MP CS Dr. Rajesh Rajoura: भोपाल। मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा का एक्सटेंशन इस महीने यानी 30 सितंबर को खत्म हो रहा है।
हालांकि, उनकी जगह प्रदेश के नए मुख्य सचिव का नाम तय हो चुका है।
नए मुख्य सचिव के नाम की आधिकारिक घोषणा ही बाकी है, जो जल्द ही कर दी जाएगी।
अब आपका सारा सस्पेंस खत्म करते हैं और बताते हैं कि कौन है वह अधिकारी जिसके नाम पर मुहर लग चुकी है।
डॉ. राजेश राजौरा का प्रदेश का मुख्य सचिव बनना तय हो चुका है। बस आधिकारिक घोषणा होना बाकी है।
डॉ. राजेश राजौरा की गिनती मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पसंदीदा अधिकारियों में होती है।
मोदी सरकार के करीबी अनुराग जैन के नाम पर भी हुई चर्चा –
आपको बता दें कि डॉ. राजौरा के अलावा 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन के नाम की भी चर्चा जोरों पर रही।
ऐसा इसलिए क्योंकि अनुराग जैन पीएम नरेंद्र मोदी के पसंदीदा अधिकारी माने जाते हैं।
कहा जा रहा है कि यदि मोदी सरकार की चली तो अनुराग जैन मध्य प्रदेश के अगले मुख्य सचिव होंगे।
लेकिन, सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश के मुखिया यानी सीएम डॉ. मोहन यादव को मुख्य सचिव चुनने के लिए स्वतंत्र कर दिया है।
चूंकि मुख्य सचिव के लिए एक महीने पहले तीन नामों के पैनल केंद्र सरकार को भेजना होते हैं, जो अब तक नहीं भेजे गए हैं।
दूसरी तरफ, वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा आज से 10 दिन बाद यानी 30 सितंबर को चीफ सेक्रेटरी के पद से रिटायर्ड हो जाएंगी।
MP CS Dr. Rajesh Rajoura: डॉ. राजौरा को माना जाता है टास्क मास्टर –
सीएम मोहन यादव ने डॉ. राजेश राजौरा को अपर मुख्य सचिव बनाकर न केवल उनका कद बढ़ाया बल्कि उन पर अपना भरोसा भी जताया है।
डॉ. राजौरा के इस दौड़ में शामिल होने का सबसे बड़ा कारण उनका टास्क मास्टर होना माना जा रहा है।
भाजपा या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के सरकारों के सीएम उनकी कार्यशैली के कायल रहे हैं।
डॉ. राजौरा की गिनती रिजल्ट देने वाले अफसरों में होती है।
ऐसा माना जाता है कि सत्तारूढ़ पार्टी क्या चाहता है, उसके नामुमकिन से दिखने वाले काम कैसे करने है, इन सब चीजों को निपटाने में उन्हें महारत हासिल है।
MP CS Dr. Rajesh Rajoura: काम करने के लिए मिलेगा काफी समय –
उन्हें किसी भी काम में समस्या लेकर जूझने वाला नहीं बल्कि समाधान देने वाले अधिकारी में शुमार किया जाता है।
नीमच में पैदा हुए डॉ. राजेश राजौरा को मुख्य सचिव के रूप में काम करने के लिए अच्छा-खासा समय मिलेगा।
एम्स दिल्ली से एमबीबीएस कर चुके डॉ. राजौरा प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में मई 2027 तक काम करते रहेंगे।
बेहद मिलनसार और खुशमिजाज अधिकारियों में शामिल राजौरा से आमजन से लेकर मंत्रालय और प्रदेश के कर्मचारी बेखोफ होकर मिलते हैं।
MP CS Dr. Rajesh Rajoura: इन नामों को छोड़ रेस में आये अव्वल –
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव के पद के लिए 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन, 1990 बैच के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, 1989 बैच के अधिकारी मोहम्मद सुलेमान और 1990 बैच के ही अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा का नाम चर्चा में था।
इनमें से मोहम्मद सुलेमान को कृषि उत्पादन आयुक्त और कर्मचारी चयन मंडल के अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
इन जिम्मेदारियों को देकर सरकार ने संकेत दे दिए थे मोहम्मद सुलेमान मुख्य सचिव की रेस से बाहर हो चुके हैं।
इसके अलावा सुलझे हुए अधिकारी की छवि वाले अपर मुख्य सचिव गृह, जेल और परिवहन एसएन मिश्रा का नाम भी चर्चा में रहा।
लेकिन, उनकी सेवानिवृत्ति में बचा बहुत कम समय उनके और मुख्य सचिव के पद के आड़े आ गया।
जानकारी के लिए बता दें कि एसएन मिश्रा जनवरी 2025 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
सूत्रों की मानें तो अनुराग जैन के नाम पर सरकार ने केवल इसलिए विचार किया क्योंकि उनके पास अगस्त 2025 तक का समय है।
इसके अलावा अनुराग जैन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद का अधिकारी माना जाता है।
अनुराग जैन को भारत सरकार में लगातार महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाती रही है।
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