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इस जिले में कलेक्टर ने पहले लगाई पत्रकारों की एंट्री पर रोक, विवाद बढ़ते ही 24 घंटे में पलटा फैसला

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Dindori Collector Media Restrictions: मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में कलेक्टर नेहा मारव्या द्वारा जारी एक आदेश को लेकर खासा विवाद खड़ा हो गया था।

इस आदेश में पत्रकारों को कलेक्टर कार्यालय में बिना अनुमति प्रवेश करने और साक्षात्कार लेने से रोक दिया गया था।

30 जून 2025 को जारी इस आदेश से मीडिया जगत और सामाजिक कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल गई, जिसके बाद महज 24 घंटे के भीतर कलेक्टर ने अपना आदेश संशोधित कर दिया।

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पत्रकारों की एंट्री पर लगी रोक

पहले आदेश में, कलेक्टर नेहा मारव्या ने कहा था कि कलेक्टर कार्यालय में राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और कर्मचारी संघों द्वारा बार-बार होने वाले जुलूस, रैलियों और ज्ञापन देने के नाम पर भारी भीड़ इकट्ठा हो जाती है, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा को खतरा पैदा होता है।

इसी के मद्देनजर कई पाबंदियां लगाई गई थीं, जिनमें पत्रकारों के प्रवेश और इंटरव्यू पर भी रोक शामिल थी।

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आदेश का कड़ा विरोध आदेश

इस आदेश का पत्रकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया।

उनका तर्क था कि यह आदेश प्रेस की स्वतंत्रता और पारदर्शिता के खिलाफ है।

उनका कहना था कि मीडिया को जनहित से जुड़ी खबरें कवर करने से रोका नहीं जा सकता।

विरोध के बाद हटा आदेश

विवाद बढ़ने पर, डिंडोरी कलेक्टर ने 1 जुलाई को संशोधित आदेश जारी किया, जिसमें पत्रकारों पर लगाई गई पाबंदियों को हटा दिया गया

अब पत्रकार कलेक्टर कार्यालय परिसर में अपनी रिपोर्टिंग के लिए आ सकेंगे।

कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि पाबंदियों का मकसद केवल शांति और सुरक्षा बनाए रखना था, न कि प्रेस की आजादी पर अंकुश लगाना।

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संशोधित आदेश में क्या है खास?

संशोधित आदेश में पत्रकारों पर लगी रोक हटा दी गई है, लेकिन परिसर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए कुछ अन्य नियम अभी भी लागू रहेंगे। इन नियमों में शामिल हैं:

  • परिसर में हथियार, डंडे, रॉड या अन्य धारदार चीजें लेकर प्रवेश पर रोक
  • बिना अनुमति लाउडस्पीकर, नारेबाजी, बैनर-पोस्टर पर प्रतिबंध
  • जन समस्याओं के नाम पर धरना, आंदोलन, चक्का जाम या घेराव की इजाजत नहीं होगी।
  • परिसर के बाहर बिना अनुमति रैली या प्रदर्शन की मनाही
  • कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा
  • काले झंडे, नकाब पहनकर प्रदर्शन या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कार्य पर भी रोक है।
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