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IndiGo Crisis पर बड़ा एक्शन! अब मनमाना किराया नहीं ले पाएंगी एयरलाइंस, सरकार ने तय की हर दूरी की कीमत

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

IndiGo Crises- airfare cap: नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने हाल में इंडिगो एयरलाइंस के ऑपरेशनल संकट और अन्य एयरलाइनों द्वारा मनमाने किराए वसूलने की शिकायतों के बीच यात्रियों के हित में दो बड़े फैसले किए हैं।

पहला, सभी घरेलू उड़ानों के लिए अधिकतम किराया (फेयर कैप) तय किया गया है।

दूसरा, इंडिगो को सभी पेंडिंग रिफंड और फंसे हुए सामान की समस्या तेजी से निपटाने के लिए कड़े आदेश दिए गए हैं।

 

मनमानी किराए पर लगी रोक: अब इतना ही ले सकेंगी एयरलाइनें

हाल के दिनों में इंडिगो की कई उड़ानों के रद्द होने से देशभर के एयरपोर्टों पर हजारों यात्री फंसे रहे।

इस स्थिति का फायदा उठाकर कुछ अन्य एयरलाइनों ने विशेष रूप से प्रभावित मार्गों पर टिकट की कीमतें दो से तीन गुना तक बढ़ा दी थीं।

इस ‘प्राइस गौजिंग’ पर अंकुश लगाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से घरेलू उड़ानों के लिए अधिकतम किराया सीमा तय कर दी है।

यह सीमा तब तक लागू रहेगी जब तक हवाई यातायात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाता।

नए नियम के तहत किराए की अधिकतम सीमा (बेस फेयर, टैक्स से पहले):

  • 500 किलोमीटर तक के सफर के लिए: 7,500 रुपये
  • 500 से 1000 किलोमीटर के सफर के लिए: 12,000 रुपये
  • 1000 से 1500 किलोमीटर के सफर के लिए: 15,000 रुपये
  • 1500 किलोमीटर से अधिक के सफर के लिए: 18,000 रुपये

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोई भी एयरलाइन इस सीमा से अधिक किराया नहीं वसूल सकती।

उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मंत्रालय रीयल-टाइम डेटा और ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स के सहयोग से किराओं पर नजर रखेगा।

इंडिगो को सरकार की ‘अंतिम चेतावनी’

दूसरी ओर, संकट की जड़ इंडिगो एयरलाइंस को लेकर मंत्रालय ने और भी सख्त रुख अपनाया है।

यात्रियों से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद इंडिगो को एक प्रभावी कार्य योजना पेश करने और यात्री हितों की रक्षा के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं।

1. रिफंड का तेज निपटान:

इंडिगो को 7 दिसंबर 2025, रात 8 बजे तक सभी लंबित रिफंड का भुगतान करना अनिवार्य कर दिया गया है।

मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि इस समयसीमा का पालन न होने पर कंपनी के खिलाफ कड़ी जांच और दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।

साथ ही, प्रभावित यात्रियों से किसी भी तरह का री-शेड्यूलिंग शुल्क न लेने का आदेश दिया गया है।

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2. फंसे सामान की 48 घंटे में डिलीवरी:

फ्लाइट रद्द होने से एयरपोर्टों पर फंसे हजारों यात्रियों के सामान को अगले 48 घंटों के भीतर उनके घर या दिए गए पते पर पहुंचाना होगा।

एयरलाइन को यात्रियों से संपर्क कर डिलीवरी का समय तय करना और बैगेज ट्रैकिंग की सुविगा देना होगी।

3. विशेष सहायता तंत्र बनाने के आदेश:

इंडिगो को 24×7 हेल्पलाइन और एक विशेष पैसेंजर सपोर्ट एंड रिफंड सेल बनाने का निर्देश दिया गया है।

इस सेल का काम प्रभावित यात्रियों से स्वयं संपर्क करके उन्हें रिफंड, होटल, भोजन और वैकल्पिक यात्रा की व्यवस्था में मदद करना है।

वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और मेडिकल इमरजेंसी वाले यात्रियों के लिए विशेष देखभाल सुनिश्चित करनी होगी।

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निगरानी और भविष्य की योजना

मंत्रालय ने ‘ज़ीरो-इनकन्वीनियंस पॉलिसी’ का आह्वान करते हुए स्पष्ट किया है कि यात्रियों के अधिकारों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

सरकार पूरी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और आवश्यकता पड़ने पर और भी कदम उठा सकती है।

इन कड़े उपायों का उद्देश्य न केवल मौजूदा संकट को शीघ्र हल करना है, बल्कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए एक रोडमैप तैयार करना भी है।

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