17 अप्रैल को ग्वालियर में एक अनोखी शादी हुई, जहां 23 साल की शिवानी परिहार ने पूरे रीति रिवाजों के साथ भगवान लड्डू गोपाल से शादी की। इसके लिए वृंदावन से कई साधु संत और स्थानीय लोग लड्डू गोपाल की बारात लेकर ग्वालियर आए और पूरे विधि विधान से शादी संपन्न की। खास बात ये रही कि शिवानी ने शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन से की, ताकि उसकी शादी को मान्यता मिल सके। न्यू ब्रज विहार कॉलोनी नई सड़क पर रहने वाली शिवानी परिहार ने महीने भर पहले ही लड्डू गोपाल संग अपनी शादी की घोषणा की थी।
मुंहबोले भाई ने किया कन्यादान
शादी में सभी रस्में हुईं, जैसे मेहंदी, तेल, मंडप, फेरे और विदा आदि। शिवानी का कन्यादान पड़ोस में रहने वाले मुंहबोले भाई भाभी गौरव और दिव्यांशी शर्मा ने किया। शिवानी के कन्यादान को गौरव और दिव्यांशी अपना सौभाग्य मान रहे हैं। शिवानी की शादी को लेकर पूरे मोहल्ले में खुशी का माहौल है।
बचपन से लड्डू गोपाल की दुल्हन बनना चाहती थी
शिवानी के पिता राम प्रताप परिहार पेशे से सिक्योरिटी गार्ड हैं और मां मीरा प्राइवेट जॉब में हैं। शिवानी तीन बहनों में दूसरे नंबर की है। शिवानी ग्रेजुएट है और जब से होश संभाला है तभी लड्डू गोपाल के साथ शादी करने के सपने देखती थी। शिवानी का कहना है लड्डू गोपाल से योग्य कोई वर उसके लिए हो ही नहीं सकता है। शिवानी का कहना है कि विदा के बाद वह लड्डू गोपाल के साथ वृंदावन जाएगी और वहां धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करेगी। पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद ग्वालियर आकार अपने माता पिता के साथ रहेगी और उनकी सेवा करेगी।
माता-पिता भी हैं खुश
शिवानी की शादी को लेकर उनके माता – पिता भी खासे उत्साहित नजर आए। शिवानी के माता पिता का कहना है कि वे अपनी बेटी के फैसले से बेहद खुश हैं, क्योंकि उन्हें भगवान श्री कृष्ण से योग्य वर कभी नहीं मिल सकता है। मंगलवार को व्रंदावन से कई संत लड्डू गोपाल की बारात लेकर ग्वालियर आए, जिनका परंपरागत तरीके से आदर सत्कार किया गया। उनके रहने खाने आदि की मैरिज हॉल में व्यवस्था की गई थी। शादी को समाज में मान्यता मिल सके इसलिए शिवानी ने अपनी शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन से की है। क्योंकि विवाह के बाद आयोजकों शादी का प्रमाण पत्र प्रदान करते हैं।
झूम उठे घराती और बराती
शादी का मुख्य कार्यक्रम कैंसर पहाड़िया स्थित मोटे महादेव मंदिर पर किया गया था। जब लड्डू गोपाल पाणिग्रहण संस्कार को लेकर वैवाहिक स्थल पहुंचे तो उपस्थितजन झूम उठे। आलम ये था कि सामूहिक विवाह सम्मेलन में हो रही शादियों के घरातियों और बारातियों को जमावड़ा लग गया। लोग जमकर नाचे और भगवान कृष्ण के गगनभेदी जयकारे लगाए गए। सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन के आयोजक महंत भगवान दास का कहना है कि उन्होंने पहले कभी ऐसी शादी नहीं कराई, ये ग्वालियर की पहली शादी है, जो उनके द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराई जा रही है।
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