Gulab Jamun To Donkeys: मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर में गधों को गुलाब जामुन खिलाए जाने के फोटो-वीडियो वायरल हो रहे हैं।
गधों को गुलाब जामुन खिलाए जाने के फोटो-वीडियो देखकर लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं।
कोई कह रहा है कि यहां इंसानों को खाने के लिए रोटी नहीं मिल पा रही है और गधों को गुलाब जामुन खिलाया जा रहा है।
इसलिए खिलाए गए गुलाब जामुन –
दरअसल, मानसून आने के बाद भी मंदसौर शहर में अच्छी बारिश नहीं हो रही थी।
इस वजह से ही लोगों ने पुरानी मान्यताओं के आधार पर अच्छी बारिश की कामना के साथ गधों से श्मशान में हल चलवाया।
फिर इसके बाद मान्यता (Gulab Jamun To Donkeys) का पालन करने वालों ने श्मशान में ही उड़द और नमक की बुआई की थी।
इस अजीबोगरीब मान्यता का पालन करने वालों ने उस समय ही कहा था कि अगर अब मंदसौर में अच्छी बारिश होती है, तो गधों को गुलाब जामुन खिलाए जाएंगे।
मानसून के कई वेदर सिस्टम एक्टिव होने के बाद अब मंदसौर और इसके आस-पास के इलाकों में झमाझम बारिश शुरू हो गई है जिसके बाद गधों को गुलाब जामुन खिलाए गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल भी बारिश नहीं हुई थी, तब भी इसी तरह मान्यता का पालन किया गया और फिर गधों को गुलाब जामुन खिलाए (Gulab Jamun To Donkeys) गए थे।
पार्षद प्रतिनिधि ने गधे पर बैठकर निकाली थी सवारी –
जानकारी के मुताबिक, मंदसौर में पार्षद प्रतिनिधि शैलेंद्र गोस्वामी भी गधों से श्मशान में हल चलवाने के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
पार्षद प्रतिनिधि ने गधों पर बैठकर श्मशान में ही सवारी भी निकाली थी और उनका कहना था कि यह सब अच्छी बारिश के लिए इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए किया गया है।
गधों से चलवाया हल, करवाई नमक-उड़द की बुआई –
मंदसौर में महू-नीमच रोड पर स्थित श्मशान में गधों से हल चलवाकर उड़द और नमक की बुआई करवाई गई थी।
गधों से इस तरह से हल चलवाने के कार्यक्रम को वहां से गुजर रहे लोग देखने लगे थे और वहां अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई थी।
लोगों को यकीन था कि इस मान्यता को पूरा करने के बाद शहर में अच्छी बारिश होने लगेगी।
पिछले साल भी बारिश नहीं होने पर इसी तरह से गधों से श्मशान में हल चलवाया गया था और नमक-उड़द की बुआई करवाई गई थी।
किसानों के चेहरे पर दिखी खुशी –
मंदसौर और इसके आसपास के इलाकों में पिछले कई दिनों से रूठा मानसून फिर मेहरबान हो गया है जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है।
झमाझम बारिश से बुआई के इंतजार में बैठे किसानों के माथे पर उभर रही चिंता की लकीरें हट गई हैं।
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