Trump Terahvi in Bhopal: अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) के विरोध में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अनोखा और सांकेतिक प्रदर्शन देखने को मिला।
यहां ‘भारतीय गणवार्ता पार्टी’ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘मृत्यु’ मानते हुए उनकी ‘तेरहवीं’ का आयोजन किया और ‘मृत्युभोज’ (शोक भोज) दिया।
यह प्रदर्शन अमेरिका की उस नई व्यापार नीति के विरोध में था, जिसके तहत भारत से आयात होने वाले कई उत्पादों पर 50% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस कदम से भारतीय निर्यात और रोजगार को भारी नुकसान होगा।
13 दिन पहले किया था अंतिम संस्कार
इस विरोध का सिलसिला करीब 13 दिन पहले शुरू हुआ था, जब पार्टी कार्यकर्ताओं ने बोर्ड ऑफिस चौराहे से एक सांकेतिक शवयात्रा निकाली।
इसमें डोनाल्ड ट्रंप का पुतला जलाया गया और ‘तेरहवीं’ के निमंत्रण कार्ड बांटे गए, जिसमें 13 दिन बाद मृत्युभोज में शामिल होने का आग्रह किया गया था।
शुक्रवार को उसी के अनुसार भोपाल के एक चौराहे पर यह ‘मृत्युभोज’ आयोजित किया गया।
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— LokTak (@LokTaknews) September 13, 2025
तेरहवीं में पूड़ी, सब्जी और बूंदी का भोजन
सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं ने इसमें भाग लेकर पूड़ी, सब्जी और बूंदी का भोजन किया।
यह आयोजन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और सांकेतिक था, जिसका उद्देश्य अमेरिकी सरकार तक अपना विरोध दर्ज कराना था।
ट्रंप ने दोस्ती के नाम पर गद्दारी की
भगवा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकांत शुक्ला ने इस मौके पर कहा, “ट्रंप ने दोस्ती के नाम पर गद्दारी की है। अमेरिका के साथ हमारे अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन यह कदम भारत के हितों के खिलाफ है। हमारा यह प्रदर्शन उन नीतियों के खिलाफ है जो भारत को नुकसान पहुंचाती हैं।”
टैरिफ की मार
व्यापार विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका का यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस 50% टैरिफ से भारत के लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये के निर्यात पर असर पड़ सकता है।
इससे अमेरिका में भारतीय सामान महंगे हो जाएंगे और उनकी मांग में 70% तक की गिरावट आ सकती है।
इसका सीधा असर भारतीय कंपनियों और यहां के श्रमिकों की नौकरियों पर पड़ेगा।
भोपाल का यह अनूठा प्रदर्शन दर्शाता है कि वैश्विक व्यापार नीतियां स्थानीय स्तर पर लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित करती हैं और लोकतंत्र में लोग अपने विरोध को दर्ज कराने के लिए कितने रचनात्मक तरीके अपना सकते हैं।