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देहरादून में बादल फटने के बाद बाढ़ का कहर: नदियां उफान पर, 8 मजदूरों की डूबने से मौत

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Dehradun Floods Cloudburst: उत्तराखंड के देहरादून और हिमाचल प्रदेश के मंडी में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भयानक तबाही मचाई है।

देहरादून में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग लापता हैं।

हिमाचल के मंडी में भूस्खलन में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई।

देहरादून में क्या हुआ?

मंगलवार की सुबह लगभग 5 बजे देहरादून के सहस्त्रधारा इलाके में बादल फटा।

इससे अचानक इतनी तेज बारिश हुई कि आसपास की नदियाँ – तमसा, कारलीगाड़, टोंस और सहस्त्रधारा – उफान पर आ गईं।

नदियों का पानी तेजी से बढ़ा और आसपास के इलाकों में सैलाब के पानी ने घुसपैठ कर दी।

सहस्त्रधारा, तपोवन, आईटी पार्क, घंगौरा और घड़ी कैंट जैसे इलाके पानी में डूब गए। कई सड़कें बह गईं और मलबा हर जगह फैल गया।

टोंस नदी में हादसा, मजदूरों की मौत

इस आपदा की सबसे दुखद घटना विकासनगर के पास टोंस नदी में घटी।

नदी में पानी का बहाव अचानक इतना तेज हो गया कि मजदूरों से भरा एक ट्रैक्टर-ट्रॉली बह गया।

इस हादसे में 8 मजदूरों की डूबने से मौत हो गई है।

पुलिस के अनुसार, ट्रैक्टर में करीब 14-15 लोग सवार थे और 4 लोग अभी भी लापता हैं।

ये सभी मजदूर खनन का काम कर रहे थे।

मंदिर और घरों में घुसा मलबा

तमसा नदी के किनारे स्थित प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर में भी पानी भर गया।

नदी का रौद्र रूप देखते ही बना था। मंदिर का पूरा परिसर पानी में डूब गया और कई मूर्तियां बह गईं।

मंदिर के पुजारी ने बताया कि पानी उतरने के बाद मंदिर में लगभग 2 फीट मलबा जमा हुआ था, हालांकि गर्भगृह सुरक्षित है।

मंदिर के आसपास बनी दुकानें पूरी तरह बह गईं और 2 लोग लापता हैं।

200 छात्रों को बचाया गया

इस आपदा के बीच राहत की एक खबर पौंधा इलाके से आई।

वहां के देवभूमि इंस्टीट्यूट परिसर में 200 छात्र-छात्राएं पानी में फंस गए थे।

सूचना मिलते ही एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और सभी छात्र-छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

हिमाचल में भी मची तबाही

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया।

धर्मपुर बस स्टैंड में मलबा भर गया और कई बसें बह गईं।

मंडी के निहरी इलाके में भूस्खलन की एक भयानक घटना हुई।

पास की एक चट्टान टूटकर एक घर पर गिर गई, जिससे वह पूरी तरह ढह गया।

हादसे में एक ही परिवार के 5 लोग मलबे में दब गए, जिनमें से 3 लोगों की मौत हो गई है।

राहत और बचाव कार्य जारी

इस भयानक आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स), एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और जरूरी राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने ली जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात करके पूरी स्थिति की जानकारी ली।

उन्होंने राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री धामी खुद देहरादून के प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहे हैं और लोगों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए हैं।

स्थानीय लोगों ने सुनाई दर्दभरी कहानी

सहस्त्रधारा के एक स्थानीय निवासी ने बताया, “रात लगभग 11 बजे हमें ऐसा लगा जैसे कोई पहाड़ टूटकर गिर गया हो… सुबह पता चला कि हमारा घर भी बह गया है। हमने घर से जितना सामान निकाल सकते थे, निकाल लिया, लेकिन फिर हमारे घर के पीछे का पहाड़ धंस गया और तीन लोग उसके नीचे दब गए। किसी तरह हमने अपनी जान बचाई।”

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