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भोपाल में भीख लेने-देने पर पहली FIR दर्ज, कलेक्टर के आदेश के बाद की गई बड़ी कार्रवाई

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Fir On Beggar: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को बेगर-फ्री सिटी बनाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयार कर रहा है।

भोपाल जिला प्रशासन ने भीख मांगने और देने के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए पहली एफआईआर दर्ज की है।

इस कार्रवाई के तहत एमपी नगर थाने में अज्ञात भिखारी और एक ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

जिला कलेक्टर के आदेश के बाद यह पहला मामला है।

इसमें न केवल भीख मांगने वाले बल्कि देने वाले के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की गई है।

भिखारियों की गैंग ने पुलिस टीम को घेरा

बुधवार को एमपी नगर स्थित बोर्ड ऑफिस चौराहे पर एक ट्रक चालक ने एक भिखारी से पोंछा खरीदा।

इस घटना का वीडियो एक समाजसेवी मोहन सोनी ने रिकॉर्ड किया और पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने जब युवक को पकड़ने का प्रयास किया, तो भिखारियों की गैंग ने पुलिस को घेर लिया।

इस दौरान अफरा-तफरी मच गई और आरोपी युवक मौके से फरार हो गया।

बाद में पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर अज्ञात भिखारी और ट्रक चालक के खिलाफ FIR दर्ज की।

8 दिन बाद हुई पहली सफलता

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने 4 फरवरी को आदेश जारी किया था कि शहर में भीख मांगना और देना दोनों अपराध की श्रेणी में आएंगे।

इसके बाद प्रशासन ने सख्ती शुरू की, लेकिन पहले मामलों में वीडियो सबूत के अभाव में एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी थी।

अब पहली बार वीडियो साक्ष्य के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है।

इससे पहले 25 जनवरी को बोर्ड ऑफिस चौराहे पर एक भिखारी और नागरिक योगेंद्र भलावी के बीच विवाद हुआ था।

जब योगेंद्र ने भिखारी से कहा कि इतने हट्टे-कट्टे होने के बावजूद भीख मांग रहे हो, तो भिखारी ने उनसे अभद्रता कर दी।

इस घटना के बाद योगेंद्र ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी भिखारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

बेगर-फ्री सिटी बनाने की पहल

भोपाल में इससे पहले भीख मांगने पर रोक थी, लेकिन अब कलेक्टर के नए आदेश के बाद भीख देने को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

बीएनएस की धारा 223 के तहत सरकारी आदेश की अवहेलना करने पर कार्रवाई होगी।

भोपाल को “बेगर-फ्री सिटी” बनाने के उद्देश्य से प्रशासन ने शहरभर में विशेष टीमों का गठन किया है।

यह टीमें भीख मांगने और देने वालों की निगरानी कर रही हैं।

खासकर एयरपोर्ट से रोशनपुरा चौराहे तक भिखारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

प्रशासन की इस कार्रवाई पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है।

कुछ लोग इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जिससे शहर की छवि सुधरेगी और भिखारियों के पुनर्वास की दिशा में काम किया जा सकेगा।

वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि इससे जरूरतमंदों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

हालांकु, प्रशासन का मानना है कि यह कदम लंबे समय में शहर के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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