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MP के अतिथि शिक्षकों को मिलेगा 50% आरक्षण, आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी

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MP Guest Teachers: मध्य प्रदेश सरकार ने नए साल से पहले राज्य के हजारों अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत दी है।

सरकार ने घोषणा की है कि नियमित शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों को 50% आरक्षण का लाभ मिलेगा।

इस संबंध में आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई है।

नए साल की सौगात, 50% आरक्षण लागू

मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़ी बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है।

मध्यप्रदेश सरकार ने हजारों संविदा शिक्षकों को नए साल का तोहफा दिया है।

अतिथि शिक्षकों को शिक्षा भर्ती में 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

मध्यप्रदेश शासन ने 27 दिसंबर 2024 को राजपत्र में अधिसूचना जारी की है।

यह अधिसूचना मध्य प्रदेश शासन के नियंत्रक शासकीय मुद्रण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

उम्मीदवार इसे ऑनलाइन देख सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं।

राजपत्र अधिसूचना जारी
राजपत्र अधिसूचना जारी

दरअसल शिक्षा भर्ती के नियमों में संशोधन किया गया है।

इसी कड़ी में अतिथि शिक्षक को 50% आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।

वहीं संविदा शिक्षकों की भर्ती के लिए नियम भी तय किये गए है।

2025 की परीक्षा में लागू होंगे नियम

मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 में संशोधन करते हुए यह प्रावधान जोड़ा गया है।

नए नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे, इसका सीधा लाभ अतिथि शिक्षकों को मिलेगा।

यह नियम वर्ष 2025 में आयोजित होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा से प्रभावी होंगे।

परीक्षा के दौरान रिक्त पदों में से 50% पद अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित रहेंगे।

यदि इन पदों की पूर्ति आरक्षित वर्ग के योग्य शिक्षकों से नहीं हो पाती, तो उन्हें अन्य पात्र उम्मीदवारों से भरा जाएगा।

इन अतिथि शिक्षकों को मिलेगा लाभ –

अतिथि शिक्षकों के लिए यह आरक्षण उन्हीं पर लागू होगा जिन्होंने –

  • न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों तक सेवाएं दी हो।
  • प्रत्येक सत्र में कम से कम 30 दिन कार्य किया हो।
  • कुल 200 दिनों का अध्यापन अनुभव प्राप्त किया हो।

मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद करता है।

वहीं इस निर्णय से राज्य के अतिथि शिक्षकों के बीच उत्साह है।

लंबे समय से संविदा और अस्थायी शिक्षकों द्वारा स्थायी भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की मांग की जा रही थी।

सरकार के इस कदम से हजारों अतिथि शिक्षकों को स्थायित्व की राह मिलेगी और वे भविष्य की परीक्षा में अधिक आत्मविश्वास के साथ भाग ले सकेंगे।

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