Homeन्यूजदिल्ली शराब घोटालाः अरविंद केजरीवाल को स्पेशल कोर्ट से मिली जमानत पर...

दिल्ली शराब घोटालाः अरविंद केजरीवाल को स्पेशल कोर्ट से मिली जमानत पर High Court की रोक

और पढ़ें

Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।

नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है।

अरविंद केजरीवाल को स्पेशल कोर्ट द्वारा दी गई जमानत के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सुनवाई होने तक निचली अदालत के आदेश पर रोक लगी रहेगी।

इसका मतलब यह है कि केजरीवाल तब तक तिहाड़ जेल से रिहा नहीं होंगे जब तक कि हाईकोर्ट मामले की सुनवाई नहीं कर लेता।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर तत्काल सुनवाई की अनुमति दे दी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक हम मामले की सुनवाई नहीं कर लेते तब तक निचली अदालत का आदेश प्रभावी नहीं होगा।

हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए ईडी ने दलील दी कि निचली अदालत में हमको बात रखने का मौका ही नहीं मिला। वहीं, इसके जवाब में केजरीवाल के वकील ने कहा कि ये कहना सही नहीं है।

दरअसल, निचली अदालत ने 20 जून 2024 गुरुवार को ही आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में जमानत दी थी।

इसके बाद माना जा रहा था कि केजरीवाल 21 जून 2024 शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे, लेकिन हाईकोर्ट ने सुनवाई होने तक फिलहाल रोक लगा दी है।

यह है दिल्ली का कथित शराब घोटाला –

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था।

नई पॉलिसी के तहत शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई थीं।

दिल्ली सरकार का दावा था कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी।

हालांकि, ये नीति शुरू से ही विवादों में रही और जब बवाल ज्यादा बढ़ गया तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया।

कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था।

इस रिपोर्ट में उन्होंने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे।

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जिसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया।

इसमें पैसों की हेराफेरी का आरोप भी लगा इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया।

मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया था।

मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। आरोप लगाया गया कि नई नीति के जरिये लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी।

एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारियों को भी 30 करोड़ लौटा दिए गए, जबकि ये रकम जब्त की जानी थी।

- Advertisement -spot_img