Anil Ambani ED Raid: 24 जुलाई 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 3000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर रेड मारी है।
ये रेड मुंबई सहित विभिन्न शहरों में अनिल अंबानी से जुड़े 35 से ज्यादा ठिकानों और 50 कंपनियों पर चल रही है।
यह कार्रवाई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और अनिल अंबानी को “फ्रॉड” घोषित करने के बाद की गई है।
SBI ने क्यों घोषित किया फ्रॉड?
23 जून 2025 को SBI ने RCom के ₹31,580 करोड़ के लोन अकाउंट को धोखाधड़ी की श्रेणी में डाला।
बैंक का आरोप है कि RCom ने लोन राशि का गलत इस्तेमाल किया:
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₹13,667 करोड़ अन्य कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए।
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₹12,692 करोड़ रिलायंस ग्रुप की अन्य कंपनियों को ट्रांसफर किए।
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RBI को 24 जून को इसकी सूचना दी गई।
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Anil Ambani | Enforcement Directorate | pic.twitter.com/sdn4NYUHDW— Chautha Khambha (@chauthakhamba) July 24, 2025
ED किन आरोपों की जांच कर रही है?
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यस बैंक घोटाला: ED का दावा है कि रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) ने फर्जी दस्तावेजों और शेल कंपनियों के जरिए यस बैंक से ₹3,000 करोड़ की लोन हेराफेरी की।
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मनी लॉन्ड्रिंग: PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम) के तहत विदेशी लेनदेन और वित्तीय धोखाधड़ी की जांच।
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एवरग्रीनिंग लोन: खराब लोन को छिपाने के लिए कमजोर कंपनियों को नए लोन देना।
Enforcement Directorate conducts raid on properties linked to Anil Ambani in connection with alleged offence of money laundering by RAAGA companies (Reliance Anil Ambani Group Companies).
(Visuals from Reliance Centre in Mumbai) pic.twitter.com/IcXIXmNBGu
— ANI (@ANI) July 24, 2025
SEBI और RBI की कार्रवाई
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SEBI ने अगस्त 2024 में RHFL के मामले में अनिल अंबानी और 24 अन्य पर ₹25 करोड़ का जुर्माना लगाया और उन्हें 5 साल तक स्टॉक मार्केट से प्रतिबंधित किया।
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RBI ने RCom के खाते को फ्रॉड घोषित करते हुए अनिल का नाम अपनी विल्फुल डिफॉल्टर लिस्ट में डाला।

अनिल अंबानी का पतन: कैसे डूबा बिजनेस साम्राज्य?
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2005 में बंटवारा: धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश और अनिल के बीच कंपनियों का बंटवारा हुआ। अनिल को RCom, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी जैसी कंपनियां मिलीं।
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कर्ज का बोझ: RCom 2017 में दिवालिया हो गया, जबकि मुकेश की रिलायंस इंडस्ट्रीज दुनिया की टॉप कंपनियों में शामिल हो गई।
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कोर्ट केस: SBI ने NCLT में अनिल के खिलाफ दिवालियापन की कार्रवाई शुरू की है।

आगे की कार्रवाई
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ED, CBI और SEBI मिलकर धोखाधड़ी के सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं।
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SBI ने RBI को अनिल का नाम भेजकर उन पर कर्ज न चुकाने वाले (विल्फुल डिफॉल्टर) का टैग लगाने का अनुरोध किया है।
अनिल अंबानी, जो कभी भारत के टॉप बिजनेस टाइकून थे, आज कर्ज, धोखाधड़ी और कानूनी मुकदमों के घेरे में हैं।
ED की आज की कार्रवाई से साफ है कि उनके खिलाफ मामला और गंभीर होगा।