MP Cheetah Controversy: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को पानी पिलाकर विवादों में घिरे ड्राइवर सत्यनारायण गुर्जर को फिर से नौकरी मिल गई है।
दरअसल, चीतों को पानी पिलाने की वजह से सत्यनारायण को नौकरी से हटा दिया गया था। जिसके बाद गुर्जर समाज ने वन विभाग को चेतावनी दी थी।
गुर्जर समाज के विरोध के बाद वन विभाग ने अपना फैसला बदल दिया।
काम पर लौटेंगे सत्यनारायण
मंगलवार को कूनो प्रबंधन ने अपना फैसला बदलते हुए ड्राइवर सत्यनारायण के कांट्रेक्ट को दोबारा बहाल कर दिया।
अब वह फिर से गाड़ी चलाएगा।
सत्यनारायण की निजी गाड़ी वन विभाग ने रेंजर सुनील सेंगर के परिवहन के लिए कांट्रेक्ट पर लगा रखी थी।
इसे सत्यनारायण ही चलाता था। पिछले दिनों वह अपने वाहन के साथ चीता निगरानी टीम में लगाया गया था।

गुर्जर समान ने किया सत्यनारायण का सम्मान
गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुखिया गुर्जर के नेतृत्व में समाज के लोग सिंह परियोजना के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा से मिले और सत्यनारायण को वापस लेने की मांग की।
इसके बाद वन विभाग ने कार्रवाई वापस ले ली।
इतना ही नहीं ढेंगदा गांव के देवनारायण मंदिर में गुर्जर महासभा ने सत्यनारायण का सम्मान भी किया।
यहां समाज के लोगों ने फूलों का हार पहनाकर और मिठाई खिलाकर उनका सम्मान किया।

अखिलेश यादव ने किया था ट्वीट
इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट भी किया था।
इसमें उन्होंने लिखा- हृदयहीन भाजपा को मन में दयाभाव रखने वाले लोग पंसद नहीं है, इसीलिए जिस कर्मचारी ने प्यासे जानवरों को पानी पिलाया, उसी को भाजपा सरकार ने निलंबित कर दिया।
भाजपा के शीर्ष लोग अपनी इस पोल खुलने से परेशान हैं कि जानवरों को धूमधाम से ले तो आए पर प्रचार पाने के बाद, अब पानी तक को तरसा दिया है।
मतलब निकल गया है तो…..बाकी जनता समझदार है।
भाजपा की सत्ता की प्यास के आगे और कोई प्यास महत्त्व नहीं रखती है।
हृदयहीन भाजपा को मन में दयाभाव रखनेवाले लोग पसंद नहीं हैं, इसीलिए जिस कर्मचारी ने प्यासे जानवरों को पानी पिलाया, उसीको भाजपा सरकार ने निलंबित कर दिया।
दयावान निलंबित कर्मचारी की तुरंत बहाली हो और जिन्होंने उसे… pic.twitter.com/grI5IZ9fjX
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 8, 2025
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो
दरअसल, रविवार को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से चीतों को पानी पिलाने का वीडियो वायरल हुआ था।
वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इसे नियमों का उल्घंन मानते हुए सत्यनारायण को नौकरी से सस्पेंड कर दिया था।

इस पर काफी विवाद हुआ और पूरा गुर्जर समाज सत्यनारायण के सपोर्ट में सामने आ गया था।