Path India Indore: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह इंदौर स्थित पाथ इंडिया (प्रकाश एस्फाल्टिंग एंड टोल हाईवेज (इंडिया) लिमिटेड) के दफ्तरों और निदेशकों के आवासों पर छापा मारा है।
यह छापा अनिल अंबानी से जुड़े एक बैंक लोन घोटाले की जांच से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के मुताबिक, ईडी को जांच में पता चला है कि अनिल अंबानी की कंपनियों और पाथ इंडिया ग्रुप के बीच कई निर्माण कॉन्ट्रैक्ट थे।
आरोप है कि इन समझौतों के बहाने सैकड़ों करोड़ रुपये की रकम को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया।
ईडी इन्हीं वित्तीय लेन-देनों की जांच कर रही है।
पुराना आयकर छापा और नए सुराग
यह पहली बार नहीं है जब पाथ इंडिया ग्रुप विवादों में घिरा है।
करीब दस साल पहले आयकर विभाग ने भी इस ग्रुप पर छापा मारा था। उस समय जो तथ्य सामने आए थे, वहीं इस मामले की जड़ में हैं।
पिछली जांच में खुलासा हुआ था कि राजस्थान के एक हाईवे को बनाने का ठेका अनिल अंबानी की कंपनी ने लिया था, जिसे बाद में पाथ इंडिया को सब-कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया।
हालांकि, इस पूरे सौदे में दो अलग-अलग करार (एग्रीमेंट) बनाए गए थे।
पहली डील: यह सामने वाला आधिकारिक करार था।
दूसरी डील: यह सीक्रेट एग्रीमेंट था, जिसमें यह तय हुआ था कि पाथ इंडिया को जो अतिरिक्त राशि दी जाएगी, उसे दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर किया जाएगा।
जब आयकर विभाग ने इस पैसे के रास्ते को ट्रेस (पता लगाया) किया तो पता चला कि इन खातों में देश भर की विभिन्न कंपनियों से पैसा आया।
इसके बाद यह रकम दुबई के रास्ते से होते हुए फिर से भारत वापस आई थी।
आरोप है कि इस पूरी प्रक्रिया में फायदा अनिल अंबानी के ग्रुप से जुड़ी कंपनियों को पहुंचाया गया।
पाथ इंडिया ग्रुप के बारे में
पाथ इंडिया ग्रुप के प्रबंध निदेशक (एमडी) नितिन अग्रवाल हैं।
वही, निपुन अग्रवाल, सक्षम अग्रवाल, नीति अग्रवाल और संतोष अग्रवाल कंपनी के निदेशक (डायरेक्टर) हैं।
इसके अलावा आशीष अग्रवाल और आदित्य उपाध्याय स्वतंत्र निदेशक (इंडिपेंडेंट डायरेक्टर) के पद पर हैं।
ईडी की टीम ने इंदौर और महू में ग्रुप के कार्यालयों और संबंधित लोगों के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया और जांच जारी है।