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MP से UP तक 6 राज्यों में बढ़ी SIR की समयसीमा, जानें किन राज्यों में कब तक भर सकते हैं फॉर्म?

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

SIR Deadline Extended चुनाव आयोग ने विशेष गहन निरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) सत्यापन की समयसीमा बढ़ा दी है।

अब कई राज्यों में नागरिकों को मतदाता सूची में नाम जोड़ने, सुधारने या हटाने के लिए अधिक समय मिलेगा।

SIR में शामिल 12 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों में करीब 51 करोड़ मतदाता हैं और इस कार्य में 5.33 लाख से अधिक बीएलओ और राजनीतिक दलों के 7 लाख से ज्यादा बीएलए लगे हुए हैं।

यह अभियान लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

किन राज्यों में कब तक भर सकते हैं फॉर्म?

  • 18 दिसंबर तक: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह।
  • 26 दिसंबर तक: उत्तर प्रदेश।
  • 14 दिसंबर तक: गुजरात और तमिलनाडु।

पहले यह अंतिम तिथि 11 दिसंबर थी, जिसे बढ़ा दिया गया है।

  • केरल में पहले से ही अंतिम तिथि 18 दिसंबर निर्धारित है।
  • गोवा, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के लिए प्रक्रिया गुरुवार (12 दिसंबर) को समाप्त हो गई है। इनकी प्रारूप मतदाता सूची 16 दिसंबर को जारी होगी।

राजनीतिक दलों को मिलेगी विशेष जानकारी

चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए यह निर्णय लिया है कि 16 दिसंबर को प्रारूप सूची जारी होने से पहले ही, राजनीतिक दलों के बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) को उन मतदाताओं की एक सूची प्रदान की जाएगी जिन्हें अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत या डुप्लीकेट श्रेणी में चिन्हित किया गया है।

यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और दावों के निपटारे में मदद के लिए है।

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क्या है विशेष गहन निरीक्षण (एसआईआर)?

विशेष गहन निरीक्षण यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) चुनाव आयोग की एक विशेष अभियान के तौर पर चलाई जाने वाली प्रक्रिया है।

इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूचियों को अधिक सटीक बनाना है। इसमें निम्नलिखित कार्य शामिल हैं:

  • 18 साल या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं का नाम जोड़ना।
  • मृतकों, स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं या डुप्लीकेट नामों के नाम हटाना।
  • मतदाता सूची में नाम, पते या अन्य विवरणों में गलतियों को सुधारना।
  • बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर नागरिकों से संपर्क करते हैं और फॉर्म भरने में सहायता करते हैं।
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मतदाताओं के लिए मार्गदर्शन: क्या करें और कैसे करें?

  • अपनी जानकारी सत्यापित करें: जब बीएलओ या बीएलए आपसे संपर्क करें या आप खुद ही जांचें, तो मतदाता सूची में अपना नाम और विवरण मिलान अवश्य कर लें।
  • फॉर्म भरें: अगर आपका नाम सूची में नहीं है, गलत है या आप एक से अधिक स्थानों पर सूचीबद्ध हैं, तो संबंधित फॉर्म (फॉर्म-6,7,8) भरकर सुधार का अनुरोध करें।
  • मान्य दस्तावेज: पहचान या निवास प्रमाण के लिए आप आधार कार्ड (केवल पहचान प्रमाण के रूप में), पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक पासबुक, पेंशनर कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, 10वीं की मार्कशीट, स्थायी निवास प्रमाणपत्र आदि में से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं।
  • यदि नाम कट गया हो: अगर प्रारूप सूची में आपका नाम गलती से हटा दिया गया है, तो इसे जारी होने के एक महीने के भीतर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) के पास अपील कर सकते हैं। ईआरओ के निर्णय के खिलाफ जिलाधिकारी (डीएम) और उसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के पास भी अपील की जा सकती है।
  • सहायता के लिए: किसी भी जानकारी या शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 पर संपर्क करें। आप अपने क्षेत्र के बीएलओ या जिला चुनाव कार्यालय से भी मदद ले सकते हैं।

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एसआईआर का व्यापक उद्देश्य

दरअसल, पिछले 21 वर्षों से देश के अधिकांश हिस्सों में यह गहन निरीक्षण नहीं हुआ था।

इस लंबे अंतराल के दौरान, पलायन, डुप्लीकेट नाम, मृतकों के नाम बने रहना जैसी अनियमितताएं बढ़ गई हैं।

एसआईआर का बड़ा मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से छूटे नहीं और कोई भी अयोग्य व्यक्ति सूची में शामिल न रहे।

 इससे चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता और निष्पक्षता मजबूत होगी।

अतिम मतदाता सूची अब 14 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।

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