Postal Ballot Counting: भारतीय चुनाव प्रक्रिया को और भी अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है।
आयोग ने मतगणना के दिन की प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव करते हुए यह फैसल लिया है कि अब मतपत्रों (Postal Ballots) की गिनती पूरी होने के बाद ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों की गिनती शुरू होगी।
यह बदलाव मतगणना में एकरूपता लाने और किसी भी प्रकार के भ्रम या अव्यवस्था से बचने के लिए किया गया है।
आइए समझते हैं कि पहले क्या थी ये प्रक्रिया और नई प्रक्रिया कैसे होगी…
पहले क्या थी प्रक्रिया?
मतगणना के दिन की पुरानी प्रक्रिया के अनुसार, पोस्टल बैलेट की गिनती सुबह 8:00 बजे शुरू होती थी और ईवीएम की गिनती 8:30 बजे से शुरू हो जाती थी।
इसका मतलब यह था कि दोनों प्रक्रियाएं एक साथ चलती थीं। कई बार ईवीएम की गिनती पोस्टल बैलेट की गिनती से पहले भी पूरी होने की संभावना बन जाती थी।
इस समानांतर प्रक्रिया से कभी-कभी उम्मीदवारों और एजेंटों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती थी और मतगणना प्रक्रिया पर सवाल उठाए जाते थे।

नई प्रक्रिया क्या है?
नए नियम के तहत, मतगणना का दिन अभी भी सुबह 8:00 बजे पोस्टल बैलेट की गिनती से शुरू होगा।
हालांकि, अब ईवीएम/वीवीपैट की गिनती के दूसरे और अंतिम चरण की शुरुआत तभी की जाएगी, जब पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
दूसरे शब्दों में, पहले पोस्टल बैलेट के सभी वोटों की गिनती निर्बाध रूप से पूरी की जाएगी, उसके बाद ही ईवीएम की गिनती का अगला चरण शुरू होगा।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि मतगणना केंद्रों पर सभी का ध्यान एक समय में एक ही प्रक्रिया पर केंद्रित रहे।
Election Commission further streamlines the process of Counting of Postal Ballots pic.twitter.com/9JpMP7x4K9
— ceoassam (@ceoassam62029) September 25, 2025
चुनाव आयोग ने यह बदलाव क्यों किया?
इस बदलाव के पीछे चुनाव आयोग के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं:
- एकरूपता और स्पष्टता: यह बदलाव पूरे देश के सभी मतगणना केंद्रों पर एक समान प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा। इससे उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को प्रक्रिया को समझने और उस पर नजर रखने में आसानी होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
- भ्रम की स्थिति को दूर करना: जब दोनों गिनती प्रक्रियाएं एक साथ चलती थीं, तो कई बार परिणामों के बारे में भ्रम पैदा होता था। नई व्यवस्था से इस तरह की किसी भी गड़बड़ी या गलतफहमी की संभावना खत्म हो जाएगी।
- बढ़ी हुई पोस्टल बैलेट संख्या का प्रबंधन: चुनाव आयोग ने हाल के समय में 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए ‘घर से मतदान’ की सुविधा शुरू की है। इसका सीधा असर यह हुआ है कि पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ऐसे में, इन मतपत्रों की गिनती पर अधिक ध्यान देने और इसे व्यवस्थित तरीके से पूरा करने की जरूरत थी।

नई व्यवस्था के लिए क्या तैयारियां होंगी?
पोस्टल बैलेट की बढ़ी हुई संख्या को देखते हुए चुनाव आयोग ने सभी रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिन मतगणना केंद्रों पर पोस्टल बैलेट की संख्या अधिक है, वहां पर्याप्त मात्रा में गिनती की मेजें (टेबल) और कर्मचारी तैनात किए जाएं।
इसका उद्देश्य यह है कि गिनती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनावश्यक देरी न हो और काम तेजी से और सुचारू रूप से पूरा हो सके।

छह महीनों में यह आयोग की 30वीं पहल
यह बदलाव चुनाव आयोग की पिछले छह महीनों में की गई 30वीं बड़ी पहल है।
इस अवधि में आयोग ने मतदान प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जैसे कि:
- मतदाताओं के लिए मोबाइल डिपॉजिट सुविधा।
- मतदान केंद्रों पर भीड़ कम करने के उपाय।
- ईवीएम पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें लगाना।
- सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था।
- मृतक मतदाताओं के नाम स्वचालित रूप से हटाने की प्रक्रिया।
चुनाव आयोग द्वारा मतगणना प्रक्रिया में लाया गया यह बदलाव एक सराहनीय कदम है।
यह बदलाव इस बात का प्रमाण है कि चुनाव आयोग लगातार बदलती परिस्थितियों और चुनौतियों के अनुसार खुद को ढाल रहा है और लोकतंत्र की इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बना रहा है।


