Sports Ban In Delhi School: दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता (Air Quality) ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गई है।
गुरुवार को राजधानी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 506 तक पहुंच गया, जिसके बाद इसे दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर (World’s Most Polluted City) घोषित किया गया।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नवंबर और दिसंबर महीने के लिए सभी स्कूलों और कॉलेजों में खेल गतिविधियों (Sports Events Ban) और प्रतियोगिताओं पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा इस मामले में चिंता जताए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
प्रदूषण के खिलाफ सरकार का बड़ा कदम
दिल्ली सरकार के इस फैसले का मुख्य उद्देश्य बच्चों को बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) के हानिकारक प्रभावों से बचाना है।
सर्दियों के आगमन के साथ ही दिल्ली की हवा में जहर घुलना शुरू हो गया है।
शहर के कई इलाकों में AQI का स्तर 400 को पार कर ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में पहुंच गया था।
इस आपात स्थिति में, स्कूल-कॉलेजों में खेल के दौरान बच्चों के शारीरिक व्यायाम करने से उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस ओर इशारा करते हुए कहा था कि “खराब हवा में खेल गतिविधियां बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।”

कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को नवंबर-दिसंबर में होने वाले खेल आयोजनों को स्थगित करने पर विचार करने का निर्देश दिया था।
BCCI ने भी प्रदूषण को देखते हुए पुरुष श्रेणी के अंडर-23 वनडे टूर्नामेंट के नॉकआउट मैचों को दिल्ली से हटाकर मुंबई शिफ्ट कर दिया है।
दिल्ली की हवा: 11 सिगरेट पीने के बराबर का जहर
वायु प्रदूषण की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक स्वास्थ्य सूचकांक के अनुसार, दिल्ली की वर्तमान हवा में सांस लेना रोजाना लगभग 11 सिगरेट पीने के बराबर माना जा रहा है।
शुक्रवार की सुबह दिल्ली का AQI 418 दर्ज किया गया, जो ‘हैज़र्डस’ (खतरनाक) श्रेणी में आता है।
हवा में PM2.5 का स्तर 271 और PM10 का स्तर 355 तक पहुंच गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के मुकाबले यह स्तर सामान्य सीमा से लगभग 20 गुना अधिक है।
ऐसी हवा में सांस लेना विशेष रूप से सांस के मरीजों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए अत्यंत हानिकारक साबित हो सकता है।
#WATCH | Delhi Minister Ashish Sood says, “After the concern expressed by the Supreme Court and the order that for the next one and a half to two months, as a precautionary measure, outdoor activities for small children should not be conducted. We were going to organise a huge… pic.twitter.com/FoelULbZse
— ANI (@ANI) November 21, 2025
हालात में सुधार की उम्मीद कम, अगले कुछ दिन और खराब
मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से जल्द राहत मिलने की संभावना नहीं है।
हवा की रफ्तार बेहद धीमी होने के कारण PM2.5 और PM10 जैसे खतरनाक कण जमीन के पास ही जमा होते जा रहे हैं और वातावरण में फैल रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि 22 और 23 नवंबर को हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।
आने वाले 6 दिनों तक हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रहने का अनुमान है।
हालांकि, 25 से 27 नवंबर के बीच हवा की गति में हल्का सुधार होने से स्थिति में कुछ बेहतरी की संभावना जताई जा रही है।

पराली जलाना भी बड़ी वजह
इस संकट की एक बड़ी वजह पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना (Stubble Burning) भी है।
हालांकि, इस साल पराली से होने वाले प्रदूषण में पिछले साल के मुकाबले कमी दर्ज की गई है।
साल 2024 में पराली के कारण प्रदूषण में 22% की वृद्धि हुई, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 38% था।
GRAP-3 से भी नहीं हुआ फायदा
दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के नियम लागू हैं, लेकिन अब तक प्रदूषण के स्तर में कोई खास कमी नहीं देखी गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 39 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 38 पर ‘रेड अलर्ट’ जारी है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
दिल्ली के वजीरपुर, बावना और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में AQI 440 के पार दर्ज किया गया है।

कोयले की भट्टी जैसी गंध
एनसीआर के शहरों में स्थिति और भी भयावह है; फरीदाबाद का AQI 570 और नोएडा का 514 दर्ज किया गया, जो दिल्ली से भी अधिक खराब है।
निवासियों का कहना है कि सुबह खिड़की खोलने पर कोयले की भट्टी जैसी गंध आती है।
पूरे दिन धुंध की घनी परत छाई रहती है और सूरज भी धुंध में खोया नजर आता है।
हवा में मौजूद जहरीले कणों के कारण सांस लेना दूभर हो गया है और आंखों में जलन की शिकायत आम है।
ऐसा लगता है मानो पूरा शहर जहरीली हवा के पिंजरे में कैद हो गया हो।


