन्हें सुरक्षा खतरे का उच्च स्तर का जोखिम होता है।
इसमें निम्नलिखित व्यवस्थाएं शामिल होती हैं:
- सुरक्षाकर्मी: ‘Z’ श्रेणी के अंतर्गत, सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के साथ हर समय लगभग 20 से 22 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
- बुलेटप्रूफ वाहन: व्यक्ति को बुलेटप्रूफ वाहन की सुविधा प्रदान की जाती है।
- एस्कॉर्ट व्हीकल: उनके काफिले में सुरक्षा गार्डों से लैस एस्कॉर्ट वाहनों की एक पूरी टीम शामिल होती है।
- ARMED गार्ड: सभी सुरक्षाकर्मी अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं और बुलेटप्रूफ जैकेट पहने रहते हैं।
- ड्राइवर और ASST: एक विश्वसनीय ड्राइवर और सहायक भी सुरक्षा का हिस्सा होते हैं।

‘Z’ और ‘Z+’ में क्या है अंतर?
अक्सर लोग ‘Z’ और ‘Z+’ सुरक्षा को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। दरअसल, ‘Z+’ सुरक्षा देश में सबसे उच्चतम सुरक्षा श्रेणियों में से एक मानी जाती है।
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Z+ सुरक्षा: इसे VVIP कैटेगरी की सुरक्षा माना जाता है। इसमें कुल 36 से लेकर 40 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं। खास बात यह है कि इसमें NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) के ब्लैक कैट कमांडो और SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) के कमांडो शामिल हो सकते हैं। आमतौर पर पहले घेरे की जिम्मेदारी NSG की और दूसरे घेरे की SPG की होती है।
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Z सुरक्षा: यह ‘Z+’ से एक स्तर नीचे की सुरक्षा है, लेकिन फिर भी यह अत्यधिक मजबूत और विश्वसनीय मानी जाती है। इसमें CRPF, ITBP जैसे अर्धसैनिक बलों के विशेष प्रशिक्षित जवान तैनात होते हैं।

जनसुनवाई और सार्वजनिक कार्यक्रमों में बरती जाएगी अतिरिक्त सतर्कता
हमले के बाद सबसे बड़ा सबक यही मिला है कि जनसुनवाई जैसे कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त बनाने की जरूरत है। नई गाइडलाइन्स के तहत:
- अब जनसुनवाई में आने वाले हर व्यक्ति की पहले थोरो जांच की जाएगी।
- उसकी शिकायत और पहचान को पूरी तरह से वेरिफाई करने के बाद ही उसे मुख्यमंत्री के पास जाने की अनुमति दी जाएगी।
- यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना अनुमति कोई भी व्यक्ति सीएम के नजदीक न पहुंच सके।
- सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा घेरा और मजबूत किया जाएगा।

सरकार का दावा है कि अब सुरक्षा के इंतजाम इतने मजबूत कर दिए गए हैं कि भविष्य में किसी भी तरह की अप्रिय घटना की कोई गुंजाइश न रहे।
हमले की जांच दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय की निगरानी में जारी है और पूछताछ का दायरा बढ़ाया जा रहा है।