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ओसामु ने Suzuki कंपनी को बनाया ग्लोबल ब्रांड, अपनी पत्नी का लगाते थे सरनेम

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Osamu Suzuki: सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व अध्यक्ष ओसामु सुजुकी ने 94 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।

ओसामु ने भारत में मारुति की मजबूत नींव रखी थी।

वहीं दुनियाभर में सुजुकी के एक्सपेंशन का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।

ओसामु ने सुजुकी परिवार की बेटी से शादी की थी।

इसके बाद से उन्होंने अपनी पत्नी का सरनेम सुजुकी का लगाना शुरु कर दिया था।

आइए जानते हैं सुजुकी मोटर के पूर्व चेयरमैन ओसामु सुजुकी के बारे में

सुजुकी परिवार की बेटी से की थी ओसामु ने शादी

सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन ओसामु सुजुकी का बुधवार 25 दिसंबर को निधन हो गया।

वे 94 वर्ष के थे और लिम्फोमा नाम की बीमारी से पीड़ित थे।

30 जनवरी 1930 को जापान के गेरो में जन्में ओसामु वह शख्स हैं, जिन्होंने जापानी कार निर्माता को भारत के कार बाजार में प्रमुख सफलता के साथ एक वैश्विक पावरहाउस में बदल दिया।

1958 में उन्होंने सुजुकी परिवार की बेटी शोको सुजुकी से विवाह किया था।

इसके बाद से ही वह अपनी पत्नी का सरनेम सुजुकी अपने नाम के साथ लगाने लगे थे।

दुनियाभर में सुजुकी के एक्सपेंशन का श्रेय ओसामु को ही दिया जाता है।

Osamu Suzuki
Osamu Suzuki

उन्हीं के प्रयास से सुजुकी की छोटी कारों और मोटरसाइकिलों को दुनियाभर में एक अलग पहचान मिली।

ओसामु सुजुकी कंपनी के साथ कई दशक तक जुड़े रहे।

इस दौरान वे दो बार कंपनी के चेयरमैन बने और इस पद पर सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले व्यक्ति भी वहीं हैं।

उन्हीं के गाइडेंस में सुजुकी मोटर ने जनरल मोटर्स और फॉक्सवैगन के साथ स्ट्रैटेजिक साझेदारी की।

1980 के दशक में भारतीय मार्केट में एंट्री करना उनका सबसे साहसिक कदम माना जाता है।

ओसामु ने भारत में रखी थी मारुति की मजबूत नींव

जहां कई जापानी ऑटो निर्माता अमेरिका और चीन के बाजारों पर फोकस कर रहे थे।

वहीं ओसामु सुजुकी ने भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और हंगरी जैसे क्षेत्रों में छोटी और किफायती कारों के उत्पादन पर ध्यान दिया।

1982 में सुजुकी ने भारत सरकार के साथ एक जॉइंट वेंचर बनाया, इसमें मारुति उद्योग का निर्माण हुआ।

इस साझेदारी ने मारुति 800 नाम की एक छोटी कार पेश की।

लॉन्चिंग के साथ ही यह मॉडल भारतीय बाजार में हिट हो गई और सुजुकी को एक मजबूत जगह दिलाई।

47,500 रुपये की एक्स शोरूम कीमत पर कंपनी ने देश के एक बड़े तबके को कार खरीदने के सक्षम बनाया था।

Suzuki
Suzuki

मारुति सुजुकी पिछले 40 साल में देश में करीब 3 करोड़ गाड़ियां बेच चुकी है।

बीते कई साल से मारुति सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरर है।

वहीं भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में भी सुजुकी सबसे ज्यादा गाड़ियां बेचती है।

हालांकि भारत में मारुति की मजबूत नींव रखने वाले ओसामु सुजुकी का कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा।

Osamu Suzuki
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उन्हें जापान में फ्यूल-इकोनॉमी टेस्टिंग स्कैंडल का सामना करना पड़ा।

इस केस के चलते उन्हें 2016 में कंपनी के CEO के पद से इस्तीफा देना पड़ा।

रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने ने कंपनी में अपने एक्सपीरियंस का इस्तेमाल करते हुए एडवाइजर की भूमिका निभाई।

सुजुकी को ग्लोबल ब्रांड बनाने वाले ओसामु थे बैंककर्मी

ओसामु ने 40 से अधिक वर्षों तक सुजुकी कंपनी का नेतृत्व किया।

1978 से लेकर जून 2021 में 91 वर्ष की आयु में पद छोड़ने तक उन्होंने अध्यक्ष और सीईओ जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया।

उनके नेतृत्व में सुजुकी की समेकित बिक्री 1978 में लगभग 300 बिलियन येन ($1.9 बिलियन) से नाटकीय रूप से बढ़ोतरी हुई।

वित्तीय वर्ष 2006 में कंपनी की बिक्री 3 ट्रिलियन येन से अधिक हो गई, जो 10 गुना वृद्धि थी।

ओसामु ने 1920 में सुजुकी लूम मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के रूप में शुरू हुई कंपनी को जापान के प्रमुख ऑटोमेकर में से एक बना दिया।

Osamu Suzuki
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ओसामु सुजुकी के शुरुआती वर्षों की शुरुआत साधारण रही। टोक्यो में चुओ विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई के दौरान उन्होंने खुद का खर्च चलाने के लिए जूनियर हाई स्कूल शिक्षक और नाइट गार्ड के रूप में काम किया।

1953 में स्नातक होने के बाद उन्होंने सुजुकी परिवार के व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए अपनी शादी से पहले एक बैंक में काम किया।

सुजुकी की नेतृत्व शैली निर्णायकता और प्रगति के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से चिह्नित थी। वह कहते थे कभी रुको नहीं, वरना तुम हार जाओगे।

कई कंपनियों के साथ सुजुकी की पार्टनरश‍िप

सुजुकी मोटर ने अपनी पर्यावरणीय तकनीकों को बेहतर बनाने के लिए 2009 में Volkswagen AG के साथ व्यापारिक गठबंधन किया।

हालांकि, नियंत्रण को लेकर विवादों के बाद 2015 में यह साझेदारी टूट गई।

CASE (Connected, Autonomous, Shared and Electric) तकनीकों की ओर उद्योग के बढ़ते रुझान को देखते हुए सुजुकी ने 2019 में टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन के साथ एक गठबंधन बनाया।

इसका उद्देश्य सेल्फ-ड्राइविंग वाहनों का सह-विकास करना था।

ओसामु सुजुकी ने 2015 में अध्यक्ष पद छोड़ा और अपने बेटे तोशिहिरो सुजुकी को कंपनी की बागडोर सौंप दी थी।

Osamu Suzuki
Osamu Suzuki

लेकिन, 2021 तक वह चेयरमैन के रूप में कंपनी को दिशा देते रहे।

आज सुजुकी ऑटोमोबाइल की दुनिया की एक बड़ा नाम बन चुकी है।

छोटी कारों से लेकर एसयूवी और यहां तक टू-व्हीलर इंडस्ट्री में भी कंपनी मजबूती से पैठ बनाए हुए है।

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