Happy Birthday Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव 25 मार्च को अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई बड़े नेताओं ने उन्हें जन्मदिन (Mohan yadav 60th birthday) की बधाई दी है।
राजधानी भोपाल में भी उनके जन्मदिन के लिए काफी तैयारियां की गई हैं और कार्यकर्ता जोर-शोर से इस खास दिन पर जश्न मना रहे हैं।
लेकिन कुछ ही देर में सीएम राजधानी छोड़कर अपने गृह नगर उज्जैन जाएंगे।
यहां वो बाबा महाकाल का आर्शीवाद लेंगे और अपने पूरे परिवार के साथ जन्मदिन मनाएंगे।
हमेशा उज्जैन में ही जन्मदिन मनाते हैं सीएम (Mohan Yadav in Ujjain)
डॉक्टर मोहन यादव सीएम बनने के बाद भी राजधानी की बजाय हमेशा अपने गृहनगर उज्जैन में ही जन्मदिन मनाते हैं।
जन्मदिन के अलावा अन्य खास मौकों पर भी सीएम उज्जैन में अपने परिवार के साथ रहना पसंद करते हैं।

सीएम हाउस में अकेले रहते हैं मोहन यादव (mohan yadav CM House)
आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉक्टर मोहन यादव भोपाल में सीएम हाउस में अकेले ही रहते हैं, जबकि उनका पूरा परिवार उज्जैन में रहता है।
अन्य परिवारों से अलग सीएम और उनकी फैमिली ने अपनी जड़ों नहीं छोड़ा है।
हालांकि, उनके परिवार का भोपाल में आना-जाना लगा रहता है।
ऐसा है सीएम मोहन का परिवार (mohan yadav family)
अपनी सादगी के लिए प्रसिद्ध डॉ. मोहन यादव एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं।
सीएम के परिवार में उनकी पत्नी सीमा यादव और तीन बच्चे हैं। दो बेटे और एक बेटी।

उनका बड़ा बेटा अभिमन्यु यादव डॉक्टर हैं और मध्यप्रदेश के मेडिविजन प्रमुख रहे।
बेटी आकांक्षा यादव डायग्नोलॉजिस्ट सर्जन है और उनकी शादी हो चुकी है।

छोटा बेटा वैभव यादव एलएलबी-एलएलएम, उज्जैन महानगर में सहमंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में।
इसलिए सीएम हाउस से दूर है परिवार
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक इंटरव्यू में इस बातका खुलासा किया था कि क्यों वो अपने परिवार, खासकर बच्चों को सीएम हाउस से दूर रखते हैं।
सीएम ने कहा था कि परिवार पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से जिम्मेदारियां प्रभावित हो सकती हैं।
मेरा बच्चा भोपाल में पढ़ रहा है। उसने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर ली है और अब एमएस कर रहा है।
अब आप ही बताइए, अगर वह यहां के आवोहवा में रहेगा तो उसकी पढ़ाई हो पाएगी।
इसलिए अगर उसे ठीक से पढ़ाई करनी है तो उसे उसी पर ध्यान देना चाहिए।
डिग्री मिलने के बाद उसे सोचना है कि क्या करना है।

बच्चे भी इससे सहमत हैं। मुझे इस बात की संतुष्टि है कि मेरे परिवार में इस बारे में सकारात्मक सोच है।
परिवार के लोगों को भी परेशानी नहीं है।
बेटे की शादी भी अलग जगह पर की
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया हमने अपने बेटे की शादी भी अलग जगह की।
चाहते तो सीएम हाउस में लाखों लोगों को बुला सकते थे।
लेकिन हमने भीड़ भाड़ से दूर जाकर सादगी के साथ शादी की।
प्रतिमान बनाने के लिए खुद का मन कड़क करना होगा।
अगर हम ऐसा करेंगे तभी बात नीचे तक जाएगी।

