Rekha Gupta Security Lapse: 20 अगस्त, बुधवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले न न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी, बल्कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए।
जनसुनवाई के दौरान हुए इस हमले के बाद हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर इतनी भारी-भरकम सुरक्षा के बावजूद ऐसी घटना कैसे हो गई?
क्या सुरक्षा घेरे में कोई चूक हुई? जबकि हर महीने उनकी सिक्योरिटी में लाखों रूपये खर्च किए जाते हैं।
आखिर इतनी भारी सुरक्षा के बावजूद हमलावर सीएम के इतने करीब कैसे पहुंच गया?
आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में…
कब, कैसे और कहां हुआ हमला
बुधवार सुबह, हमला उस वक्त हुआ जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने कैंप ऑफिस में जनसुनवाई कर रही थीं।
हर बुधवार की तरह इस दिन भी सुबह 7 बजे से लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे थे।
सुबह करीब 8 बजे जब सीएम आरोपी के पास पहुंचीं, तो उसने अचानक उन पर हमला कर दिया।

उसने सीएम को कुछ कागज दिए और उनका हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचने की कोशिश की।
हमलावर ने पत्थर या किसी नुकीली वस्तु से वार किया, जिससे सीएम के सिर, कंधे और हाथ में चोटें आईं।
मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक?
इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने जनसुनवाई के लिए पर्ची बनवाई थी और बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसकी पूरी जांच के बाद ही उसे अंदर भेजा था।
हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना कि सीएम की सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी यूनिट के कर्मियों से कोई चूक हुई हो सकती है।
इसकी जांच की जा रही है। घटना के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
“थप्पड़ तो हल्का नहीं था…
पर सुरक्षा इतनी भारी निकली कि रेखा गुप्ता ज़मीन पर ही पड़ी रहीं ⏱️दिल्ली पुलिस को भी अवार्ड मिलना चाहिए —
‘Best in Watching, Not in Protecting’ 🏆#RekhaGupta #DelhiNCR pic.twitter.com/0F0r7RvnJH— MANOJ KARWASRA (@AAPka_Manojk) August 20, 2025
रेखा गुप्ता को मिलती है Z सिक्योरिटी, क्या है ये?
- रेखा गुप्ता को देश की तीसरी सबसे बड़ी सुरक्षा श्रेणी, यानी Z सिक्योरिटी प्राप्त है।
- यह सुरक्षा उन्हीं नेताओं या हस्तियों को दी जाती है, जिन्हें सुरक्षा खतरा होता है।
- इसमें NSG के कमांडो, दिल्ली पुलिस के जवान और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (जैसे CRPF, ITBP) की टीम 24 घंटे तैनात रहती है।
- आमतौर पर 4 से 6 NSG कमांडो सीधे तौर पर सुरक्षा में लगे होते हैं।

कितना खर्च आता है?
- Z सिक्योरिटी पर हर महीने लगभग 15 से 20 लाख रुपये का खर्च आता है।
- यह रकम सुरक्षाकर्मियों के वेतन, उनके उपकरणों, गाड़ियों और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च होती है।
- अगर Z+ सिक्योरिटी की बात करें, तो उस पर 40-50 लाख रुपये प्रति माह का खर्च आता है।
हमले के बाद क्या हुआ?
हमले के बाद मुख्यमंत्री को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मेडिकल जांच की गई।
डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत स्थिर है, लेकिन चोटों ने सबकी चिंता बढ़ा दी है।
वहीं, आरोपी राजेश के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है, और अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इसकी जाँच कर रही है।
आज सुबह जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री हमेशा की तरह जनता से बात कर रही थीं। एक व्यक्ति उनके पास आया, कुछ कागज़ दिए और अचानक उनका हाथ पकड़कर उन्हें खींचने की कोशिश की। इस दौरान थोड़ी धक्का-मुक्की हुई,लोगों ने उसे पकड़ लिया। वो कौन है और अन्य सभी विवरणों की पुलिस जांच कर रही है।… pic.twitter.com/eHmS3BL5uc
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) August 20, 2025
हमलावर कौन है?
आरोपी की पहचान राजेश खिमजी के रूप में हुई है, जो गुजरात का रहने वाला है।
हैरान करने वाली बात यह है कि राजेश एक “हिस्ट्रीशीटर” यानी पेशेवर अपराधी है, और उस पर पहले से ही 5 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इनमें से अधिकतर में उसे बरी कर दिया गया है। हालांकि, एक मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है।
पुलिस के मुताबिक, वह हमले से पहले ही दिल्ली पहुंच गया था और उसने मुख्यमंत्री की गतिविधियों की रेकी की थी।

