Premanand Met Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंगलवार को अचानक वृंदावन के श्रीहित राधा केलि कुंज आश्रम पहुंचकर संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की।
यह मुलाकात किसी सार्वजनिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत भेंट थी।
इस दौरान दोनों संतों के बीच आध्यात्मिक चर्चा हुई और धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य का हालचाल जाना।
दंडवत प्रणाम और आशीर्वाद
मुलाकात के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेमानंद महाराज के चरणों में दंडवत प्रणाम किया और उनका आशीर्वाद लिया।
प्रेमानंद महाराज इन दिनों गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं।
उनकी किडनी खराब है और सप्ताह में पांच दिन उनकी डायलिसिस होती है।
इसके बावजूद वे अपने भक्तों से मिलने के लिए समय निकाल लेते हैं।
प्रेमानंद महाराज जी ने धीरेंद्र शास्त्री को धर्म की शिक्षा दी है, अब देखना होगा कि धीरेंद्र शास्त्री जी इसे जीवन में उतारते हैं या नहीं।
— Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) October 14, 2025
जब धीरेंद्र शास्त्री ने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा, तो प्रेमानंद महाराज ने कहा,
“शरीर बीमार है, हृदय से बात करूंगा।”
इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया, “ये तो आपकी लीला है, महापुरुष ऐसे ही करते हैं।”
‘सनातन एकता पदयात्रा’ पर चर्चा
चर्चा के दौरान प्रेमानंद महाराज ने धीरेंद्र शास्त्री से पूछा कि वे वृंदावन में कब तक रुकेंगे।
इस पर शास्त्री जी ने बताया कि वे एक दिन और रुकेंगे और ‘सनातन एकता पदयात्रा’ की तैयारियों पर चर्चा के लिए एक बैठक में शामिल होंगे।
यह पदयात्रा दिल्ली से वृंदावन तक आयोजित की जानी है।
इस पर प्रेमानंद महाराज ने ‘सनातन’ की गहन व्याख्या करते हुए कहा,
“सनातन ब्रह्म है, वायु है। सनातन सूर्य है, आकाश है, भूमि है। बिना सनातन के किसी की सत्ता ही नहीं है। हर एक को सनातन से जुड़ना होगा।”
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म किसी व्यक्ति द्वारा स्थापित नहीं किया गया, बल्कि यह स्वयंभू है, जैसे वेद स्वयंभू हैं।
श्रद्धालुओं में उत्साह
जैसे ही यह खबर फैली कि धीरेंद्र शास्त्री वृंदावन में हैं, आश्रम के बाहर उनके दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गई।
लोगों ने उनके आशीर्वाद लिए और इस आध्यात्मिक मिलन को एक शुभ संयोग माना।
इस मुलाकात ने एक बार फिर संत समाज में परस्पर आदर और आध्यात्मिक सहयोग की मिसाल पेश की है।