CM ने तोड़ा उज्जैन के राजा से जुड़ा ये मिथक
मोहन यादव के सीएम बनने से पहले तक कहा जाता था कि उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर की परिधि में कोई भी राजा, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री रात नहीं रुक सकता है।
अगर किसी ने ऐसा किया तो उसे बाबा महाकाल के क्रोध का सामना करना पड़ेगा, पर मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने इस मिथक को तोड़ दिया।
13 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के पांच दिन बाद 17 दिसंबर को उन्होंने उज्जैन में ही अपने गृहनगर उज्जैन के गीता कॉलोनी स्थित निवास रात्रि विश्राम किया था।
इससे पहले के कई मुख्यमंत्रियों ने उज्जैन में रात नहीं बिताई।
यहां तक कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उज्जैन में रात गुजारने से परहेज किया।

सीएम ने ही बताया मिथक का राज
डॉ.मोहन यादव का कहना है कि तत्कालीन राजा महादजी सिंधिया के निधन के बाद दौलत राव सिंधिया राजधानी को उज्जैन से ग्वालियर ले जाना चाहते थे।
1812 में वे राजधानी तो ले ही गए, धीरे से एक मंत्र फूंक गए कि यहां (उज्जैन) कोई राजा रात को नहीं रहेगा, जिससे कोई कब्जा करने नहीं आए।
यह उनकी राजनीतिक रणनीति थी। अब हम भी कहते हैं कि राजा रात नहीं रहेगा।
अरे, राजा तो बाबा महाकाल हैं, हम सब तो बेटे हैं उनके, क्यों रात नहीं रहेंगे?
बाबा तो जन्म देने वाले हैं। आशीर्वाद देने वाले हैं।
ये बात सही है कि लोग अपने हिसाब से तो मुख्यमंत्री कहेंगे, लेकिन मैं तो मुख्य सेवक के रूप में ही काम कर रहा हूं।
इस तरह मोहन यादव ने उज्जैन में रात बिताने का मिथक तोड़ दिया।
View this post on Instagram
संघर्षों में बीता बचपन (mohan yadav struggle)
मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को उज्जैन में हुआ था।
उनके पिता का नाम पूनमचंद यादव है, जिनका पिछले साल ही देहांत हुआ है।
मोहन यादव का बचपन काफी संघर्षों में बीता।
मोहन यादव के चाचा की चाय की दुकान हुआ करती थी, जहां स्कूल से फ्री होने के बाद मोहन हाथ बटाया करते थे।
इसी दुकान पर मोहन यादव समोसे भी बनाया करते थे।

मोहन यादव ने खेती बाड़ी के कामों में भी पिता का हाथ बंटाया।
काफी पढ़े-लिखे हैं सीएम (CM Mohan Yadav education)
सीएम की सबसे खास बात ये है कि कठिन संघषों के बीच भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।
डॉ. मोहन यादव काफी पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने विक्रम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है, उन्होंने MBA, LLB और PhD की भी पढ़ाई की है।
माधव विज्ञान महाविद्यालय कॉलेज में मोहन यादव 1982 में छात्रसंघ के सह सचिव चुने गए थे, यहीं से उन्होंने राजनैतिक करियर की शुरूआत की थी।
आरएसएस में रहे सक्रिय (CM Mohan Yadav RSS)
डॉ. यादव 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) उज्जैन के नगर मंत्री बने।
1986 में उन्होंने विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली।
वे 1988 में ABVP मध्य प्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे।
1989-90 में वे परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और 1991-92 में राष्ट्रीय मंत्री रहे।
1993-95 में वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS), उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खंड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे।

41 साल के इंतजार के बाद बने सीएम
वे पहली बार 2013 में विधायक बने। 2018 में भी पार्टी ने उन पर भरोसा किया और वे चुनाव जीतने में सफल रहे।
वे बीजेपी में कई पदों पर रहे।
2020 में जब बीजेपी की सरकार बनी, तो 41 साल के इंतजार के बाद उन्हें मंत्री पद मिला था।

अमीर मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में नाम (Top 5 richest cm of country)
एडीआर की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव 42 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ पांचवें स्थान पर हैं।
दिसंबर 2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे। उस समय मोहन यादव ने अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी।
एडीआर की रिपोर्ट में मुख्यमंत्रियों की संपत्ति का खुलासा किया जाता है।
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि किस मुख्यमंत्री के पास कितनी संपत्ति है और किस पर कितना कर्ज है।
All photo credits- CM Mohan Yadav Instagram