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Cyclone Montha की दक्षिण भारत में एंट्री, उत्तर से दक्षिण तक इन 4 राज्यों में रेड अलर्ट

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Cyclone Montha: बंगाल की खाड़ी में उठे खतरनाक चक्रवात ‘मोंथा’ ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में दस्तक दे दी।

इस तूफान ने न सिर्फ दक्षिण-पूर्वी राज्यों को अपनी चपेट में लिया है, बल्कि इसका असर अब उत्तर भारत के राज्यों यूपी, दिल्ली-एनसीआर, बिहार और हरियाणा तक दिखने लगा है।

मौसम विभाग (IMD) ने कई राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी करते हुए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए हैं।

आइए, जानते हैं इस चक्रवात की स्थिति और इसके प्रभाव के बारे में…

तूफान की वर्तमान स्थिति और लैंडफॉल

चक्रवात ‘मोंथा’ मंगलवार सुबह तक एक खतरनाक तूफान में बदल चुका था।

IMD के अनुसार, यह आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से लगभग 190 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित था और तेजी से उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा था।

पिछले 6 घंटों में इसकी रफ्तार 18 किमी/घंटा बढ़ी है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि यह तूफान मंगलवार शाम को आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा और मछलीपट्टनम के बीच के तटीय इलाकों से टकराएगा।

लैंडफॉल के दौरान हवा की गति 90 से 110 किमी/घंटा रहने का अनुमान है।

सबसे बड़ा खतरा समुद्र में उठने वाली 5 मीटर (लगभग 16 फीट) तक ऊंची लहरों का है, जिससे तटीय इलाकों में बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा हो गया है।

तटीय जिलों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है।

दक्षिणी राज्यों में हालात: रेड अलर्ट और बचाव के इंतजाम

1. आंध्र प्रदेश:

आंध्र प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि राज्य के 3,778 गांवों में भारी बारिश की संभावना है।

लैंडफॉल की आशंका वाले इलाकों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

राज्य भर में 3,174 पुनर्वास केंद्र बनाए गए हैं।

NDRF की टीमें उप्पादा जैसे संवेदनशील इलाकों में लोगों को सुरक्षित निकालने और उन्हें शिविरों तक पहुंचाने का काम कर रही हैं।

2. ओडिशा:

ओडिशा सरकार ने आठ जिलों – मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़, गजपति, गंजम, नबरंगपुर, कालाहांडी और कंधमाल में रेड अलर्ट जारी किया है।

इन जिलों में स्कूलों को 30 अक्टूबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।

राज्य सरकार ने NDRF, ODRAF और फायर सर्विस की 140 से अधिक बचाव टीमों को तैनात किया है, जिनमें लगभग 5,000 कर्मी शामिल हैं।

गोपालपुर बंदरगाह पर आंध्र प्रदेश से आई 50 मछली पकड़ने वाली नावें तूफान के कारण फंसी हुई हैं।

3. तमिलनाडु:

तमिलनाडु के तिरुवल्लूर, चेन्नई, कांचीपुरम और रानीपेट जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

तिरुवल्लूर जिले में पहले ही अच्छी बारिश दर्ज की गई है, जिसके चलते मंगलवार को स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।

चेन्नई के पट्टिनापक्कम बीच जैसे तटीय इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

4. पश्चिम बंगाल:

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, दक्षिण 24 परगना, मेदिनीपुर समेत कई जिलों में 28 से 30 अक्टूबर के बीच भारी बारिश का पूर्वानुमान है।

पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है।

उत्तर भारत पर क्या पड़ेगा असर? यूपी-दिल्ली-बिहार में बारिश का अलर्ट

चक्रवात ‘मोंथा’ का प्रभाव सिर्फ दक्षिण तक सीमित नहीं है। यह उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए उत्तर भारत के मौसम पर भी अपनी छाप छोड़ेगा।

  • उत्तर प्रदेश: IMD के अनुसार, 30 अक्टूबर तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों जैसे गोरखपुर, बरेली और वाराणसी में भारी बारिश हो सकती है। इससे नदियों का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने का खतरा है।
  • बिहार: बिहार में स्थिति और गंभीर बताई जा रही है। राज्य के उत्तरी-पूर्वी जिलों जैसे पटना, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।
  • दिल्ली-एनसीआर: दिल्ली-एनसीआर में भी चक्रवात का असर दिखना शुरू हो गया है। मंगलवार सुबह कुछ इलाकों में हल्की फुहारें पड़ी हैं। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि 27-28 अक्टूबर की शाम से 29 अक्टूबर तक हल्की बारिश हो सकती है।
  • अन्य राज्य: हरियाणा और पूर्वी राजस्थान में भी अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना है।

रेलवे ने रद्द कीं सैकड़ों ट्रेनें

भारतीय रेलवे ने मंगलवार रात काकीनाड़ा तट पर आने वाले मोन्था चक्रवात के कारण यात्रियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए विशाखापत्तनम से गुजरने वाली 32 ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है।

मंगलवार को रवाना होने वाली लोकल मेमो और अन्य ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।

सभी रद्द ट्रेनों की सूची भारतीय रेलवे के सोशल मीडिया पेजों पर अपलोड की जाएगी।

टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस का रूट बदल दिया गया है और भुवनेश्वर-जगदलपुर एक्सप्रेस, राउरकेला-जगदलपुर एक्सप्रेस समेत दो ट्रेनों को बीच में ही रोक दिया गया है।

तैयारियां और सावधानियां

चक्रवात के खतरे को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने पूरी तैयारी कर ली है।

  • बचाव दल तैनात: NDRF, ODRAF और स्थानीय अग्निशमन सेवाओं की सैकड़ों टीमों को प्रभावित और संभावित प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है।
  • लोगों का सुरक्षित स्थानांतरण: तटीय इलाकों के निचले हिस्सों और भूस्खलन-संभावित क्षेत्रों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
  • यातायात पर असर: आंध्र प्रदेश और ओडिशा में 55 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
  • स्कूल बंद: ओडिशा और तमिलनाडु के कई जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

चक्रवात ‘मोंथा’ ने भारत के एक बड़े हिस्से को प्रभावित किया है।

हालांकि, राहत की बात यह है कि यह तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे समुद्र से अधिक ऊर्जा इकट्ठा नहीं हो पा रही और नुकसान कम होने की उम्मीद है।

फिर भी, प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने और जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने की सख्त जरूरत है।

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