MP Cheetah Controversy: 4 दिन पहले सोशल मीडिया पर एमपी के कूनो नेशनल पार्क का एक वीडियो वायरल हुआ था।
इसमें एक शख्स एक चीता फैमिली को पानी पिलाता नजर आया। ये वीडियो काफी वायरल हुआ था।
कुछ लोगों को ये वीडियो बहुत पसंद आया था लेकिन इस वीडियो ने जानवरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे।
मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि कूनो प्रंबधन ने सत्यनारायण गुर्जर उर्फ सत्तू नाम के उस ड्राइवर को नौकरी से ही निकाल दिया।
अब इस मामले में गुर्जर समाज भी सामने आ चुका है और सत्यनारायण का सपोर्ट कर रहा है।
नौकरी पर वापस रखो, वरना- गुर्जर समाज
गुर्जर समाज के एक संगठन पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष, मुखिया गुर्जर ने दिल्ली में घोषणा की है कि अगर 3 दिन में चालक को नौकरी पर पुनः बहाल नहीं किया गया तो श्योपुर में महापंचायत की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सत्यनारायण ने वीरता और साहस से अपनी जान जोखिम में डालकर दया व करुणा और मानवता का आदर्श स्थापित करते हुए चीतों को पानी पिलाया है।
गुर्जर समाज ने मप्र वन विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चालक को वापस नौकरी पर नहीं रखा गया तो कड़े कदम उठाए जाएंगे।

वन विभाग बोला- नियमों का उल्लंघन किया
इस मामले में वन विभाग का बयान भी सामने आया है।
वन विभाग ने ट्रैकिंग टीम के प्रभारी और दूसरे सदस्यों को नियमों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया है।
पार्क प्रबंधन की तरफ से कहा गया है कि ट्रैकिंग टीम को चीतों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है।
स्टाफ ने न केवल इसकी अवहेलना की बल्कि वीडियो बनाकर मीडिया में भी साझा कर दिया। यह नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तम कुमार शर्मा का कहना है कि सामान्य तौर पर निगरानी टीम को निर्देश दिया गया है कि जब भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो तो चीतों को जंगल की ओर वापस मोड़ने एवं लुभाने का प्रयास करें ताकि मानव-चीता संघर्ष की स्थिति न बने।
अतिरिक्त ड्यूटी के लिए मौजूद कूनो वन्य जीव प्रभाग में किराये पर रखे गए वाहन के चालक ने चीतों को पानी पिलाया, जबकि अधिकृत व्यक्ति ही किसी विशेष कार्य के लिए चीते के नजदीक जा सकते हैं।
घटना में फील्ड स्टाफ ने नियमों का उल्लंघन किया और अनुशासनहीनता दिखाई।

क्या है वीडियो में
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो 4 अप्रैल की सुबह का है।
इसमें कूनो नेशनल पार्क की अगरा रेंज में चीता ज्वाला और उसके शावक मानव बस्ती के पास दिखाई दिए थे।
उन्हें जंगल की ओर भेजने के लिए अतिरिक्त फील्ड स्टाफ को बुलाया गया।
इस दौरान ड्यूटी पर तैनात निजी ड्राइवर ने स्टील की परात में भरकर चीतों को पानी पिलाया और लंबे समय तक चीतों के पास ही खड़ा रहा।
खतरों के खिलाड़ी….#VideoViral कूनो नेशनल पार्क का है। प्यासे चीतों को पानी पिला रहे यह शख्स सत्यनारायण गुर्जर हैं। विभाग ने इन्हें सस्पेंड कर दिया है। pic.twitter.com/bjY9iDRt9g
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) April 6, 2025
मेरे पूर्वजों ने शेरों को पानी पिलाया है- सत्यनारायण
इस पूरे मामले में सत्यनारायण का एक बयान भी चर्चा में है जो उसने एक वेबसाइट से बात करते हुए बताया-
‘मेरे पूर्वजों ने शेरों को पानी पिलाया है, मैंने चीतों को पानी पिलाकर कोई गलत काम नहीं किया बल्कि बहादुरी का काम किया है।
मुझे वह प्यासे दिख रहे थे, इसलिए गाड़ी में रखा पानी निकालकर उनकी तरफ बढ़ाया तो वह आ गए।
अगर किसी अधिकारी में ऐसी हिम्मत हो तो करके दिखाएं।’
सत्यनारायण के अनुसार, उनकी गाड़ी रेंजर सुनील सेंगर के यहां चालक सहित अटैच है।
घटना वाले दिन चालक नहीं आया तो वह खुद ही गाड़ी लेकर चला गया था। घटनाक्रम याद करते हुए उन्होंने कहा-
‘मैंने तो दयाभाव से पानी पिला दिया था। आपने वीडियो में देखा होगा कि मैंने पानी डाला और वह शांति से पानी पी रहे हैं।
अगर मैं कोई जबरदस्ती छेड़छाड़ कर रहा होता तो उसे गलत माना जाए।’

1 बार नहीं 3 बार नौकरी से निकाल दें
‘चीतों से यहां के लोग डर रहे हैं। कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने उन्हें पत्थर मारकर भगा दिया जो गलत है।
चीतों से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि वह तो हमारे मित्र हैं। उन्हें लाठी डंडे की से न भगाएं। उनके साथ शांति से पेश आएं। वह प्रेम के भूखे हैं। आप पर कभी हमला नहीं करेंगे।’
‘मेरी कोई सरकारी नौकरी तो है नहीं, प्राइवेट नौकरी है। एक बार नहीं, 3 बार हटा दें, कोई दिक्कत नहीं।’
अब देखना है कि इस मामले में आगे क्या कार्यवाही होती है। बहरहाल चीतों को पानी पिलाने की ये घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है।