Indore Police Brutality: इंदौर से एक अमानवीय मामला सामने आया है। जहां पुलिस की मदद मांगने पहुंचे धर्मेंद्र नामदेव नामक व्यक्ति से थाने में झाड़ू लगवाई गई।
इसके बाद आदमी को थाने में ही हार्ट अटैक आया लेकिन उसे अस्पताल ले जाने की बजाय पुलिस ने उसे घर भिजवा दिया।
बाद में अस्पताल ले जाने पर धर्मेंद्र नामदेव ने दम तोड़ दिया। इस घटना से लोगों में काफी गुस्सा है।
बेटी के लिए मदद मांगने पहुंचा था
इंदौर के गोविंद नगर में रहने वाला 40 वर्षीय धर्मेंद्र नामदेव कारखाने में काम करता था।
उसकी बेटी प्रियंका का पति हरिगोविंद दहेज की मांग करता था और ससुरालवाले भी लड़की के साथ मारपीट करते थे।
शुक्रवार को सभी (आरोपित) रिश्तेदार रामबाबू के घर आकर रुके।
रविवार सुबह धर्मेंद्र के दामाद और उसके रिश्तेदारों ने उसके साथ मारपीट की थी।
रिश्तेदार विनय नामदेव के मुताबिक हमने किसी तरह उसे बचाया और शिकायत करने के लिए बाणगंगा थाने भेज दिया।
पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों की बात सुनी और धर्मेंद्र को थाने में बैठा लिया।

पुलिसवालों ने लगवाई झाड़ू
खबरों के मुताबिक पुलिसवालों ने न सिर्फ धर्मेंद्र के साथ बुरा सुलूक किया बल्कि उससे थाने में झाड़ू लगवाई गई।
इसके कुछ देर बाद ही उसके सीने में दर्द होने लगा लेकिन पुलिस ने अस्पताल ले जाने के बजाय धर्मेंद्र को घर भेज दिया।
हार्ट अटैक से हुई मौत
धर्मेंद्र किसी तरह ऑटो रिक्शा से घर पहुंचा और पत्नी रानी, बेटी भूमिका, प्रियंका के साथ नंदानगर अस्पताल गया।
डॉक्टर ने देखते ही बता दिया कि धर्मेंद्र को अटैक आया है। कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई।

घरवालों ने लगाया हत्या का आरोप
धर्मेंद्र के घरवालों का कहना है कि उसका थाने में अपमान हुआ जिस वजह से उन्हें हार्ट अटैक आया।
उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच के साथ ही पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
टीआई बोले- फुटेज में कुछ नहीं
दूसरी तरफ टीआई सियारामसिंह गुर्जर के मुताबिक ये पारिवारिक विवाद था। घटना के वक्त दोनों पक्ष थाने में मौजूद थे।
सीसीटीवी वीडियो फुटेज में धर्मेंद्र झाड़ू लगाते हुए नहीं दिखा है।
विधायक के घर के सामने प्रदर्शन
गुस्साए स्वजन ने भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के घर के सामने शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया।