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“जुमे की नमाज के बाद फटेगा बम”: दिल्ली के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट को भी धमकी, मौके पर पहुंची बम स्क्वायड टीम

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

High Court bomb threat: शुक्रवार, 12 सितंबर को देश की दो प्रमुख अदालतों, दिल्ली हाईकोर्ट और बॉम्बे (मुंबई) हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है।

सुबह के समय इन दोनों ही हाईकोर्ट को ईमेल के जरिए बम होने की धमकी मिली, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों परिसरों को पूरी तरह से खाली करा दिया।

घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई जब सुबह लगभग 11 बजे दिल्ली पुलिस को एक ईमेल प्राप्त हुआ।

इस ईमेल में दावा किया गया था कि दिल्ली हाईकोर्ट की तीन कोर्ट रूम में बम रखे गए हैं और दोपहर 2 बजे तक (नमाज के पहले) परिसर को खाली करा लिया जाए।

धमकी को गंभीरता से लेते हुए पुलिस और प्रशासन ने तत्काल कोर्ट परिसर को खाली कराना शुरू कर दिया।

जजों, वकीलों और कर्मचारियों सहित सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और पूरे इलाके को सील कर दिया गया।

बम निरोधक दस्ता (Bomb Squad) और डॉग स्क्वॉड की टीमों को तलाशी अभियान के लिए तैनात कर दिया गया।

कुछ ही देर बाद, एक समान धमकी भरा ईमेल बॉम्बे हाईकोर्ट (मुंबई हाईकोर्ट) को भी प्राप्त हुआ।

इसी तरह की प्रक्रिया अपनाते हुए मुंबई पुलिस ने भी एहतियातन हाईकोर्ट परिसर को खाली करा लिया और बम डिटेक्शन टीमों को मौके पर भेज दिया।

दोनों ही जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया।

धमकी भरे ईमेल में 1998 के पटना ब्लास्ट दोहराने की बात

दिल्ली पुलिस को मिले ईमेल का विषय (सब्जेक्ट) हिंदी में था, जबकि पूरा मेल अंग्रेजी में लिखा गया था।

इसमें बेहद गंभीर और विवादास्पद दावे किए गए थे।

ईमेल के सब्जेक्ट में “पवित्र शुक्रवार विस्फोटों के लिए पाकिस्तान-तमिलनाडु की मिलीभगत” का जिक्र था।

ईमेल के मुताबिक, एक युवा शिया मुस्लिम डॉ. शाह फैसल ने कोयंबटूर में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर 1998 के पटना ब्लास्ट जैसी घटना को दोहराने की साजिश रची है।

ईमेल में भारत की राजनीतिक पार्टियों, विशेष रूप से भाजपा/आरएसएस और तमिलनाडु की डीएमके जैसी पार्टियों के बारे में आपत्तिजनक और भ्रम फैलाने वाले बयान दिए गए थे।

साथ ही, एक IED डिवाइस का जिक्र करते हुए एक मोबाइल नंबर (98430*****) भी शेयर किया गया था, जिसे ‘सत्यभामा सेनगोट्टयन’ से संपर्क करने के लिए बताया गया।

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पुलिस की कार्रवाई और जांच

दोनों शहरों की पुलिस ने इन धमकियों को अत्यंत गंभीरता से लिया।

जहां मुंबई पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद धमकी को ‘फर्जी’ घोषित किया, वहीं दिल्ली पुलिस अभी भारतीय खुफिया एजेंसियों और साइबर सुरक्षा इकाइयों के साथ मिलकर इस मामले की जांच कर रही है।

जांच के प्रमुख बिंदु हैं:

  • ईमेल भेजने वाले का पता लगाना।
  • ईमेल में दिए गए मोबाइल नंबर और नामों की सत्यता की जांच करना।
  • यह पता लगाना कि यह किसी की साजिश है या महज एक परेशान करने वाली प्रैंक (hoax)।
  • देशद्रोही और सामुदायिक सौहार्द को भंग करने वाले तत्वों की पहचान करना।

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इस घटना ने न्यायिक परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

हालांकि, सुरक्षा बलों ने फौरन कार्रवाई करते हुए संभावित खतरे को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अब तक, दोनों ही हाईकोर्ट परिसरों में किसी भी प्रकार का कोई अवैध विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला है और स्थिति नियंत्रण में है।

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