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दिल्ली एयरपोर्ट पर पायलट ने यात्री को पीटा: पिता को लहूलुहान देख बेटी सदमे में, एयरलाइन ने किया सस्पेंड

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Delhi Airport Assault Case: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (टर्मिनल-1) पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक ऑफ-ड्यूटी पायलट ने एक यात्री के साथ मारपीट कर दी।

इस घटना में यात्री गंभीर रूप से घायल हो गया और उसके मुंह से खून बहने लगा।

घटना के बाद एयरलाइन ने तत्काल प्रभाव से पायलट को निलंबित कर दिया है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं।

यात्री ने आरोप लगाया है कि उन पर मामला दबाने और एक क्लीयरेंस लेटर लिखने के लिए दबाव डाला गया।

क्या था पूरा मामला?

घटना शुक्रवार की रात दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर घटी।

यात्री अंकित दीवान अपने परिवार पत्नी, सात साल की बेटी और चार महीने के बच्चे के साथ छुट्टियां मनाने जा रहे थे।

सुरक्षा जांच के दौरान, चूंकि उनके साथ एक शिशु स्ट्रोलर में था, इसलिए एयरपोर्ट कर्मचारियों ने उन्हें और उनके परिवार को स्टाफ/व्हीलचेयर यूजर्स के लिए बनी विशेष लाइन (लेन) से जाने के लिए कहा।

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इसी लाइन में एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलट कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल भी खड़े थे, जो ऑफ-ड्यूटी होने के कारण एक अन्य एयरलाइन (इंडिगो) की फ्लाइट से बेंगलुरु जा रहे थे।

यात्री अंकित के अनुसार, जब उन्होंने लाइन में कुछ कर्मचारियों को लाइन तोड़ते देखा तो उन्होंने उन्हें टोका।

इस पर पायलट वीरेंद्र सेजवाल ने उन्हें झिड़कते हुए कहा कि क्या वे अनपढ़ हैं कि यह नहीं पढ़ सकते कि यह एंट्री स्टाफ के लिए है।

इसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई और स्थिति इतनी बिगड़ी कि पायलट ने अंकित दीवान पर हाथा-पाई शुरू कर दी।

हमले में अंकित का मुंह और चेहरा लहूलुहान हो गया और खून बहने लगा।

यात्री ने सोशल मीडिया पर बताई आपबीती

अपनी फ्लाइट पकड़ने और डॉक्टरी इलाज कराने के बाद, यात्री अंकित दीवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस घटना की पूरी जानकारी दी।

उन्होंने पायलट की खून से सनी शर्ट और अपने चोटिल चेहरे की तस्वीरें भी साझा कीं।

उनके पोस्ट में कई गंभीर आरोप और चिंताएं शामिल थीं:

बच्ची पर मनोवैज्ञानिक असर:

उन्होंने बताया कि उनकी सात साल की बेटी ने अपने पिता को बेरहमी से पिटते देखा और उसका खून से सना चेहरा देखा। बच्ची अब भी सदमे में है और डरी हुई है।

पायलट के टेम्पर पर सवाल:

अंकित ने गंभीर सवाल उठाया कि अगर एक पायलट जमीन पर इतनी छोटी सी झड़प में अपना आपा खो सकता है, तो आसमान में सैकड़ों यात्रियों की जिम्मेदारी उसे कैसे सौंपी जा सकती है?

उन्होंने डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) और एयर इंडिया एक्सप्रेस से पूछा कि वे ऐसे पायलटों को उड़ान भरने की अनुमति कैसे देते हैं।

एयरपोर्ट सुरक्षा और प्रबंधन में खामी:

उन्होंने एयरपोर्ट प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्टाफ एंट्री को बच्चों वाले परिवारों के साथ मिलाकर रखना एक संवेदनशील सुरक्षा क्षेत्र में अराजकता को आमंत्रित करना है।

मामला दबाने का दबाव:

सबसे गंभीर आरोप यह था कि उन पर एयरपोर्ट पर मौजूद कुछ लोगों द्वारा एक क्लीयरेंस लेटर लिखने का दबाव डाला गया, जिसमें यह लिखवाया जा रहा था कि वे इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगे।

उन्हें धमकी दी गई कि अगर उन्होंने लेटर नहीं लिखा तो उनकी फ्लाइट छूट जाएगी और उनकी 1.2 लाख रुपये की छुट्टियों की बुकिंग बर्बाद हो जाएगी।

देर से मिली पुलिस और मेडिकल हेल्प

अंकित ने दावा किया कि उनकी पत्नी ने फर्स्ट एड के लिए कहा, लेकिन उचित सहायता 45 मिनट बाद मिल सकी।

साथ ही, दिल्ली पुलिस ने उस वक्त तुरंत एफआईआर दर्ज नहीं की, बल्कि कहा कि वे दिल्ली वापस आने के बाद शिकायत कर सकते हैं।

अंकित ने चिंता जताई कि दो दिन में सीसीटीवी फुटेज गायब हो सकता है।

एयरलाइन और अधिकारियों की प्रतिक्रिया

घटना सामने आते ही एयर इंडिया एक्सप्रेस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पायलट कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल को तत्काल प्रभाव से उनकी आधिकारिक ड्यूटी से हटा दिया और निलंबित कर दिया।

एयरलाइन ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक बयान जारी कर कहा, “हमें दिल्ली हवाई अड्डे पर हुई घटना पर गहरा खेद है… पीड़ित के साथ हमारी सहानुभूति है और हम ऐसे व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं।”

एयरलाइन ने आश्वासन दिया कि एक गहन और निष्पक्ष जांच की जाएगी और उसके आधार पर कड़ी कार्रवाई होगी।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। दिल्ली पुलिस ने भी मामला दर्ज किया है और आगे की जाँच कर रही है।

बड़े सवाल और चिंताएं

यह घटना केवल एक हाथापाई का मामला नहीं रह गया है। इसने कई बड़े मुद्दों को जन्म दिया है:

  • उड्डयन कर्मियों के मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन की जरूरत: क्या पायलटों और अन्य महत्वपूर्ण कर्मियों के लिए नियमित और सख्त मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन की प्रक्रिया होनी चाहिए?
  • एयरपोर्ट प्रबंधन और यात्री सहायता: आपातकालीन स्थितियों में त्वरित चिकित्सा सहायता और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने की व्यवस्था कितनी प्रभावी है?
  • यात्री अधिकार: क्या यात्रियों को किसी अनहोनी की स्थिति में मामला दबाने या क्लीयरेंस लेटर लिखने के लिए मजबूर किया जा सकता है? यह एक गंभीर नैतिक और कानूनी मुद्दा है।
  • सीसीटीवी फुटेज और सबूतों की सुरक्षा: यात्रियों को यह विश्वास कैसे दिलाया जाए कि ऐसे मामलों में सबूत सुरक्षित रहेंगे?

दिल्ली एयरपोर्ट की यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना भारतीय उड्डयन क्षेत्र के लिए एक बड़ा झटका है।

यह केवल एक व्यक्तिगत झगड़ा नहीं, बल्कि एक व्यवस्थागत समस्या की ओर इशारा करती है, जिसमें यात्री सुरक्षा, कर्मचारियों के आचरण और आपातकालीन प्रोटोकॉल शामिल हैं।

अब न केवल इस विशिष्ट घटना की निष्पक्ष जांच जरूरी है, बल्कि इससे उपजे सवालों के जवाब ढूंढने और पूरे उड्डयन तंत्र में सुधार के उपाय करने की भी आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी भी यात्री को ऐसी शारीरिक और मानसिक पीड़ा से न गुजरना पड़े।

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