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DFO सुसाइड केसः हाइपरटेंशन के थे शिकार, परिवार से कहते थे- नौकरी से इस्तीफा दे दूंगा

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Manish Kumar
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DFO Suicide Case: इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में वन मंडल अधिकारी महेंद्र सिंह सोलंकी ने शुक्रवार को अपने ही सरकारी बंगले में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद डीएफओ सोलंकी का शव उनके परिजनों को सौंप दिया।

इसके बाद परिजनों ने शव को पैतृक गांव में ले जाकर अंचिम संस्कार किया।

डीएफओ सोलंकी द्वारा सुसाइड करने की बाबत पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की।

इस पूछताछ में उनका कहना था कि डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी काफी तनाव में रहते थे और हाइपरटेंशन का शिकार थे।

उन्होंने परिवार से कई बार में चर्चा में कहा था कि वे नौकरी से इस्तीफा दे देंगे।

DFO Suicide Case: गूगल पर सर्च की थीं दवाइयां –

DFO Suicide Case

इस संबंध में एडिशनल सीपी अमित सिंह के मुताबिक, 15 दिन पहले ही डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने गूगल पर कुछ दवाइयां सर्च की थीं।

ये सर्च उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में सर्च हिस्ट्री में दिखाई दे रही हैं।

इसके साथ ही डीएफओ सोलंकी द्वारा कुछ महीने पहले की गईं कार्रवाइयों को भी खंगाला जा रहा है।

ऐसा इसलिए ताकि पता चल सके कि कहीं डीएफओ किसी मामले को लेकर तो परेशान नहीं थे।

DFO Suicide Case: मोबाइल से नहीं मिल पाई कोई खास जानकारी –

पुलिस की अब तक की जांच में कुछ खास निकल कर नहीं आ पाया है।

डीएफओ के मोबाइल में भी अभी तक ऐसी कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है जिससे पता चल पाए कि उन्होंने सुसाइड करने जैसा कदम क्यों उठाया।

बता दें कि डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी के सुसाइड करने की खबर ने प्रशासन से लेकर वन विभाग तक हड़कंप मचा दिया।

फोरेंसिक जांच के दौरान पुलिस ने महेंद्र सिंह सोलंकी का मोबाइल भी जब्त कर लिया था।

DFO Suicide Case: सरकारी बंगले में फंदे से लटके मिले सोलंकी – 

DFO Mahendra Singh Solanki DFO Suicide Case

इंदौर में डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने 13 दिसंबर शुक्रवार शाम करीब 4:30 बजे सुसाइड कर लिया था।

डीएफओ करीब 12.30 बजे अपने घर के ऊपर के कमरे में आराम करने गए थे, इसके बाद से नीचे नहीं आए।

इस दौरान डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी के बुजुर्ग माता-पिता घर पर मौजूद थे।

करीब 4 बजे रसोइया किशोरी सेन डीएफओ से चाय का पूछने गया, लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला।

एक घंटे बाद उसने फिर जाकर आवाज लगाई और रिस्पॉन्स नहीं मिलने पर उसने ड्राइवर रतन सिंह को बुलाया।

इसके बाद दोनों ने मिलकर धक्का देकर दरवाजा खोला तो उनका शव फांसी के फंदे पर लटका देखा।

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