FSSAI Withdraws Advisory : मिल्क प्रोडक्ट्स की सेल ‘A-1’ और ‘A-2’ लेबलिंग से जारी रहेगी।
FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India ) ने दूध की बिक्री से जुड़े आदेश अपने ही आदेश को वापस ले लिया है।
FSSAI ने यू-टर्न क्यों लिया और ये ‘A-1’ और ‘A-2’ कैटगरी के दूध क्या होते हैं, आईए समझते हैं –
जानें FSSAI ने क्या आदेश दिया था
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी FSSAI ने खाद्य व्यवसायों की पैकेजिंग से संबंधित आदेश जारी किया था।
21 अगस्त को जारी इस आदेश में दूध की पैकेजिंग से ‘A1’ और ‘A2’ लेबल हटाने को कहा गया था।
FSSAI ने कहा था कि छह महीने के अंदर एफबीओ अपने उत्पादों से ‘A-1’ और ‘A-2’ को हटा दें।
साथ ही ई-कॉमर्स कंपनियों को भी ‘A-1’ और ‘A-2’ का दावा करने वाले उत्पादों को अपनी वेबसाइट से हटाने के लिए कहा था।
इन दावों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं बताया गया था। रेग्युलेटर ने इस तरह के ‘लेबल’ को भ्रामक बताया था।
जांच में पता चला कि ‘A-1’ और ‘A-2’ में जो अंतर है, वह दूध में बीटा कैसिइन प्रोटीन की संरचना को दर्शाता है। इस अंतर को एफएसएसएआई मान्यता नहीं देता।
FSSAI का अपने ही को लिया वापस
लेकिन, एक हफ्ते के अंदर ही FSSAI ने अपने आदेश को वापस ले लिया है।
FSSAI का कहना है कि इस मामले पर शेयरधारकों के साथ परामर्श जारी है।
गाय की नस्लों के आधार पर दूध में बीटा-कैसिइन प्रोटीन की संरचना भिन्न हो सकती है।
FSSAI के द्वारा आदेश वापस लेने के बाद मिल्क प्रोडक्ट्स की सेल A1-A2 लेबलिंग से जारी रहेगी।
खाद्य सामान बेचने वाली कंपनियां पहले के जैसे ही अपने दूध के पैकेट पर ‘A-1’ और ‘A-2’ कैटेगरी का दावा करना जारी रख सकती है।
क्या होता है A1 और A2 टाइप लेबल
मिल्क और उससे बने प्रोडक्ट्स पर A1 और A2 टाइप लेबल का मतलब दूध में मौजूद ‘बीटा-केसीन प्रोटीन’ के केमिकल स्ट्रक्चर से जुड़ा है।
यह दूध देने वाले पशु के ब्रीड और ओरिजिन के हिसाब से बदलता है।
बीटा केसीन सबसे ज्यादा मात्रा में पाया जानेवाला दूसरा प्रोटीन है।
इसमें अमीनो एसिड का बेहतर न्यूट्रिशनल बैंलेंस होता है।
A1 मिल्क यूरोपियन कैटल ब्रीड से आता है।
ये गायें क्रॉस ब्रीडिंग के जरिए पैदा होती हैं।
इनमें जर्सी, आयरशायर और ब्रीटिश शॉर्ट हॉर्न जैसे कैटेगरी है।
A2 मिल्क मूल रूप से देश नस्ल की गायों से आता, ये प्रोटीन में रिच होता है।
इनमें लाल सिन्धी, साहिवाल, गिर, देवनी और थारपारकर जैसी कैटेगरी शामिल है।
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