Hathras Stamped Update: नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण सकार उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ और 123 लोगों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिस पर सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की गई है।
इससे पहले हाथरस हादसे की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी ने योगी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। अब इस रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया गया है।
इस रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम और सीओ के खिलाफ एक्शन हुआ है। सरकार ने दोनों के साथ-साथ 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
खबरों के मुताबिक, एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में आयोजकों को जिम्मेदार माना है। आयोजकों ने 80 हजार की भीड़ जुटाने की अनुमति ली थी, लेकिन सत्संग में ढाई लाख से अधिक भक्त शामिल हो गए। यही भगदड़ का कारण रहा।
एसआईटी के करीब 300 पन्नों की रिपोर्ट में मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं समेत 119 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं।
एसआईटी ने हाथरस डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल, एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ के साथ 2 जुलाई को सत्संग के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के भी बयान दर्ज किए।
सत्संग में मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने मुख्य आरोपी और कार्यक्रम के आयोजक देव प्रकाश मधुकर और 2 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
हाथरस में हुई भगदड़ की घटना (Hathras Stamped Update) के मामले में हाथरस एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि मुख्य आरोपी और कार्यक्रम के आयोजक देव प्रकाश मधुकर और 2 अन्य आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है जबकि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम जुटी हुई है।
वहीं हादसे के 4 दिन बाद सामने आए सूरजपाल उर्फ ’भोले बाबा’ ने मीडिया से कहा था कि वह 2 जुलाई की घटना के बाद बहुत ही व्यथित है। उसने हादसे को साजिश बताया था।