Homeन्यूजनए चैनल का हुआ ‘विस्तार’ और गर्म होने लगा चर्चाओं का बाजार

नए चैनल का हुआ ‘विस्तार’ और गर्म होने लगा चर्चाओं का बाजार

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भोपाल में इन दिनों दो ही चीजों की चर्चा आम है एक तो गर्म हवाओं के थपेड़े और दूसरे नए चैनलों की आमद…हवा की गर्मी आलमी है लिहाजा तय है कि जब बारिश की बूंदें बरसेगीं तो ठंडक होगी…लेकिन नए नवेले चैनलों की आमद और उनके क्रियाकलाप हमेशा बने रहने वाले हैं…

जिक्र हाल ही में नमूदार हुए एक टीवी चैनल का जिसकी ज्ञानेन्द्रियां क्या खुलीं हंगामा हो गया… चैनल के दो प्रमुख चेहरे चकमक पत्थर की मानिंद चिंगारियां छोड़़ रहे है जो गजब का चटखारा पैदा कर रही हैं…

दरअसल इस फसाने को ‘विस्तार’ मिला कुछ दिनों पहले जारी हुई एक पोस्ट से जिसने खुल्लम खुल्ला चैनल में चल रही उठापटक को उजागर किया है…कहा तो ये भी जा रहा है कि ये पोस्ट भी चैनल के एडिटर इन चीफ ने लिखवाई और वायरल करवाई है…

बहरहाल जब से इस नए चैनल का ‘विस्तार’ हुआ तभी से इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था…लोगों को उम्मीद थी कि खांटी पत्रकारों का चैनल है जिसे गुरूदेव का आशीर्वाद मिला है निश्चित ही खबरों की दुनिया में बड़ा नाम करेगा…

लेकिन ऐसा नहीं हुआ…क्योंकि सोशल मीडिया पर आई एक पोस्ट ने चैनल का जो पोस्टमार्टम किया उसने लोगों को आवाक कर दिया…लोगों ने जब ये पोस्ट पढ़ी तो… पहले तो आई हंसी… और फिर हुआ अफसोस… धत् तेरे कि ये चैनल भी वैसा ही निकला…

उस वायरल पोस्ट मे जो यशोगान चैनल के कर्ताधर्ताओं का किया गया है उसका लब्बोलुआब कुछ यूं है… नामी चैनल से मुक्त होकर इस चैनल के एडिटर इन चीफ बने वरिष्ठ पत्रकार जो अब लेखक भी बन गए हैं आत्ममुग्धता से लबरेज हैं…

स्वरचित किताबों के उनवान को ताकते और मिलने जुलने वालों से उनकी प्रशंसा सुनने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे है और जो उनकी लेखनी का मुरीद बनकर आता है उसपर महोदय की कृपा भी बरसा रहे है…

दूसरे एक शख्स हैं जिन्हे अपने नाम के अनुरूप ही ज्ञान का इंद्र होने का गुमान है… लिहाजा वैसा ही आचरण भी उनका है…दिल लगा रहे इसलिए दिल्ली से अपने दरबार के लिए अपनी महिला मित्र को ले आए जो जनाब की उपासना और दूसरों को उलाहना देने का काम बखूबी जानती है…

उनकी उसी महिला मित्र की एक सहेली भी चैनल में आ गई है जो मंथरा की तरह ही बड़ी चपल चालाक और अय्यार है…एक तरफ ये सब हैं और दूसरी तरफ बंबरीक की तरह पूरी महाभारत देख रहे चैनल के प्रमुख है जिनके धनरूपी धड़ पर गिद्धभोज किया जा रहा है…

इस पूरी सजावट और बुनावट को बड़े ही गुमान से देख रहे इस चैनल के प्रमुख आरंभिक काल में ही चैनल के हाल और खर्चा देख बेहाल है…यानि जितने का ढोल नहीं उतने का तो मंजीरा पिट रहा है…’मुकेश’ के कई दर्दभरे नगमें चैनल मालिक की हालत पर फिट बैठते हैं…

नामी चैनल से जो लेखक महोदय एडिटर इन चीफ बनाकर लाए गए हैं…खबर है उनका मासिक वेतन करीब साढ़े 4 लाख रूपये है…लग्जरी गाड़ी भी मिली है जिसका इस्तेमाल महोदय से ज्यादा उनकी शरीके हयात ज्यादा करती है…लेकिन असल मुद्दा है काम और जनाब की सीनियरिटी का…

काम की बात करें तो रिपोर्टर वो भले ही अच्छे हैं लेकिन प्रेजेंटर के तौर पर वो खुद की भद पिटवा चुके हैं…यानि यू कहें कि जनाब की बंद मुट्ठी खुलते ही खाक उड़ा गई…अब जनाब लाइव नहीं देते बल्कि इनके प्रोग्राम रिकॉर्डेड जाते है…मियां भाई ये ही काम पहले कर लेते…यानि आइने के सामने बैठकर रिहर्सल कर लेते या रिकॉर्ड करा लेते प्रोग्राम तो शर्मसार ना होना पड़ता…इन्हे नहीं…चैनल को…

बहरहाल खांटी पत्रकारों का चैनल बताकर अपने मुंह मिया मिट्ठू बनने की चाह में इस चैनल का जब हो तब हो, फिलहाल चैनल के अंदरखाने की खबरों का खूब विस्तार हो रहा है और इन खबरों पर जमकर चटखारे भी लिए जा रहे हैं…

हम तो यही सलाह देंगे कि चैनल के विस्तार से पहले फैला हुआ रायता समेट लिया जाए तो बेहतर है…क्योंकि जिनके हाथों में बागडोर सौंपी गई है इनके रंग ढंग लुटिया डुबोने वाले ही हैं…

बाकी कही सुनी माफ।

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