Hathras Stampede Eyewitness: 2 जुलाई को हुए हाथरस में हुई भगदड़ में करीब 122 जानें चली गई। जहां लोग अपनों के गम में बिलख रहे हैं वहीं प्रशासन हादसे की वजह ढूंढने में लगी हुई है। इस बीच हादसे की एक चश्मदीद का बयान सामने आया है, जिसने इस घटना का आंखों देखा हाल सुनाया।
ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल शीला मौर्या का बयान
भोले बाबा के सत्संग में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात यूपी पुलिस की कांस्टेबल शीला मौर्या अभी हॉस्पिटल में एडमिट हैं जहां मीडिया उनसे सवाल करने पहुंचीं तो उन्होंने सारी घटना बताई-
“मैं मंच के सामने तैनात थी। आयोजन समाप्त होने के बाद वहां बहुत भीड़ थी। जो एक साथ ही बाहर निकलने लगी। ऐसे में लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। मैंने कई महिलाओं की मदद की, लेकिन बाद में मैं भी गिर गई। जिससे मुझे काफी चोटें आईं।
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मैं लोगों को बचाने की कोशिश कर रही थी
शीला ने आगे बताया कि वहां कीचड़ था और खेत था, जिस वजह से भीड़ वहां फंस गई। मेरी ड्यूटी घटनास्थल से थोड़ी आगे थी। लेकिन मैं लोगों को बचाने में लगी थी। जिस वजह से खुद भी घायल हो गई। उस वक्त वहां सर्वाइव करना बहुत मुश्किल था।
#WATCH | UP Police constable Sheela Maurya, who was on security duty at the Hathras religious event where the stampede occurred on July 2, narrates how the incident happened
“I was deputed in front of the stage. There was a huge crowd there after the event concluded. People… pic.twitter.com/nKVdBWD7Gk
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 4, 2024
सीएम को भी बताई घटना की कहानी
बीते रोज सीएम भी घायलों का हाल चाल पूछने पहुंचे थे। जहां उन्होंने शीला से भी मुलाकात की। ऐसे में शीला ने उनको भी इस दुखद घटना का पूरा ब्यौरा दिया।
गलती किसकी
जब शीला से ये पूछा गया कि गलती किसकी थी तो उन्होंने कहा- मैं ये कैसे कह सकती हूं कि गलती किसकी थी, वहां पब्लिक बहुत ज्यादा थी और परमिशन शायद कम लोगों की ली थी। जिस वजह से ये सब हुआ।
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इस बीच, हाथरस हादसे (Hathras Stampede) में प्रशासन की पहली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि सत्संग में हादसा भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से हुआ। बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की जिससे भगदड़ मच गई।
जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंच गए थे। भगदड़ हुई तो सेवादार गेट पर खड़े हो गए।
उन्होंने लोगों को रोक दिया। इसके बाद भीड़ खेतों की तरफ भीड़ मुड़ गई और नीचे बैठे और झुके श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई।