Grap 3 in Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने लोगों का सांस लेना भी मुश्किल कर दिया है।
AQI 400 के पार पहुंचने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-3 लागू करने का ऐलान किया है।
इसके तहत ऑनलाइन क्लास, वर्क फ्रॉम होम, डीजल बसों पर रोक और निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध जैसी कड़ी पाबंदियां लागू की गई हैं।
आइए जानते हैं कि GRAP-3 क्या है, इसके लागू होने पर क्या-क्या बदलाव होंगे और आम जनता के लिए इसके क्या मायने हैं।
GRAP क्या है? (What Is GRAP)
GRAP का पूरा नाम ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan) है।
यह एक ऐसी योजना है जो वायु प्रदूषण के स्तर के आधार पर अलग-अलग उपाय लागू करती है।
GRAP के चार स्तर हैं:
- GRAP-1: AQI 201–300 (खराब)
- GRAP-2: AQI 301–400 (बहुत खराब)
- GRAP-3: AQI 401–450 (गंभीर)
- GRAP-4: AQI 450 से ऊपर (अत्यंत गंभीर)
जैसे-जैसे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, GRAP के उच्च स्तर लागू किए जाते हैं और पाबंदियां और सख्त होती जाती हैं।
How do the politicians breathe this and remain unaffected #aqi #delhipollution pic.twitter.com/Sg0htOJPKk
— Arpita (@Arrpita) November 1, 2025
GRAP-3 कब लागू किया जाता है?
GRAP-3 तब लागू किया जाता है जब दिल्ली-एनसीआर का AQI 401–450 के बीच पहुंच जाता है, जिसे “गंभीर” श्रेणी में रखा जाता है।
इस स्तर पर वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन जाता है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए।
ऐसे में, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तत्काल और कड़े उपाय लागू किए जाते हैं।

GRAP-3 के तहत लागू पाबंदियां
GRAP-3 लागू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में निम्नलिखित पाबंदियां लागू की गई हैं:
1. शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव
- कक्षा 5 तक के स्कूल बंद: सभी स्कूलों में कक्षा 5 तक की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में की जाएगी।
- उच्च कक्षाओं के लिए सावधानी: अभी तक कक्षा 6 से ऊपर के स्कूल खुले हैं, लेकिन उन्हें प्रदूषण के स्तर के अनुसार निर्देशों का पालन करना होगा।
2. कार्यालय और कार्य व्यवस्था
- वर्क फ्रॉम होम: निजी और सरकारी कार्यालयों को कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड मोड अपनाने की सलाह दी गई है।
- आपातकालीन सेवाएं छूट: स्वास्थ्य, बिजली, पानी और परिवहन जैसी आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है।
3. यातायात और वाहनों पर प्रतिबंध
- डीजल बसों पर रोक: दिल्ली की सड़कों पर डीजल से चलने वाली बसों का संचालन रोक दिया गया है।
- पुराने वाहनों पर प्रतिबंध: BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों पर चलने पर रोक लगाई गई है।
- ट्रकों की आवाजाही पर रोक: सीमेंट, बालू और अन्य निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
Commission for Air Quality Management (CAQM) says, “Keeping in view the prevailing trend of air quality, the Sub-Committee today has taken the call to invoke all actions as envisaged under Stage-III of extant GRAP – ‘Severe’ Air Quality (DELHI AQI ranging between 401-450), with… pic.twitter.com/qaLqPto0PS
— ANI (@ANI) November 11, 2025
4. निर्माण और औद्योगिक गतिविधियां
- निर्माण कार्य बंद: सभी गैर-जरूरी निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्यों पर रोक लगाई गई है।
- स्टोन क्रशर और खनन पर प्रतिबंध: खनन और स्टोन क्रशर संबंधी गतिविधियां पूरी तरह बंद कर दी गई हैं।
- डीजल जनरेटर पर रोक: इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
5. अन्य उपाय
- सड़कों पर पानी का छिड़काव: धूल कम करने के लिए नियमित रूप से सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
- लोगों से अपील: लोगों से सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने और कारपूलिंग को बढ़ावा देने की अपील की गई है।

GRAP-3 का आम जनता पर प्रभाव
- स्वास्थ्य: GRAP-3 लागू होने का सीधा मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लोगों को घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनने और शारीरिक गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी जाती है।
- यातायात: डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के कारण लोगों को सार्वजनिक परिवहन या इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करना होगा।
- शिक्षा और कार्य: ऑनलाइन क्लास और वर्क फ्रॉम होम के कारण शिक्षा और कार्य व्यवस्था में बदलाव आया है।
GRAP के स्तर और AQI के अनुसार पाबंदियां
| GRAP स्तर | AQI रेंज | श्रेणी | प्रमुख पाबंदियां |
|---|---|---|---|
| GRAP-1 | 201–300 | खराब | धूल नियंत्रण के उपाय लागू |
| GRAP-2 | 301–400 | बहुत खराब | निर्माण गतिविधियों पर रोक |
| GRAP-3 | 401–450 | गंभीर | ऑनलाइन क्लास, वर्क फ्रॉम होम, डीजल वाहनों पर रोक |
| GRAP-4 | 450+ | अत्यंत गंभीर | ऑड-ईवन, निर्माण कार्य पूर्ण प्रतिबंध |
दिल्ली-एनसीआर के इन जिलों में लागू
GRAP-3 दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के 24 जिलों में लागू किया गया है:
- हरियाणा (14 जिले): फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद, करनाल।
- उत्तर प्रदेश (8 जिले): मेरठ, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), बुलंदशहर, हापुड़, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर।
- राजस्थान (2 जिले): भरतपुर, कोटपुतली-बहरोड़।
दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 का लागू होना वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
इसके तहत लागू पाबंदियां जन-जीवन को प्रभावित कर रही हैं, लेकिन ये उपाय लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं।

सरकार और नागरिकों की साझा कोशिशों से ही प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है।
लोगों से अपील है कि वे GRAP के नियमों का पालन करें और प्रदूषण कम करने में अपना योगदान दें।



