Homeन्यूजलाट साहबों का आका बन उभर रहा है एक छुटभईया

लाट साहबों का आका बन उभर रहा है एक छुटभईया

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इन दिनो भोपाल की एक चर्चित बिल्डिंग में रहने वाला एक शख्स काफी सुर्खियों में है। यह वह व्यक्ति है जो मध्यप्रदेश के चंबल से ताल्लुकात रखता है।

चंबल के बड़े नेता का सीधा आशीर्वाद इसके उपर बताया जाता है। कभी छुटभईया नेता रहे और आज पैसों में खेल रहे हैं।

इतना ही नहीं जनाब का वह जलवा चल रहा है कि इन महोदय के घर पर लाट साहबों का हर दिन तांता लगा रहता है।

जलवा ऐसा कि कभी देशी-अंग्रेजी का स्वाद चख लिया करते थे, लेकिन अब इनको इम्पोर्टेड वाइन हर दिन शरबत की तरह लग रही है, लेकिन शराब इम्पोर्टेड ही चलेगी।

महोदय की एंट्री रहने के हिसाब से भोपाल में तीन-चार साल पहले ही हुई है। हालांकि वह चंबल जाते-आते रहते हैं। माल इतना आया पिछले चार सालों में कि एक बड़ा रिसोर्ट खोल डाला है।

बताया जा रहा है कि लाट साहबों की मुखिया का पूरा हिसाब-किताब का ब्योरा इन्हीं महोदय के हाथ में है। महोदय लंबा पैसा छापने के साथ-साथ सरकार में काम दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये ले रहे हैं।

एक समय महोदय ने दो सरकारी विभागों में भी अपने लोगों को काफी काम दिलवाया है। महोदय ने जिस कंपनी को काम दिलवाया था उस कंपनी ने कम्प्यूटर जैसे सामान खरीदने में करोड़ों का हेरफेर कर दिया है।

दरअसल महोदय के भोपाल में रहने वाले दो जुड़वा, गोपी-किशन टाइप के भाई काफी खास हैं। यह वह गोपी-किशन हैं जो अधिकारियों के बंगले के बाहर बुके लिए खड़े रहते हैं।

इन्होंने ने काफी मोटा पैसा छापा हुआ है। खैर बात करें छुटभईया रहे महोदय जी की तो इसके चाटुकार दलाल जैसे गोपी-किशन हैं, ऐसे ही कई दलाल मार्केट में काफी सक्रिय हैं।

बताया तो यह भी जा रहा है कि लाट साहिबा के खास होने के चलते वह किसी भी लाट साहिबानों का ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने का काम बड़ी आसानी से कर लेते हैं।

इनकी सक्रियता इतनी ज्यादा है कि वह सिर्फ आचार संहिता का इंतजार कर रहे हैं। इनके दलालों का कहना है कि आचार संहिता खत्म हो जाने के बाद सभी काम हो जायेंगे।

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