कैसे की थी रेकी?
19 अगस्त की शाम, राजेश शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री के निजी आवास के बाहर संदिग्ध हरकतें करता हुआ देखा गया।
सीसीटीवी फुटेज में वह आवास के चारों ओर चक्कर लगाते हुए और वीडियो बनाते हुए नजर आया।
पुलिस ने उसके मोबाइल से भी यह वीडियो बरामद किया है, जिससे पता चलता है कि उसने हमले से 24 घंटे पहले ही पूरी योजना बना ली थी।
#WATCH | CCTV visuals of the individual, identifying himself as Rajesh Khimji, as he did a recce of Delhi CM Rekha Gupta’s Shalimar Bagh residence on 19th August.
The man has been nabbed by the Police after he attacked the CM today during Jan Sunvai.
(Video Source: Delhi CMO) pic.twitter.com/qQ3fecQGc1
— ANI (@ANI) August 20, 2025
डॉग लवर है राजेश, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से था नाराज!
राजेश खिमजी गुजरात के राजकोट का रहने वाला है।
वह रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। उसकी एक पत्नी और एक बेटा है।
पड़ोसियों के मुताबिक, राजेश एक पशु प्रेमी है और उसे कुत्तों से खास लगाव है।
घटना के बाद उसकी मां भानुबेन ने बताया कि राजेश घर से उज्जैन जाने की बात कहकर निकला था, लेकिन बाद में उसने पिता को फोन कर बताया कि वह दिल्ली में कुत्तों के सिलसिले में गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजेश सोशल मीडिया पर दिल्ली में कुत्तों को ले जाते हुए एक वीडियो देखकर आहत हो गया था। इसके बाद उसने खाना तक नहीं खाया।
आशंका जताई जा रही है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के कुत्तों को लेकर आए फैसले और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से वह नाराज था।
हालांकि, पुलिस अभी तक हमले की सही वजह का पता नहीं लगा पाई है।
केजरीवाल समेत इन नेताओं ने की निंदा
इस घटना की सभी राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की है।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “लोकतंत्र में असहमति और विरोध की जगह है, लेकिन हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता।”
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला बेहद निंदनीय है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में विचारों का मतभेद और विरोध स्वीकार्य है, लेकिन हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता।
मुझे विश्वास है कि दिल्ली पुलिस उचित कार्रवाई करेगी। आशा है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ हों।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 20, 2025
AAP नेता आतिशी ने भी इस हमले को “बेहद निंदनीय” बताया और कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला बेहद निंदनीय है। लोकतंत्र में असहमति और विरोध की जगह होती है, लेकिन हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।
उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी। आशा है मुख्यमंत्री पूरी तरह सुरक्षित हैं। https://t.co/I0olIy2opH
— Atishi (@AtishiAAP) August 20, 2025
क्या होगा आगे?
अब देखना यह है कि दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच में क्या खुलासा करती है।
क्या राजेश अकेला था या उसके पीछे कोई बड़ी साजिश है?
क्या सुरक्षा एजेंसियों ने रेकी की रिपोर्ट को नजरअंदाज किया?
साथ ही, मुख्यमंत्री की सुरक्षा को और कैसे मजबूत किया जाएगा, यह भी एक अहम मुद्दा है।

इन सवालों के जवाब अभी बाकी हैं, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पर फिर से बहस छेड़ दी है।
भले ही करोड़ों रुपये सुरक्षा पर खर्च किए जा रहे हों, लेकिन जब तक Intelligence और Execution पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी।
उम्मीद है कि इस हमले से सबक लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।