Bhopal ISIS Terrorist Arrested: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकवाद के एक बड़े नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए ISIS मॉड्यूल के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है।
इनमें से एक आतंकी की गिरफ्तारी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हुई है।
ये दोनों आतंकी दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में, खासकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में, बड़े पैमाने पर धमाका करने की साजिश रच रहे थे।
जांच में इनके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से सीधे संपर्क का भी खुलासा हुआ है…
गिरफ्तारी का सिलसिला और कनेक्शन
यह मामला तब सामने आया जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजधानी दिल्ली में एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया।
उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच करने पर पता चला कि वह भोपाल में रहने वाले एक दूसरे साथी के साथ लगातार संपर्क में है।
इस सुराग के आधार पर, दीपावली से ठीक एक दिन पहले, दिल्ली पुलिस की टीम ने भोपाल के करोंद इलाके में छापा मारकर दूसरे आतंकी को गिरफ्तार कर लिया।
#WATCH | Delhi Police Special Cell busts an ISIS module with the arrest of two suspected terrorists
“One of the two suspected terrorists is a resident of Delhi. The other is from Madhya Pradesh. Delhi’s heavy footfall areas were on target,” says Delhi Police Special Cell.… pic.twitter.com/JVwODlOeKK
— ANI (@ANI) October 24, 2025
गिरफ्तार किया गया भोपाल का युवक लगभग 20 वर्षीय बताया जा रहा है और वह Chartered Accountant (CA) की पढ़ाई कर रहा था।
दिलचस्प बात यह है कि यह युवक पढ़ाई के साथ-साथ ISIS के विचारों से प्रभावित एक व्हाट्सएप ग्रुप में सक्रिय था, जहां से उसका रेडिकलाइजेशन (कट्टरपंथीकरण) हुआ।
उसका परिवार मूल रूप से भोपाल के अशोका गार्डन इलाके का रहने वाला है, जो हाल ही में करोंद में शिफ्ट हुआ था।
पाकिस्तानी ISI का सीधा लिंक और ‘खिलाफत मॉडल’
शुरुआती पूछताछ में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि यह ISIS मॉड्यूल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के कहने पर काम कर रहा था।
बताया जा रहा है कि ISI, ISIS या ISP जैसे नामों का इस्तेमाल कवर के तौर पर कर रही है ताकि उसकी सीधी भागीदारी छुपी रहे।
इस मॉड्यूल का लक्ष्य सिर्फ धमाका करना ही नहीं था, बल्कि वह ‘खिलाफत मॉडल’ पर काम कर रहा था।
इस मॉडल के तहत उनकी योजना किसी भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करके वहां जिहाद छेड़ने की थी।
बरामद हुईं खतरनाक सामग्रियां और ट्रेनिंग का खुलासा
गिरफ्तारी के दौरान दोनों आतंकियों के ठिकानों से सुरक्षा एजेंसियों ने विस्फोटक बनाने की खतरनाक सामग्री बरामद की है। इनमें शामिल हैं:
- विभिन्न प्रकार के एसिड
- सल्फर पाउडर
- बॉल बेयरिंग्स (जो विस्फोट में शार्पनेल का काम करती हैं)
- IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के सर्किट
इसके अलावा, यह भी पता चला है कि ये दोनों आतंकी IED विस्फोट और ‘फिदायीन’ शैली के हमलों की ट्रेनिंग ले चुके थे।
इससे साफ जाहिर है कि वे न सिर्फ बम बनाना जानते थे, बल्किक सुसाइड अटैक जैसे बड़े हमले को अंजाम देने के लिए मानसिक और व्यावहारिक रूप से तैयार थे।
ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन: आतंकवाद का नया चेहरा
यह मामला एक बार फिर उस खतरनाक ट्रेंड को उजागर करता है जहां युवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए आतंकवाद की राह पर धकेला जा रहा है।
गिरफ्तार आतंकी किसी बड़े आतंकी संगठन के भौतिक संपर्क में आए बिना ही, सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स (जैसे व्हाट्सएप) के जरिए रेडिकलाइज हुए और फंसाए गए।
वे खुद भी इसी तरह से दूसरे युवाओं को भर्ती करने की प्रक्रिया में शामिल थे।
भोपाल: आतंकवाद के लिए एक संवेदनशील इलाका?
यह पहली बार नहीं है जब भोपाल और मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र से आतंकवाद से जुड़े मामले सामने आए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मालवा का इलाका कभी सिमी (Students Islamic Movement of India) का गढ़ माना जाता था और यहां से कई आतंकी सदस्य गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
इससे इंगित होता है कि यह इलाका आतंकी संगठनों के लिए रिक्रूटमेंट का एक संभावित क्षेत्र बना हुआ है।
जांच अभी जारी है, कई सवाल बाकी
सुरक्षा एजेंसियाँ अभी दोनों गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी रखे हुए हैं।
उनकी कोशिश है कि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाए।
जांच के कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार हैं:
- नेटवर्क का दायरा: इस मॉड्यूल से और कौन-कौन जुड़ा हुआ है? क्या देश के अन्य हिस्सों में भी इसके सदस्य मौजूद हैं?
- फंडिंग का स्रोत: आतंकी गतिविधियों के लिए धन कहाँ से और कैसे आ रहा था? क्या ISI द्वारा सीधे फंडिंग की जा रही थी?
- योजनाओं का विवरण: दिल्ली के अलावा और किन-किन शहरों को निशाना बनाया जाना था? हमले की समयसीमा क्या थी?
- ट्रेनिंग कैम्प: उन्हें IED और फिदायीन हमलों की ट्रेनिंग कहाँ और किसने दी?
एक बड़ी सफलता, लेकिन सतर्कता जरूरी
दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की यह कार्रवाई निश्चित तौर पर एक बड़ी सफलता है।
समय रहते इन आतंकियों को पकड़कर राजधानी दिल्ली और देश की सुरक्षा के लिए एक बड़े खतरे को टाल दिया गया है। हालाँकि, यह मामला कई गंभीर चेतावनियाँ भी देता है।
पाकिस्तानी ISI का लगातार भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देना, युवाओं का ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन और आंतरिक सुरक्षा के प्रति लगातार बने खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इस घटना से सबक लेते हुए साइबर सुरक्षा को मजबूत करने, युवाओं के बीच सकारात्मक जागरूकता फैलाने और खुफिया तंत्र को और अधिक सक्षम बनाने की आवश्यकता है।
जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।


