Dilip Khedkar Will Contest Elections: लंबे समय तक विवादों में रही बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के पिता महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
दिलीप खेडकर ने शेवगांव सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
इसके लिए उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया, जिसमें उनके मैरिटल स्टेटस को लेकर सवाल खड़े हो रहे है।
पहले शादीशुदा और अब खुद को बताया तलाकशुदा
दिलीप खेडकर ने 2024 में अहमदनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था।
वंचित बहुजन आघाडी के प्रत्याशी के तौर पर उन्हें इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था।
लोकसभा चुनाव के दौरान दाखिल हलफनामे में दिलीप ने खुद को मनोरमा खेडकर से विवाहित बताया था।
साथ ही संयुक्त स्वामित्व वाली संपत्तियों का विवरण भी दिया था।
एक बार फिर से दिलीप खेडकर शेवगांव विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे हैं।
इसके लिए उन्होंने नामांकन पत्र भी दाखिल किया।
इस बार हलफनामे में उन्होंने खुद को तलाकशुदा बताया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए दी गई ये जानकारी 2024 लोकसभा चुनाव के हलफनामे में दी गई जानकारी से बिल्कुल विपरीत है।
इसी को लेकर दिलीप खेडकर के मैरिटल स्टेटस पर सवाल उठने लगे हैं।
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बता दें महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को समाप्त हो रहा है।
राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक ही फेज में 20 नवंबर को होंगे और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
तलाक के बाद भी साथ रहे थे पति-पत्नी, बेटी हुई सस्पेंड
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिलीप और मनोरमा खेडकर 25 जून 2010 को एक-दूसरे से अलग हो गए थे।
दोनों ने पुणे की फैमिली कोर्ट में साल 2009 में आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दी थी।
लेकिन, कहा जाता है कि तलाक के बावजूद भी दंपत्ति पुणे के बानेर इलाके में एक बंगले में साथ रहते थे।
विभिन्न अकादमियों में मॉक इंटरव्यू के दौरान बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने दावा किया था कि उनके परिवार की आय शून्य है।
पूजा ने बताया था कि उनके माता-पिता का तलाक हो चुका है और वो अपनी मां के साथ रहती हैं।
बता दें कि पूजा खेडकर को संघ लोक सेवा आयोग से सस्पेंड किया जा चुका है।
पूजा ने आरक्षण का लाभ लेने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आवेदन में गलत जानकारी दी थी।
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पूजा खेडकर ने 2020-21 में ओबीसी कोटे के तहत ‘पूजा दिलीपराव खेडकर’ नाम से परीक्षा दी।
2021-22 में सभी अटेम्प्ट पूरे करने के बाद पूजा OBC और PWBD कोटे के तहत परीक्षा में फिर शामिल हुईं।
इस बार पूजा ने ‘पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर’ नाम का इस्तेमाल किया।
इस साल पूजा खेडकर ने ऑल इंडिया स्तर पर 821 रैंक हासिल की थी।
केंद्र सरकार ने IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत एक्शन लेते हुए पूजा को प्रशासनिक सेवा से मुक्त कर दिया था।
सरकार ने UPSC परीक्षा में OBC और दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने के आरोप में पूजा के खिलाफ कार्रवाई की थी।
UPSC ने 31 जुलाई को पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था।
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